गुरुवार, 10 दिसंबर 2009

बाराक ओबामा नार्वे में नोबेल पीस इंस्टी ट्यूट पहुंचे- शरद आलोक

बाराक ओबामा नार्वे में नोबेल इंस्टीट्यूट पहुंचे- सुरेशचंद्र शुक्ल 'शरद आलोक'
नोबेल इंस्टी ट्यूट की पुस्तिका पर लिखते हुए

राजमहल में राज-परिवार के साथ ओबामा और मिशेल

बाराक हुसैन ओबामा ओस्लो एयरपोर्ट पर आज 10 दिसंबर को 8 बजकर 45 मिनट पर पहुंचे। ८ बजे तक गीली बरफ गिरती रही। पर ओबामा के पहुँचने तक बरफ का गिरना बंद हो चुका था। मौसम में धुंधलका छाया हुआ है।

एयरपोर्ट पर पहुंचकर ओबामा और मिशेल ओबामा नोबेल समिति की सदस्य काछी कुल्मान फीवे, विदेशमंत्री युहान स्तोरे और ओस्लो में अमेरिका की राजदूत व्हाईट से मिले और एक कार में बैठकर एक किलोमीटर कर के काफिले के साथ नोबेल पीस इंस्टीट्यूट पहुंचे और वहां की गेस्ट और नोबेल पुस्तक पर ओबामा और मिशेल ने अपने विचार लिखे जहाँ नोबेल समिति के सदस्यों और निदेशक गैर लुन्स्ताद उपस्थित थे।


नोबेल पीस इंस्टी ट्यूट के ५० मीटर की दूरी पर ग्रीन पीस समिति के कुछ सदस्य अपना प्रदर्शन कर रहे थे तथा कुछ दूर खड़े रेड बारना, बच्चों की एक संस्था जो नोबेल पुरस्कार विजेता के लिए एक बच्चों की तरफ़ से स्वागत करती है और उनसे वार्तालाप करती है। इस बार समयाभाव होने के कारण रेड बारना के ये बच्चे ओबामा से नहीं मिल सकेंगे।
ओबामा नार्वे में लोकप्रिय हैं
५० ००० ओबामा को नोबेल पुरस्कार प्राप्त करते सामने से देखना चाहते हैं, यह सूचना दी ओस्लो के मेयर फाबियान सतांग ने। सभी नार्वे के बड़े समाचार पत्र ओबामा और नोबेल शान्ति पुरस्कार से भरे पड़े हैं।

ओबामा नोबेल पीस इंस्टीट्यूट से प्रधानमंत्री कार्यालय में १७ वीन मंजिल पर गए जहाँ १० बजकर ३० मिनट पर प्रेस कांफ्रेस में भाग लेंगे। प्रेस कांफ्रेंस में केवल दो प्रश्न पूछे जायेंगे। एक नार्वेजीय प्रेस की तरफ़ से और एक प्रश्न अमेरिकी प्रेस की तरफ़ सेपूछा जाएगा। प्रधानमन्त्री कार्यालय में अमेरिका के ९ और नार्वे के ९ प्रतिनिधि मिलेंगे। यहाँ वह ३५ मिनट रहेंगे।
प्रधानमन्त्री कार्यालय में ओबामा, प्रधानमंत्री जेन्स स्तूल्तेंबेर्ग
प्रेस कांफ्रेंस एक डिलेमा
पहले प्रेस कांफ्रेस को बिल्कुल ही कार्यक्रम से हटा दिया गया था। बहुत से समाचार पत्रों ने आश्चर्य व्यक्त किया था। प्रेस कांफ्रेंस न करने का कारण यह बताया गया की राष्ट्रपति बाराक ओबामा इस पुरस्कार का अमेरिका में मीडिया और लोगों का विरोध कम करने के लिए इसे हाई फाई तरीके से न मनाना बताया और इसे उसका एक हिस्सा मीडिया में बताया गया ।
आम तौर पर नोबेल शान्ति पुरस्कार विजेता पुरस्कार प्राप्त करने के लिए तीन दिन के लिए आते हैं जबकि ओबामा एक दिन के लिए आए हैं। इस सम्बन्ध में आज नार्विजन नोबेल शान्ति समिति के निदेशक गैर लुन्द्स्ताद ने टी वी को आज नौ बजे बताया, की पहले से ही ओबामा की नार्वे यात्रा एक दिन ही तय हुई थी।
प्रेस कांफ्रेंस में ओबामा
प्रेस कांफ्रेंस में ओबामा ने बताया: जब मुझे यह सूचना मिली थी की मुझे नोबेल पुरस्कार दिया जा रहा है तो मुझे बहुत आश्चर्य हुआ था। मुझसे ज्यादा अन्य लोग उपयुक्त थे नोबेल पुरस्कार के लिए। प्रधानमंत्री येन्स स्तूलतेन बर्ग ने ओबामा को पुरस्कार दिया जाना उचित, बहुत आवश्यक और विश्व की समस्याओं को मिलकर दूर करने की दिशा में उपयोगी बताया।
अत्याधिक दायें बाजू की पार्टी की नेता सिव येनसेन ने कहा की ओबामा को बहुत जल्दी पुरस्कार मिल गया।
पूर्व प्रधानमंत्री और दायें बाजू की पार्टी के पूर्व नेता कोरे विलोक ने ओबामा को यू एस ऐ का सबसे अच्छा राष्ट्रपति बताया। विदेश विकास मंत्री और पर्यावरण मंत्री एरिक सूलहाइम ने ओबामा की बहुत तारीफ की।
राजा से मुलाकात
बाराक ओबामा और मिशेल ओबामा राजा हराल्ड पंचम के महल में मिलने गए और १५ मिनट राजा से बातचीत की जहाँ उन्हें जल-शरबत आदि परोसा गया। आगामी समाचार शीघ्र ही प्रकाशित किया जाएगा।
विरोध में प्रदर्शन
पार्लियामेंट के बाद ओबामा द्वारा अफगानिस्तान में सैनिकों को भेजने के विरोध में प्रदर्शन किया गया। एक बड़ा विरोध प्रदर्शन १८:०० बजे आयोजित किया गया है।
स्वागत में मशाल जुलुस
शाम को १८: ०० बजे एक मशाल जुलूस ग्रांड होटल के सामने से गुजरेगा। जिसमें हजारों लोग भाग लेंगे। पुरस्कार विजेता हाथ हिलाकर अभ्वादन करते हैं।

बुधवार, 25 नवंबर 2009

शान्ति के दीप जलाओ बन्धु! - शरद आलोक

शान्ति के दीप जलाओ बन्धु! (मुंबई हमले के एक वर्ष पूरे होने पर)
-शरद आलोक
२६ नवम्बर को मुंबई में
हिंसा की खींच गयी लकीर।
आतंकियों नें नंगा नाच किया
होटलों में हाहाकार मचा।
अमानुषों की बर्बरता से
कितने निहत्थे, शांतिदूतों के हुए क़त्ल।
कितनी माताओं की गोद छिनी,
कितने ही हुए अनाथ यहाँ।

हिंसा से बर्बरता, पशुता
आतंकी का घिनौना चेहरा
मंडराया था मुंबई में।

गांधी के देश में,
हिंसा का तांडव बंद करो
अपनी माता के दूध के खातिर
आतंकी हमला ख़त्म करो।

शान्ति की मशाल लिए कवि फिरता
द्वार-द्वार पर देता दस्तक
जिनके घरों में न जले हों चूल्हे,
उनको दो रोटी और प्रेम
घायल, पीड़ित हों जहाँ -जहाँ
उन्हें लगाओ मरहम बन्धु!
अपने कदम बढाओ बन्धु!
शान्ति के दीप जलाओ बन्धु!
ओस्लो, २५ नवम्बर २००९

शुक्रवार, 20 नवंबर 2009

मेरी पहली पंजाबी कविता 'की करिए' -शरद आलोक



मेरी पहली पंजाबी कविता कैसे लिखी गयी- शरद आलोक

मी एक मित्र पंजाबी के अच्छे लेखक हैं। वह भी यहाँ रहते हैं, राय भट्टी जी। कभी अन्य अवसर पर उनका जिक्र होगा। यदि उनकी अच्छी सलाह न मिलती तो कविता अभी न लिखी जाती। आप भी आनन्द लीजिये कविता का।


सोमवार, 16 नवंबर 2009

नार्वे में मनाया गया पंडित जवाहर लाल नेहरू का जन्मदिन

नेहरू का जन्म दिन गीत संगीत के संग -शरद आलोक


राय भट्टी कविता नें नेहरू जी को शान्ति का दूत बताया और पंजाबी में कवितापाठ किया



१४ जनवरी को ओस्लो में पंडित जवाहर लाल नेहरू जी का जन्मदिन लेखक गोष्ठी में मनाया गया। कार्यक्रम में स्थानीय सर्वोच्च नेता थूरसताइन विन्गेर कार्यक्रम के मुख्य अतिथि और सञ्चालन किया शरद आलोक ने। अनुराग सैम ने सत्स्वर भजन गाये जिन्हें बहुत पसंद किया गया।
कवितायें पढ़ीं: राजकुमार भट्टी, राय भट्टी, इंदरजीत पाल, इंगेर मारिये लिल्लेएन्गेन , नीलम, मंजीत कौर और शरद आलोक ने पढ़ीं। नेहरू जी के जीवन और राजनैतिक कार्यों पर प्रकाश डाला गया। कार्यक्रम में बहुत संख्या में बच्चों ने भाग लिया।

शनिवार, 14 नवंबर 2009

Forfatterkafe' på Veitvet. Vi feirer Jawahar Lal Nehrus fødselsdag

ओस्लो में आज जवाहर लाल नेहरू का जन्मदिन मनाया जाएगा

लेखक गोष्ठी में शाम चार बजे Kl. 16:00.
Forfatterkafe' på Veitvet
den 14. november 2009
Kl. 16:००
Med dikt, foredrag og musikk
på Stikk Innom, Veitvetsenter, Veitvetveien 8 i Oslo
Velkommen
Det er gratis

रविवार, 8 नवंबर 2009

हबीब तनवीर नाटक की दुनिया में बेमिसाल रंगकर्मी-शरद आलोक

जीवन की आस्थाओं को आम आदमी तक पहुंचाने वाले हबीब तनवीर- शरद आलोक





सुप्रसिद्ध रंगकर्मी: नाटककार और कलाकार हबीब तनवीर के निधन से एक ऐसा स्थान रिक्त हुआ है जिसकी भरपाई नहीं हो सकती। रंगमंच से जुडना, आम आदमी और जन-जन तक अपने संदेश को पहुँचाना, स्वयं रंगमंच के लिए हर तरह का कार्य करना सिखाया है हबीब तनवीर जी ने। ८५ वर्ष की आयु में उनका निधन हो गया। वह ३ सप्ताह से बीमार थे।
एक सितम्बर १९२३ में रायपुर में हुआ और हबीब तनवीर ८ जून २००९ को हम सबसे विदा हो गए। आज पांच महीने बाद उनकी याद में कुछ शब्द लिखने पर मजबूर यह रंगकर्मी लेखक स्वयं जानता है कि इस मार्ग में कितनी रुकावटें हैं। पर कितना सुकून मिलता है जब एक कथा पर सोचते हुए उसे नाटक अथवा फ़िल्म के लिए पटकथा लिखने और उसे फिल्मांकन के बाद होता है। ऐसा लगता है कि यह केवल विचारों में नहीं हुआ, लेखन के समय केवल अनुभव नहीं हुआ बल्कि वह आने वाले समय में कुछ समय यादों में भी सुमार किया जाए।
मुझे इस अवसर पर अपने एक रंगकर्मी मित्र बशीर कि याद आ रही है जो ऐशबाग लखनऊ कि पुलिस चौकी के समीप रहते थे। उसके पहले वह ऐशबाग रामलीला मैदान के पीछे बसी झोपडी में रहते थे। वह नौटंकी में विदूषक की भूमिका निभाते थे। बशीर को मैंने अन्तिम बार लगभग १२ वर्ष पहले देखा था। उनकी आयु ६० वर्ष से ऊपर थी। काश कभी भविष्य में लखनऊ में कोई ऐसा लेखक और रंगकर्मी भवन बने और उसमें हर वर्ग के हर कोने से रंगकर्मी और लेखक आयें और एक दूसरे के समीप आयें और मिलकर दुखदर्द दूर करें।
हबीब तनवीर ने अनेक नाटकों कि रचना कि जिसमें 'लाहौर नहीं वेख्या, वो जन्म्या नहीं', 'आगरा बाजार' और 'चरणदास चोर ' जैसे कई प्रसिद्ध नाटक दिए।
उन्होंने कई हिन्दी फिल्मों में काम भी किया था। हाल ही में सुभाष घी कि बनी फ़िल्म 'ब्लैक एंड वाइत' काम किया था। उन्हें पद्म विभूषण से भी सम्मानित किया गया था।

शनिवार, 7 नवंबर 2009

Indian road show in Oslo

India promote tourism through road show in Oslo



























Kumari Selja, ministaer of tourism in oslo

सोमवार, 2 नवंबर 2009

नेहरू जी का जन्मदिवस ओस्लो में मनाया जाएगा

Velkommen til Kulturkafe` for alle på Veitvet
भारत के प्रथम प्रधानमन्त्री जवाहर लाल नेहरू के जन्म दिवस पर लेखक गोष्ठी १४ नवम्बर को शाम चार (१६:००) बजे


Kulturkafe' for alle ( Forfatterkafe') på Veitvet
med dikt, musikk, foredrag og diskusjon
lørdag den 14. november 2009 kl 16:00
Sted: Stikk Innom, på Veitvetsenter, Veitvetvn. 8, Oslo
Arrangør:
Indisk-Norsk Informasjons -og Kulturforum
Pb 31 Veitvet, 0518 Oslo

रविवार, 1 नवंबर 2009

शरद आलोक के अभिनन्दन ग्रन्थ की चर्चा और सम्मानित किया ओस्लो के पञ्जाबी कवियों ने

प्रवासी साहित्यकार शरद आलोक का सम्मान पंजाबी कवियों द्वारा

बाएँ से मो रियाज गोन्दल, पञ्जाबी के प्रवासी कवि राय भट्टी, इंदरजीत पाल, सुखदेव सिद्धू, सुरेशचन्द्र शुक्ल 'शरद आलोक' अशरद भट्ट और जान दित्ता दीवाना होटल प्लाजा में शरद आलोक के अभिनन्दन ग्रन्थ की चर्चा करते हुए.
शरद आलोक के अभिनन्दन ग्रन्थ पर चर्चा और सम्मान
ओस्लो के पञ्जाबी शायरों की तरफ़ से सुरेशचन्द्र शुक्ल 'शरद आलोक' पर छपे अभिनन्दन ग्रन्थ पर चर्चा हुई और कवि गोष्ठी संपन्न हुई। जिसमें राय भट्टी, इंदरजीत पाल, सुखदेव सिद्धू , मो रियाज गोन्दल, खालिद थथाल, जान दित्ता दीवाना, एडवोकेट अरशद बट्ट और सुरेशचन्द्र शुक्ल 'शरद आलोक' ने अपनी रचनाएं पढ़ी राय भट्टी ने अपने संस्मरण सुनते हुए कहा की यह ग्रन्थ प्रवासी साहित्य का अहम हिस्सा है और अनेक भाषाओँ में छपना अपने आप में बड़ी बात है। और इंदरजीत पाल ने कहा कि जो धन से दूर उसकी कीमत को नकार कर साहित्य रचना करना उसी तरह है जैसे शरद आलोक ने लिखा है 'नहीं लेंगे वह डालर जिससे मैला होता हो कालर।'

इंडो -नार्विजन सोसाईंटी की ५० वीं वर्षगाठ पर कार्यक्रम-शरद आलोक

इंडो नार्विजन सोसाइटी की ५० वीं वर्षगाँठ पर न भूलने वाली शाम - शरद आलोक


बाएँ से मनोज मिश्रा Manoj Misra , महामहिम बोन्बित ए राय बोन्बित Bonbit A Raiऔर Osmund Kalheim ओसमुन्द कालहाइम दीप जलाते हुए

संस्था के संस्थापक सदस्य हान्स याकूब उत्फेल्ट और स्वेर्रे गुलसेट ५० साल बाद भी भारत-नार्वे संबंधों को मजबूत की दिशा में विचार कर रहे हैं ।

हान्स याकूब उत्फेल्त ऐतिहासिक भाषण देते हुए


गणमान्य मेहमान
इंडो नार्विजन सोसाइटी की ५० वीं सालगिरह धूमधाम से ओस्लो के थीने मेइरी में संपन्न हुआ। कार्यक्रम का शुभारम्भ हमारे राजदूत महामहिम बोन्दित राय और इमिग्रेशन विभाग के डायरेक्टर ने जला कर किया । अध्यक्ष मनोज मिश्रा, राज नरूला और डॉ नजमा जी ने कार्यक्रम को सुचारू रूप से संचालित किया। बहुत से लोगों ने अपने भावपूर्ण और शिक्षाप्रद वक्तव्य दिए। महात्मा गाँधी जी को भी याद किया गया। इस अवसर पर अनेक भारतीय मूल के युवाओं को सम्मानित किया गया वे हैं लवलीन कौर, सम्पदा शर्मा , नवजोत कौर, हिमांशु गुलाटी, भारत शुक्ला, जयशंकर और रोहिणी सहजपाल, चिराग पटेल, और माला नवीन।
ओसमुंद कालहाइम, हान्स याकूब उत्फेल्ट, स्वेर्रे गुलसेट तथा महामहिम बोन्बित ए राय जी ने अपने प्रभावपूर्ण वक्तव्य दिए और शुभकामनाएं भेंट की।
कितने गर्व की बात है और प्रेरणा की भी की ५० वर्ष बाद भी स्वेर्रे गुलसेट Sverre Gulseth ने इंडो नर्विजन सोसाइटी द्वारा किए गए भारत से नार्वे का सहयोग बढाने की दिशा में महत्व को बहुत प्रभावपूर्ण ढंग से बनाये रखा।
कार्यक्रम में अनेक गणमान्य लोग उपस्थित थे। सांस्कृतिक कार्यक्रम ने वातावरण रंगमय बना दिया। राजेश भटनागर ने थीने मेंइरी की तरफ़ से स्वागत किया।

शनिवार, 24 अक्तूबर 2009

ओस्लो में संयुक्त राष्ट्र दिवस पर कार्यक्रम

आमंत्रण INVITASJON den 25 . Oktober kl. 13:00
Indisk-Norsk Informasjons -og Kulturforum inviterer deg til

Kulturkaffe/ Forfatterkaffe for alle

dikt av Liv Evensen, Inger Marie Lilleengen, Suresh Chandra Shukla, Rai Bhatti, Inderjit Paul og Raj Kumar Bhatti.
Anurag Sam vil singe sang av Mahatma Gandhi
Hovedgjest Torstein Winger vil si om FN-dagen
Maya Bharti vil ønske velkommen.
søndag den 25. oktober kl. 13:00 på Veitvet Kultursenter/SFO (Baksiden av Veitvet skole,Oslo) भारतीय- नार्वेजीय सूचना और सांस्कृतिक फॉरम की और से आपको आमंत्रित किया जाता है
संयुक्त राष्ट्र दिवस के अवसर
सांस्कृतिक काफी पर कविता और संगीत के साथ।
रविवार २५ दिसम्बर को दिन में दोपहर १३:०० बजे
स्थान : Veitvet Veitvet kulturhus/SFO ( वाइत वेत स्कूल के पीछे) Oslo
For mer informasjon ta kontakt på tlf. 22 25 51 57

२४ अक्टूबर को संयुक्त राष्ट्र दिवस पर ओस्लो में विभिन्न कार्यक्रम संपन्न हुए

लिटरेचर हाउस ओस्लो में बच्चों के अनेक कार्यक्रम हुए
ड्राइंग, फ़िल्म और बालीवुड नृत्य मुख्य आकर्षण थे।
बालीवुड नृत्य सिखाती हुई दो कलाकार युवतियां।
पार्लियामेंट से लिटरेचर हॉउस तक बच्चों का जुलुस दिन में १२ बजे निकाला गया।

शाम को वित वेत सेंटर में चिली कल्चर हाउस ओस्लो में शाम को सांस्कृतिक कार्यक्रम संपन्न हुआ।
भांगडा नृत्य बहुत पसंद किया गया ।
कार्यक्रम में नृत्य प्रतियोगिता हुई जिसमें संगीता शुक्ल सीमोन सेन ने जूरी की तरफ़ से पुरस्कार की घोषणा करते हुए सभी भाग लेने वाले प्रतियोगियों की खूबियाँ बतायी। aaइडा आइदा ने पुरस्कार वितरित किए और लुईस ने सञ्चालन किया।

संयुक्त राष्ट्र संघ दिवस पर लेखक गोष्ठी 25 अक्टूबर को ओस्लो में

आमंत्रण INVITASJON
भारतीय -नार्वेजीय सूचना एवं सांस्कृतिक फॉरम आपको सादर आमंत्रित करती है।
रविवार 25 अक्टूबर को दिन में 13:00 बजे लेखक कैफे Forfatterkaffe
कविता और संगीत के साथ संयुक्त राष्ट्र दिवस पर मनाया जा रहा है।
स्थान : Veitvet kultursenter/SFO ( Baksiden av Veitvet skole, Oslo) वाइतवेत स्कूलके पीछे, ओस्लो, नार्वे

मंगलवार, 20 अक्तूबर 2009

New Government in Norway

New Government in Norway


Primeminister Jens Stoltenberg in Norway have presented his government today (20.10.09) in Oslo. 50% ministers are women.



Suresh Shukla congratulate minister Liv Signe Navarsete


Suresh Shukla congratulate cultur-minister Anniken Huitfeldt

नार्वे में ने सरकार का गठन, प्रधानमंत्री येन्स स्तूलतेनबर्ग ने मंत्रिमंडल की घोषणा की -शरद आलोक

नयी सरकार को हार्दिक बधाई
प्रधानमंत्री येन्स स्तूलतेनबर्ग हाथ हिलाकर अभिवादन करते हुए

नार्वे में नयी सरकार का गठन। कई नए और कई पुराने चेहरे मंत्रिमंडल में। ५० प्रतिशत महिला और ५० प्रतिशत पुरूष मंत्री बने। नार्वे में अरबाइदर पार्टी, सोशलिस्ट लेफ्ट पार्टी और सेंटर पार्टी की मिलीजुली सरकार है। हमने नयी सरकार को बधाई दी। (ओस्लो, २०.१०.०९)

नए वित्त मंत्री सिगब्योर्न जोन्सोन को बधाई देते शरद आलोक

एस वे नेता और शिक्षा मंत्री क्रिस्तीन हालवूरसेन भारतीयों के साथ

सेंटर पार्टी की अध्यक्ष और गृह मंत्री को बधाई देते शरद आलोक
शरद आलोक नव निर्वाचित सांस्कृतिक मंत्री आनिके को बधाई देते शरद आलोक

सोमवार, 12 अक्तूबर 2009

गुड़िया का घर Et dukkehjem av Henrik Ibsen og oversatt av Suresh Chandra Shukla निर्देशन आनन्द शर्मा का सफल प्रदर्शन लखनऊ में 7 और 8.10.09 को संपन्न

लखनऊ, भारत में 'गुड़िया का घर' Et dukkehjem av Henrik Ibsen
की खूबसूरत प्रस्तुति
फिल्माचार्य आनन्द शर्मा द्वारा निर्देशित और सुरेशचंद्र शुक्ल 'शरद आलोक द्वारा हिन्दी में अनुदित नाटक का भाग आप यहाँ देख सकते हैं अभिनय: नूरा ( प्रिया) और क्रूग्स्ताद (योगेन्द्र विक्रम):
http//www.youtube.com/watch?v=H5SVVpjVJLw
निर्देशक आनन्द शर्मा
नाटक का एक दृश्य
नाटक का दृश्य

नूरा (प्रिया) लिंदे ( साधना वर्मा) गुड़िया का घर में
सूर्य महिला कल्याण समिति के तत्वाधान में हेनरिक इबसेन Henrik Ibsen के नाटक 'गुड़िया का घर' Et dukkehjem का सुरेशचन्द्र शुक्ल 'शरद आलोक' द्वारा अनुदित और फिल्माचार्य आनन्द शर्मा के निर्देशन में बहुत सफल मंचन/प्रदर्शन हुआ जिसकी सह-निदेशक थीं रमा जायसवाल ।
नूरा, रान्क, लिंदे और अन्य पात्रों का अभिनय बहुत खूबसूरत अंदाज में किया और बखूबी निभाया है। दैनिक जागरण ने लिखा है 'बहुत सराहा गया गुड़िया का घर'। हिंदुस्तान और अमर उजाला ने लिखा है कि नारी समस्या को खूबसूरती से बयान किया है 'गुड़िया के घर' ने। स्वतंत्र भारत, टाइम्स आफ इंडिया, पाइनियर, और राष्ट्रिय सहारा ने तो दोनों दिनों नाटक प्रस्तुति को देखा और नाटक की सार्थक लिखी।
प्रिया ने नूरा की जीवंत भूमिका निभाई। आजीवन नूरा को किसी ने खास अहमियत नहीं दी। न पिता ने न ही पति ने। नूरा के पति हेल्मेर की प्रभावशाली भूमिका निभाई जमील खान ने । लिंदे की भूमिका निभाई साधना वर्मा ने, क्रूग्स्ताद की भूमिका निभाई योगेन्द्र विक्रम सिंह ने और सफल निर्देशन किया आनन्द शर्मा जी ने। ध्वनि और प्राश प्रकाश व्यवस्था कितनी मुश्किल होती है जो नाटक प्रस्तुति में एक अहम् स्थान रखते हैं।
नाटक के अनुवादक और फिल्मकार सुरेशचंद्र शुक्ल 'शरद आलोक' ने इस अवसर पर कहा की उन्हें आशा है कि लखनऊ के ये कलाकार आशा है की अपने निदेशक बंधुओं और बहनों के साथ अन्य नगरों, प्रदेशों और विदेशों में भी धूम मचाएंगे। उन्होंने आनन्द शर्मा जी को सफल प्रदर्शन के लिए बधाई भी दी।
आनंद शर्मा और उनके साथ जुड़ी प्रोफेशनल टीम ने जिस तरह प्रकाश और ध्वनि और संयोजन सभी कमाल के थे। ५ और ६ को बहुत वर्षा होने के कारण लखनऊ का मौसम कुछ ज्यादा भीग गया था। लखनऊ विश्वविद्यालय के अध्यापकों ने नाटक की बहुत तारीफ कि जिसमें नाटक से जुड़े कृष्णाजी श्रीवास्तव, प्रो वीरेंद्र प्रताप सिंह, और रसायन शास्त्र के प्रो शुक्ला जी और अन्य।
संजय मिश्रा को नाटक इतना अच्छा लगा कि वे दूसरे दिन भी नाटक देखने गए। अभिषेक तिवारी के अनुसार नाटक अवर्णनीय और श्रेष्ठ था।

गुरुवार, 8 अक्तूबर 2009

Ravindra Nath Tagore and Neruda Pablo -Suresh Chandra Shukla

Unesco to mark 150 birth anniversary of Ravindra Nath Tagore and 100 birth anniversary of Pablo Neruda













मंगलवार, 6 अक्तूबर 2009

Norway best country to live in the world- Suresh Chandra Shukla

Norway Best Country to live In, Canada Comes in 4th in UN Survey

शनिवार, 3 अक्तूबर 2009

गुड़िया का घर का लखनऊ में मंचन ७ और ८ अक्टूबर को - शरद आलोक


हेनरिक इबसेन का विश्व प्रसिद्ध नाटक 'गुड़िया का घर' अनुदित सुरेशचन्द्र शुक्ल
'शरद आलोक' का लखनऊ में मंचन सूर्य महिला कल्याण समिति द्वारा फिल्माचार्य
आनन्द शर्मा के कुशल निर्देशन में उमानाथ रायबली हाल कैसरबाग़ , लखनऊ उत्तर
प्रदेश भारत में ७ और ८ अक्टूबर को हो रहा है। आपका हार्दिक स्वागत है।

महात्मा गाँधी के जन्म दिन पर नार्वेजीय पार्लियामेंट के सामने शान्तिसभा

सुरेशचन्द्र शुक्ल शरद आलोक गांधी जी पर कविता पढ़ते हुए


नार्वे में महात्मा गाँधी जी का जन्मदिन वर्ल्ड मार्च फॉर पीस एंड नान वैलेंस के तत्वाधान में मनाया गया।

बाएँ से लुईस सन्सेत, गुन्नार गार्बो, सुरेशचन्द्र शुक्ल 'शरद आलोक' और मई बनते बोंदेवीक
नार्वे के पार्लियामेंट के सामने विश्वशान्तिदूत महात्मा गाँधी जी का जन्मदिन वर्ल्ड मार्च फॉर पीस एंड नॉन वाईलेंस की ओर से धूमधाम से मनाया गया।
इस अवसर पर भारतीय लेखक सुरेशचंद्र शुक्ल 'शरद आलोक' ने गांधी जी पर कविता सुनाई और गुन्नार गार्बो, मई बोंदेवीक, लुईस सन्सेत ने अपने विचार रखे और शान्ति की अपील की।

शुक्रवार, 2 अक्तूबर 2009

महात्मा गांधी और लाल बहादुर शास्त्री के जन्मदिन पर हार्दिक शुभकामनाएं-शरद आलोक

२ अक्टूबर आज इनका जन्मदिन है
महात्मा गांधी और लालबहादुर शास्त्री, बहुत-बहुत बधाई

आज प्रधानमंत्री लाल्बह्दुर शास्त्री जी का १०५ वां जन्मदिन और विश्व शान्ति दूत महात्मा गांधी जी का जन्म दिन है, आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएं।
महात्मा गांधी विश्व में अहिंसा, समता का bhav रखने वालों और शान्ति के पुजारियों सभी के लिए प्रेरणा के श्रोत हैं। संयुक्त राष्ट्र संघ ने इस दिन को अंतर्राष्ट्रीय शानित और अहिंसा दिवस के रूप में मानाने की घोषणा पहले ही कर चुका है। भारत सरकार ने भी भारत में ग्रामीण रोजगार योजना को महात्मा गांधी के नाम पर करने की गोश्ना की है जो स्वागत योग्य है।
कोपेनहेगन में लोकप्रिय अमेरिका के राष्ट्रपति बाराक ओबामा ने इस अवसर पर बताया की गांधी जी उनके नायक हैं। मार्टिन लूथर किंग भी भारत गए थे और गांधी जी को अपनी प्रेरणाश्रोत मानते थे।
शान्ति की मशाले ले उठो
जला दो ज्योति शान्ति की
भेदभाव ख़त्म तब होगा
हटाओ घर से भेदभाव को
जीने दो पड़ोसी को
शान्ति से, सुख चैन से
न मरे भूखा कोई आसपास
खिलादो अपने नेवालों से
न कोई छोटा है
न कोई बड़ा है
रंग से, धन से या पद और दशा से
दिशा दोगे तुम्ही अपनों को
स्वयं ज्योति जलाकर के।
शरद आलोक
२ अक्टूबर, ओस्लो, नार्वे

मंगलवार, 29 सितंबर 2009

प्रवासी साहित्य, हिन्दी साहित्य का हिस्सा है.-शरद आलोक

प्रवासी साहित्य, हिन्दी साहित्य का अहम् हिस्सा है- शरद आलोक
प्रख्यात साहित्यकार आलोचक नामवर सिंह जी ने विदेश में बसे एक लेखक की पुस्तक का लोकार्पण करते हुए यह विचार व्यक्त किए कि प्रवासी साहित्य हिन्दी साहित्य का अहम् हिस्सा है।
आजकल हिन्दी में भी ब्लॉग का प्रचलन बढ़ा है। विदेशों में रहने वाले हिन्दी लेखकों ने वेब / नेट के माध्यम से हिन्दी को प्रचलित करने में जो भूमिका निभाई है वह बहुत सराहनीय है।
जब वेबदुनिया और बड़े समाचार पत्रों ने हिन्दी साहित्य को कम आंकते हुए उसे अपनी नेट पत्रिकाओं में स्थान देना कम कर दिया है उस दशा में विदेशों में रहने वाले हिन्दी लेखकों और हिन्दी प्रेमियों ने हिन्दी साहित्य में योगदान देकर और हिन्दी को माध्यम बना कर विचार विमर्श करके उसका विस्तार किया है।
जो लोग विदेश में रहकर हिन्दी का प्रयोग कर रहे हैं और जो लोग अपने बच्चों को और दूसरे बच्चों को हिन्दी पढ़ा रहे हैं वे हिन्दी की अभूतपूर्व सेवा कर रहे हैं। भारत में भी हिन्दी के अनन्य सेवकों की कमी नहीं है परन्तु हिदी के माध्यम से उच्च शिक्षा का प्रबंध न होने और अधिक से अधिक इस समबन्ध में कदम न उठाने के कारण भारत की राष्ट्रभाषा और अन्तर-राष्ट्रीय भाषा हिन्दी को वह मुकाम नहीं मिल रहा है। भारत के सभी विश्विद्द्यालय में हिन्दी के विभाग नहीं हैं और भारत के सभी राजदूतावासों में हिन्दी के अधिकारी नहीं है। आने वाले समय में यह कमियाँ भी पूरी हो जायेंगी क्योंकि नवाबी तरीके आ रहे बदलाव में तो समय लगेगा ही।

२७ सितम्बर को शहीद सरदार भगत सिंह के जन्मदिन पर को शत-शत नमन-

शहीदे आजम सरदार भगत सिंह का १०२वां जन्मदिन पर -शरद आलोक
सरदार भगत सिंह का कल १०२ वां जन्मदिन था। देश की आजादी और भारतवासियों को भेदभावरहित सबके लिए समान व्यवस्था वाला भ्रष्टाचारमुक्त समाज का सपना देखने वाले भगत सिंह को मेरा शत-शत नमन है।
दो वर्ष पहले दिल्ली में आर्यसमाज के तत्वावधान में अनिल आर्य के सानिध्य में भगत सिंह की जन्मशती समारोह में सम्मिलित होने का अवसर मिला था। जिसमें हरयाणा के मुख्य मंत्री, सांसद सज्जन कुमार सहित देश के जाने माने विद्वान और गुरु उपस्तित हुए थे। भगत सिंह जी के भतीजे और उनके पुत्र से मिलने का अवसर मिला था। भगत सिंह जैसे लोग दुनिया में कम होते हैं। उनके सपनो के भारत के निर्माण के लिए अभी भी हमारी सेवाओं और बलिदानों की जरूरत है।

बुधवार, 23 सितंबर 2009

नार्वे में हिन्दी दिवस पर १८ सितम्बर को कार्यक्रम संपन्न-शरद आलोक

नार्वे में हिन्दी दिवस पर १८ सितम्बर को वाइतवेत सेंटर, ओस्लो में एक विशाल कार्यक्रम

कविता , नृत्य और संगीत के साथ संपन्न हुआ। १४ सितम्बर को नार्वे में पार्लियामेंट के चुनाव थे इसलिए कार्यक्रम १८ सितम्बर को संपन्न हुआ।
हिन्दी स्कूल के बच्चों ने सरस्वती वंदना और भारतीय राष्ट्रिय गान से कार्यक्रम का आरम्भ किया। बाद में हिन्दी, नार्वेजीय और पंजाबी प्रस्तुत की गयी। भारत नाट्यम, हिप-होप ब्रेक डांसऔर संगीत ने कार्यक्रम में चार चाँद लगा दिए।

सोमवार, 14 सितंबर 2009

१४ सितम्बर आज हिन्दी दिवस है, सभी को हार्दिक शुभकामनाएं -शरद आलोक

आज १४ सितम्बर है। भारत में आज हिन्दी दिवस है। आप देश विदेश में कहीं पर हों आपको हिन्दी दिवस पर हार्दिक शुभकामनाएं। आज हो सके तो हिन्दी में एक दूसरे का अभिवादन कीजिये। और हो सके तो हिन्दी में पत्र लिखिए। आप का दिन अच्छा व्यतीत हो। आप अपना ध्यान रखियेगा। धन्यवाद।
शुभकामनाओं सहित- सुरेशचन्द्र शुक्ल 'शरद आलोक'

नॉर्वे में चुनाव का अन्तिम दिन - आज रात तक परिणाम आयेंगे.-शरद आलोक

नार्वे में आज पार्लियामेंट चुनाव का अन्तिम दिन है आज रात तक चुनाव परिणाम आ जायंगे।

रविवार, 13 सितंबर 2009

नार्वे में पार्लियामेंट के चुनाव आज और कल -शरद आलोक

नार्वे में आज 13 सितम्बर और कल 14 सितम्बर को पार्लियामेंट के चुनाव नार्वे में प्रत्येक चार वर्ष में पार्लियामेंट चुनाव होते है। यहाँ पार्लियामेंट को स्तूरटिंग (Storting) कहते हैं। नार्वे के पार्लियामेंट में 2005 से 2009 तक सात राजनैतिक पार्टियों से 169 सांसद चुने गए थे. यहाँ पार्टी के उम्मीदवारों की सूची हर जगह चुनी जाती है और प्रतिशत के आधार पर पार्टी के लिस्ट में क्रम से उम्मीदवार चुने जाते हैं। पिछले चुनाव में मैं भी एस वे पार्टी की तरफ़ से उम्मीदवार था। कल 14 सितम्बर को आठ बजे (20:00) से मतगड़ना शुरू हो जायेगी। 15 सितम्बर तक सारे परिणाम आ जायेंगे।

शुक्रवार, 11 सितंबर 2009

नार्वे में कविता और सांस्कृतिक कार्यक्रम हिन्दी दिवस पर

ओस्लो में हिन्दी दिवस (१४ सितम्बर) पर 18 सितम्बर को वाइतवेत सेंटर पर शाम 19:00 बजे आमंत्रण Invitasjon til Poesi og kulturfest på Veitvetsalen (Chilensk Kulturhus) på Veitvetsenter i Oslo
आप अपने साथ कोई कविता और गीत लेकर आइये (किसी भी भाषा में ) और हम सभी को सुनाइये
बच्चे और युवा भी अपना गीत कविता और चुटकुला सुना सकते है, या नृत्य प्रस्तुत कर सकते हैं।
शुक्रवार 18 सितम्बर को 19:00 बजे गीत, संगीत, कविता, भांगडा और बालीवुड डांस के साथ राष्ट्रभाषा
हिन्दी दिवस मनाएँ और खुशियाँ मनाएँ। कार्यक्रम में कोई प्रवेश शुल्क नहीं है।
स्थान: (Sted): Veitvetsalen ( Den chilenske kulturhus) på Veitvetsenter, rett over Rema-1000, Veivetvn. 8 i Oslo
Araangør आयोजक : भारतीय-नार्वेजीय सूचना और सांस्कृतिक मंच Indisk-Norsk Informasjons -og Kulturforum, Pb 31 Veitvet, 0518 Oslo, speil.nett@gmail.com

बुधवार, 9 सितंबर 2009

नार्वे में पार्लियामेंट (स्टूर्टिंग) चुनाव, अपना वोट जरूर दीजिये- सुरेशचंद्र शुक्ल

एस वे SV को अपना वोट दीजिये। क्योंकि:
भेदभाव को दूर करने के लिए कई कदम उठाये है और आगे भी इसके लिए कार्य रखेगी।
२ मात्रभाषा की शिक्षा के पक्ष में है।
३ ओस्लो के स्कूलों में निशुल्क बच्चों और युवाओं के लिए जगह उपलब्ध कराने के लिए मेरे प्रताव पर एस वे नेता कारी पहले ने आवाज उठाई और चार बार प्रयास के बाद एस वे ने इसे ओस्लो पार्लियामेंट ( बीस्थीरे) में पास कराया। इसी लिए आज बच्चों और युवाओं की गतिविधियों के लिए निशुल्क जगह जिन गतिविधियों के लिए सबके द्वार खुले हों। इसके अंतर्गत पञ्जाबी स्कूल, उर्दू, हिन्दी और तमिल सांस्कृतिक केन्द्र आदि को जगहें निशुल्क मिलती हैं।
४ पर्यावरण आज आधुनिक युग की सबसे बड़ी समस्यायों में से एक है। उसके लिए एस वे सबसे अधिक प्रयासरत पार्टी है।
५ एस वे विश्व में गरीब और विकासशील देशों की मदद की पक्षधर है।
६ एस वे ने इराक से नार्वे के सैनिकों की वापसी कराइ और अब वह अफगानिस्तान में नार्वेजीय सैनिकों की वापसी पर बात कर रही है।
७ सभी को रोजगार मिले और जिसके पास काम नहीं है उसे नार्वेजीय भाषा और कार्य की ट्रेनिंग देने के पक्ष में है और सरकार ने बहुत कदम उठाये हैं जिसमें एस वे का साथ भी शामिल है।
लाल -हरी सरकार (अरबाइदरपार्टी , एस वे, सेंटर पार्टी) ने बहुत से ऐसे प्रयास किए है जिससे आर्थिक तंगी के बाद भी नार्वे एक ऐसा देश है जहाँ बेरोजगारी सबसे कम है।

वोट खाली न जाने दीजिये।
नार्वे में पारलियामेंट नार्वेजीय-लोकसभा चुनाव हैं। आप नार्वे में रहते हैं और नार्वे के नागरिक हैं तब आपको वोट देने का अधिकार है। चुनाव १३ और १४ सितम्बर को है पर आप पहले भी वोट दे सकते हैं।
यदि आपने अभी तक निर्णय नहीं लिया है तो आज निर्णय लीजिये। एस वे SV पार्टी को अपना कीमती वोट दीजिये. -सुरेशचन्द्र शुक्ल, ओस्लो, नार्वे

शनिवार, 5 सितंबर 2009

एकलव्य जैसे छात्र कहाँ गए, शिक्षकों को निशुल्क भोजन, छत और चिकित्सा की सुविधा हो-सुरेशचंद्र शुक्ल 'शरद आलोक'


ओस्लो नार्वे में हिन्दी स्कूल का उद्घाटन करती हुई शिक्षिका प्रो निर्मला एस मौर्य और पीछे खड़ी संगीता शुक्ल सीमोनसेन
शिक्षकों को निशुल्क भोजन, छत और चिकित्सा की सुविधा मिले।- सुरेशचंद्र शुक्ल 'शरद आलोक' आज ५ सितम्बर को शिक्षक दिवस है। सभी शिक्षकों और सभी को हार्दिक बधाई।
आज बहुत से शिक्षक बहुत बदतर जीवन व्यतीत कर रहे हैं। जिनके पास अभी भी टूटी छत है, गरीबी और बीमारी के कारण पूरे परिवार भरपेट भोजन नहीं मिल पा रहा है, चिकित्सा के आभाव में वे बिलख रहे हैं। इसे शिक्षकों के लिए भी आज सोचने की जरूरत है । हमें निर्दयी अध्यापक नहीं चाहिए जो एकलव्यों का अंगूठा मांगे पर छात्र और छात्रों को चाहिए की वे अपने अध्यापक और अध्यापिकाओं का कुशल छेम पूछें।
विदेशों में हमारी नयी पीढी के कुछ युवा आज भी अपने भारत की निशुल्क शिक्षा देने की परम्परा का ही प्रताप है की दो सप्ताह पहले ओस्लो में वाइतवेत कल्चर सेंटर में हर रविवार को दिन में १ बजे से ४ बजे तक चलने वाला हिन्दी स्कूल संगीता शुक्ल सीमोनसेन और उनके साथियों ने शुरू किया था जिसका उदघाटन चेन्नई की शिक्षक और साहित्यकार प्रो निर्मला एस मौर्य ने किया था।
सभी को शिक्षक दिवस पर शुभकामनाएं और जो लोग विदेशों में हिन्दी और अपनी मात्रभाषा की शिक्षा दे रहे हैं उनके प्रति हार्दिक आभार व्यक्त करता हुआ उनको इस कार्य के लिए बधाई देता हूँ।

एक सितम्बर को अनोखा मनाया गया अर्जुन (बोबी) का जन्मदिन, शुभकामनाएं- शरद आलोक

अर्जुन ( बोबी ) को सोलहवीं वर्षगाँठ पर हार्दिक शुभकामनाएं - शरद आलोक

भाई अनुपम एक तरफ़ मार्शल आर्ट के मित्र दूसरी तरफ़
अनोखे ढंग से मन जन्मदिन, अर्जुन से जुड़े सवालों का जवाब दिया उनके साथियों ने ताकि पता चले की अपने मित्र के साथ रहते हुए उसके बारे में कितना जान पाये।
जूनियर मार्शल आर्ट (कुम्फु) में ब्लैक बेल्ट, अपनी फुटबाल टीम के कप्तान युवा अर्जुन (बोबी) का १६ वां
जन्मदिन बहुत दिलचस्प तरीके से मनाया गया। अर्जुन को यह ज्ञात था कि उसका जन्म दिन उसके परिवार के साथ साथ भोजन करके मामूली तरीके से मनाया जाएगा। क्योंकि बड़े भाई व्यस्त होने के कारण सम्मिलित नहीं हो रहे है।
पर जब अर्जुन अपने सोलहवें जन्मदिन पर अपनी बहन संगीता की सहायता करने वाइतवेत कल्चर सेंटर, ओस्लो गया तो मानो अँधेरा प्रकाश में बदल गया। अचानक अर्जुन के ६३ मित्रों ने एक साथ बधाई दी। तब साथियों कि इतनी संक्या में अपने १६ वें जन्मदिन पर बधाई पाने के तरीके से अर्जुन भावविभोर हो गया और उसकी आंखों में खुशी के आंसू बह निकले। अर्जुन के मार्शल आर्ट के साथी, फुटबाल तेम के मित्र, पूर्व सहपाठी और वर्तमान सहपाठियों को किस तरह अर्जुन से छिपा रख कर पार्टी की व्यवस्था में कितना अजब लगा होगा सब कुछ।
यह अनोखे अंदाज से जन्मदिन मनाने के पीछे उनकी प्यारी बहन संगीता थीं। दोनों को बधाई, आशीर्वाद और धन्यवाद। आशा है कि आप भी अपने प्रियजनों के लिए ऐसी ही पार्टी दें और खुशियाँ मनाएँ। जिनका जन्मदिन है उन सभी को बधाई।

गुरुवार, 3 सितंबर 2009

बचपन बचाओ आन्दोलन के कर्णधार कैलाश सत्यार्थी से विस्तृत बातचीत- शरद आलोक

'बच्चों का बचपन लौटाओ, जीवन में कुछ तो कर जाओ।
मुक्त करो हे मुक्त करो बाल मजदूरी से मुक्त करो।
जहाँ बच्चों को बेचा जाता है, पशुओं सा जोता जाता हो, कैसा मानव का नाता है?
दो टूक पेट के खातिर जो बंधुआ बन जीवन जीते हैं। फैशन के गहने कपडों में छिपा है जिनका हर पल छण ॥ आओ उनके खातिर करूणा, मानवता का गान करें। को दो टूक हँसी दे दें। बाँट-बाँट कर खाना सीखें . जब बचपन ही गिरवी हो फ़िर जवानी का क्या होगा? ' ये पंक्तियाँ बरबस अपने बचपन के उन मित्रों के नाम लिखी हैं जो गुलामी का जीवन जी रहे हैं और किसी की प्रतीक्षा कर रहे हैं की कोई उन्हें आकर बंधुआ मजदूरी से छुडाये। आइये पढ़े एक ऐसे इंसान का साक्षात्कार जिन्होंने बच्चों के लिए जीवन दे दिया ही, उनका नाम है कैलाश सत्यार्थी - 'शरद आलोक'


कैलाश सत्यार्थी जी दिसम्बर २००८ में हाई लेबल मीट आन एजुकेशन (विश्व शिक्षा सम्मलेन, ओस्लो नार्वे) में नार्वेजीय मंत्रियों होकुन और बोर्ड वेगार से विचार विमर्श करते हुए
विश्व के सभी बच्चों के लिए करुणा, सद्भाव और सहनशीलता जरूरी- बचपन बचाओ आन्दोलन के कर्णधार कैलाश सत्यार्थी से विस्तृत बाताचीत का लघु अंश - शरद आलोक


चित्र में बाएँ से उच्च शिक्षा मंत्री बोर्ड वेगार, सेल स्पाइल के संपादक सुरेशचन्द्र शुक्ल 'शरद आलोक' और विश्व प्रसिध्ध एक्टिविस्ट कैलाश सत्यार्थी
विश्व में बहुत से बच्चों का बचपन बंधुआ मजदूर बन जाने से तबाह हो रहा है। यदि विश्व में हर देश में सत्यार्थी जी की तरह एक्टिविस्ट हो जाएं तो विश्व के बहुत से अनाम बच्चों का बचपन और जीवन मुक्त हवा में साँस ले सकेंगे। सुधार, प्रजातंत्र और मानवतावाद स्वयंम नही आते उसके लिए हम सभी को प्रयास करने होंगे। अंग्रेजी में साक्षात्कार के लिए पढिये। http://speilnet.blogspot.com/
साक्षात्कार के लिए यू ट्यूब You tube देखिये जो यहाँ लिंक के रूप में संलग्न है: http://www.youtube.com/watch?v=oBrUH22Q7-A
धन्यवाद। वेब साइड भी उपलध है। http://www.kailashsatyarthi.net/