मंगलवार, 26 जुलाई 2011

सनातन मंदिर, स्लेम्मेस्ताद में शांति पाठ और श्रद्धांजलि

सनातन मंदिर, स्लेम्मेस्ताद में शांति पाठ और श्रद्धांजलि आज २६ अगस्त को 18:00 बजे  
श्री आर वी पंडित जी  श्रद्धांजलि  और मौन सभा को संचालित किया  सनातातन मंदिर सभा समिति के श्री मंगत राय   शर्मा जी सूचनाएं दी तथा .  पंडित श्री कीर्ति राम मिश्र जी शांति पाठ किया.
इस अवसर पर श्रीमती शर्मा, डॉ. राजेन्द्र प्रसाद शुक्ल, सुरेन्द्र कुमार जोशी और सुरेशचंद्र शुक्ल 'शरद अलोक' ने अपनी सहानुभूति अर्पित करते हुए स्वर्गवासी की आत्मा की शांति के लिए और उनके परिवारजनों और मित्रों को धैर्य और शांति प्रदान करने की प्रार्थना की गयी.

सोमवार, 25 जुलाई 2011

नार्वे में एक मिनट का मौन और गुलाब शांति मार्च -- सुरेशचंद्र शुक्ल 'शरद आलोक'

नार्वे में एक मिनट का मौन और गुलाब  शांति मार्च

- सुरेशचंद्र शुक्ल 'शरद आलोक'  

पूरे उत्तरीय देशों (नार्वे, स्वीडेन, डेनमार्क, फिनलैंड और आइसलैंड) में दिन में बारह बजे एक मिनट का मौन रखकर २२ जुलाई को ओस्लो में आतंकवादी हमले में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि दी गयी. 
शाम छ बजे रोदहूस  ओस्लो के सामने विशाल जनसभा हुई जहाँ से गुलाब शांति मार्च निकाला  गया जिसमें २२ जुलाई को नार्वे के मंत्रालय भवन पर बम विस्फोट से मरे व्यक्तियों तथा उतओइया टापू पर  लेबर पार्टी के युवा विंग के राजनैतिक कैम्प में गोलीबारी में मरे युवाओं को श्रद्धांजलि दी गयी. हजारों लोगों ने इसमें भाग लिया तथा पूरे नार्वे में जगह-जगह पर द्वीप जलाकर तथा फूल रखकर श्रधांजलि दी गयी. 
प्रधानमंत्री येन्स   स्तूलतेनबर्ग और  राजकुमार होकुन ने संबोधित किया.  
एक्सट्रीमिस्ट  राइटिस्ट सोच रखने वाले एक क्रूर नार्वेजीय मूल के आन्द्रेयास बेरिंग नामक आतंकी ने २२ जुलाई को शाम साढ़े तीन बजे नार्वेजिय मंत्रालय बिल्डिंग को बम विस्फोट से जान माल का नुकसान पहुँचाया जिसमें ७ लोगों की मौत हुई. तथा इसकी दिन साढ़े पांच बजे  उतओइया टापू पर  लेबर पार्टी के युवा विंग के राजनैतिक कैम्प में अंधाधुंध पुलिस की पोषाक में आधुनिक मशीनगन से ८५ युवा निर्दोषों की हत्या कर दी.  ऐसे गंदे ख़राब आदमी की घृणा के मुकाबले में लाखों नार्वे वासियों का प्रेम बढ़कर है जिन्होंने पूरे नार्वे में शांति मार्च करके प्रेम सौहाद्र और बहुसंस्कृति से प्रेम का महान  सन्देश दिया.
नार्वे एक शांतिप्रिय देश है जहाँ मिनिस्टर, बड़े कलाकार और लेखक आदि खुले आम बिना रोक टोक घूमते हैं. सभी की जिम्मेदारी है की नार्वे को हमेशा की तरह मिलकर सुरक्षित और सौहाद्र वातावरण बनाएं.  

शनिवार, 23 जुलाई 2011

दूसरे विश्व युद्ध के बाद सबसे बड़ा बड़ा आतंकवादी हमला- Vi kondolerer.

दूसरे  विश्व युद्ध के बाद 
सबसे बड़ा बड़ा आतंकवादी हमला 
- सुरेशचन्द्र शुक्ल  'शरद आलोक'

Kjære statsminister, Jens Stoltenberg, vi kondolerer.
Vår dypeste medfølelse med alle berørte.
नार्वे के इतिहास में कल सबसे बड़ा आतंकवादी हमला हुआ. नार्वे के मंत्रालय भवन पर कल शाम साधे साढ़े बजे एक भयानक बम विस्फोट में अनेक इमारतों को काफी नुकसान हुआ और उससे सात लोगों की मौत हो गयी.  शाम पांच बजे उतओइया टापू पर नार्वे की सबसे बड़ी राजनैतिक पार्टी के युवा विंग के चार दिवसीय  सम्मलेन में जहाँ देश से आये 600 युवाओं के बीच एक 32  वर्षीय नार्वेजीय मूल के आतंकवादी ने मशीनगन से 85 लोगों की जानें ले ली. 
1940 से  1945 तक हुए दूसरे विश्व युद्ध के बाद नार्वे में सबसे बड़ा आतंकवादी हमला हुआ.
हम भारतीय-नार्वेजीय सूचना एवं सांस्कृतिक फोरम की ओर  से तथा निजी तौर पर इस जघन्य आतकवादी हमले की कड़े शब्दों में निंदा करते हैं और नार्वे के प्रधानमंत्री से शोक (kondolerer) व्यक्त करते हैं.  
अध्यक्ष, भारतीय-नार्वेजीय सूचना एवं सांस्कृतिक फोरम, नार्वे
Leder,
Indisk-Norsk Informasjons -og Kulturforum
Postboks 31, Veitvet
0518-Oslo
Norway
  

गुरुवार, 14 जुलाई 2011

बहुत दिन बाद मेरे शहर आये बस गुमसुम होकर, - सुरेशचन्द्र शुक्ल 'शरद आलोक'

बहुत दिन बाद मेरे शहर आये बस गुमसुम होकर,

- सुरेशचन्द्र शुक्ल 'शरद आलोक'


कितना मुश्किल है हथेली पर सरसों जमाना,

उतना ही ममत्व भरा पानी का बर्फ बन जाना.

बहुत दिन बाद मेरे शहर आये बस गुमसुम होकर,

सन्देश सुनने और सुनाने का जब न मिला समय.

अपनी आँखों से दीदार भले किया हो जितना,

शहरियों की नजर से देखकर तो देखते,

कुछ नीम, कुछ पीपल कुछ बरगद बनकर

तपती धूप और बारिश में छाया देता.

बात और है कि जो छाया देते हैं

अपनी खातिर लोग कुछ जला देते हैं.

पर मेरा क्या बिगड़ता, बिखरता भू पर.

इसी से जन्मा था इसी में मिट जाता.
देख लिया ओस्लो परसों बहुत याद किया,
सामने से निकल गए पहचाना नहीं मुझको.

बुधवार, 13 जुलाई 2011

रविवार, 10 जुलाई 2011