शनिवार, 31 दिसंबर 2011

नव वर्ष मंगलमय हो Godt nytt år

Godt Nyttår



Lær av det gamle året


Velkommen til det nye året


Fant fred og lykke i livet


Det du gir deg verden forbli den samme


Ta vare på deg selv


Husk meg noensinne.


hjertelig
Suresh Chandra Shukla



नव वर्ष मंगलमय हो


गत  वर्ष से सीखें

स्वागत करें नए वर्ष का

जीवन में सुख शांति मिले

आप जो देंगे  वही रहेगा शाश्वत
अपना ख्याल रखिये

मुझको भी कभी याद रखिये

सस्नेह

सुरेशचन्द्र शुक्ल

मंगलवार, 20 दिसंबर 2011

उत्तर प्रदेश में भी मुंबई की तरह फ़िल्मी माहौल शुरू होगा- फिल्माचार्य आनंद शर्मा

लखनऊ में अभिव्यक्ति २०११ Expression-2011 एक महान उपलब्धि थी-शरद आलोक 

27 नवम्बर  2011 को लखनऊ के जयशंकर प्रसाद सभागार, कैसरबाग में फिल्माचार्य  आनंद शर्मा जी के नेतृत्व में 14 देशों की लघु फिल्मों  का  प्रदर्शन हुआ. यह लखनऊ में अपने आप में एक अनोखा और अद्भुत प्रयास था जिसमें लखनऊ के नए फिल्मकार और कलाकारों को एक अंतर्राष्ट्रीय सरीखे सा मंच मिला. विभिन्न फ़िल्में  प्रदर्शित की गयीं जिसे दर्शकों सहित मीडियाकर्मियों के अलावा स्वयं फिल्मकारों और कलाकारों ने बहुत सराहा. ऐसे कार्यक्रम अक्सर होने चाहिए, यह कहते बहुतों को सुना गया. 
सेतु सम्मान और कला सम्मान
कार्यक्रम में देश के साथ साथ विदेश से भी अनेक लोगों ने हिस्सा लिया. अमरीका से वी पी सिंह और गायत्री सिंह,  नार्वे से माया भारती, संगीता एस सीमोनसेन और सुरेशचंद्र शुक्ल उपस्थित थे.
सुरेशचंद्र शुक्ल को दो देशों नार्वे और भारत के मध्य सांस्कृतिक संबंधों को मजबूत करने के लिए सेतु सम्मान दिया गया.  फिल्म इंस्टीटयूट  पूना के छात्र कलाकार योगेन्द्र विक्रम सिंह, मशहूर फ़िल्मकार सुभाष घई  के संसथान के छात्र गौरव मिश्र और आदित्य हवेलिया को उनके फ़िल्मी कलात्मक योगदान के लिए प्रतीक चिन्ह और प्रमाणपत्र दिए गए.
सुरेशचन्द्र  शुक्ल की लघु फिल्म 'इंटरव्यू' सीधे यू ट्यूब से प्रसारित की गयी जिसे लोगों ने सराहा.
 इस बड़े और महत्वपूर्ण आयोजन के सूत्रधार फिल्माचार आनंद शर्मा ने कलाकारों को बधाई देते हुए कहा कि ऐसे कार्यक्रमों से फिल्मों का स्तर बढ़ने में मदद मिलेगी.  और लखनऊ भी निरंतर फिल्म निर्माण और ऐसे फिल्म फेस्टिवल आयोजनों का केंद्र बन सकेगा जहाँ आम फिल्मकार,  मल्टीमीडिया के शिक्षार्थी और शिक्षक मिलकर सभी को एक मंच प्रदान करेंगे और स्वयं भी सहभागिता करेंगे.
वह दिन दूर नहीं कि जब उत्तर प्रदेश में भी मुंबई की तरह फ़िल्मी माहौल शुरू होगा.  फिल्माचार्य आनंद शर्मा जी की ये बातें दादा साहेब की याद दिलाती हैं जिन्होंने सिनेमा को घर-घर -पहुँचाने में अहम् रोल अदा किया.  

रविवार, 4 दिसंबर 2011

नये साप्ताहिक वैश्विका का प्रकाशन आरम्भ आरम्भ- सुरेशचंद्र शुक्ल 'शरद आलोक'

नये साप्ताहिक वैश्विका का प्रकाशन आरम्भ- सुरेशचंद्र शुक्ल 'शरद आलोक' 
भारत के नवाबी शहर लखनऊ से वैश्विका साप्ताहिक का प्रकाशन नेहरु जयंती पर आरम्भ हो गया है. वैश्विका शब्द के निर्माण में विचार विमर्श में दिल्ली के जाने-माने लेखक डॉ श्याम सिंह शशि ने मदद की थी. इसे आरम्भ करने में मेरे जैसे एक साधारण लेखक ने जो भूमिका निभायी और संजू मिश्र ने उस भूमिका को साक्षात बल देते हुए पत्र का प्रकाशन आरम्भ किया. 
फिल्माचार्य आनन्द शर्मा की अहम् भूमिका
जब वैश्विका के प्रकाशन के पूर्व इस पर विचार  हो रहा था की कैसे इसके संयोजन, विचार-विमर्श, संपादन एवं प्रूफरीडिंग हो तब आनन्द शर्मा जी ने कई सुझाव दिए थे.  साहित्यकार डॉ विद्याविन्दु सिंह ने बहुत सहयोगात्मक तरीके से कहा  था कि  वह हर संभव सहयोग करेंगी.
वैश्विका की सामग्री रुचिकर और शिक्षाप्रद है. इसके पहले और दूसरे अंक में नए सामजिक मीडिया (इन्टरनेट, ब्लॉग, ट्वीटर और फेसबुक सम्बन्धी लेख तो थे ही साथ ही भारतीय राजनीति, साहित्य और गांवों पर विषद सामग्री छपी है. पहला अंक नेहरु जी के जन्मदिन बाल एवं सहकारिता दिवस अंक के रूप में समर्पित किया गया है. दूसरा अंक गाँवों की और ओर, इंदिरा गांधी और अन्ना हजारे पर केन्द्रित है. एक संस्थापक के नाते मुझे बहुत खुशी है. मेरे पिताजी कभी चाहते थे कि मैं एक बड़ा पत्रकार बनूँ और साप्ताहिक या दैनिक पत्र शुरू करूँ.. लखनऊ में हमारे वैश्विका  परिवार में अनेक लोगों ने शुरुआत के पहले प्रोत्साहित किया और योगदान दिया उसमें विक्रम सिंह, सतीश मोर्य, संजू मिश्र और शिवराम पाण्डेय की भूमिका अहम् है.
दिनांक 03.12.11 को वैश्विका के कार्यालय का उद्घाटन किया चर्चित कवि और लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार के निजी सचिव डॉ. सुनील जोगी ने किया.
3 दिसंबर को वैश्विका कार्यालय में नार्वे, अमेरिका और भारत की कुछ हस्तियों में भाग लिया और शुभकामनाएं दीं उनमें प्रमुख थे: यू. एस. ए. से वी पी सिंह, गायत्री सिंह और नार्वे से ओमवीर तथा वीणा  उपाध्याय, संगीता शुक्ला सीमोनसेन, अर्जुन शुक्ल  अनुराग शुक्ल थे. इसके अलावा शुभकामनाएँ देने वालों में  संजय मिश्र, लखनऊ विश्व विद्यालय के प्रो. योगेन्द्र प्रताप सिंह,  प्रो. प्रेम शंकर तिवारी, डॉ. परशुराम पाल,  फिल्माचार्य आनन्द शर्मा, उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान की पूर्व  संयुक्त निदेशक विद्याविन्दु सिंह और एनी लोग थे. 

लखनऊ से वैश्विविका साप्ताहिक का प्रकाशन -शरद आलोक

लखनऊ से वैश्विविका साप्ताहिक का प्रकाशन आरम्भ रजिस्ट्रेशन नंबर की प्रतीक्षा में -शरद आलोक
लाख nau