रविवार, 7 जून 2015

7 जून को नार्वे स्वीडेन के साथ संघ से अलग हुआ था

Unionoppløsnings dag feires på Veitvet
7  जून को नार्वे स्वीडेन के साथ संघ से अलग हुआ था
आज 7  जून को नार्वे स्वीडेन के साथ संघ से अलग हुआ था. इस दिन को यहाँ यूनियन ओपलयोसनिंग दाग  (Unionoppløsnings dagen) कहते हैं. वाइतपार्क में स्लेतलोक्का  फेस्टिवल मनाया जा रहा है यहाँ आसपास के लोग भाग ले रहे हैं.  11:30 स्लेतलोक्का Slettløkka से फेरी निकलेगी और वाइतपार्क पर समाप्त होकर एक बड़े कार्यक्रम में बदल जाएगी। यहाँ नृत्य, कविता संगीत और अनेक देशों का खाना उपलब्ध होगा।
वाइतपार्क  वाइतवेत स्कूल, ओस्लो  के पीछे स्थित है.
6 जून को पी एस वजीर रन्धावा के निवास पर
कल मैं द्रामेन नगर में पी एस वजीर रन्धावा के निवास पर गया. उनके पास भारत से संगीतकार बालकिशन जी आये हुए हैं.  बालकिशन जी ने नार्वे में रहने वाले इस पंजाबी लोक गायक की दो सी डी का निर्माण किया है. ४ जून को वजीर रंधावा जी ने ४ जून को वाइतवेत सेन्टर ओस्लो में लेखक गोष्ठी में बालकिशन जी के सम्मान पर किये कार्यक्रम में कुछ लोक गीतों को सस्वर गाया था.

शनिवार, 6 जून 2015

Musikker Balkishan Sharma ble æret i Oslo 

संगीतकार बालकिशन ओस्लो में सम्मानित 
चित्र में बाएं से सुरेशचन्द्र शुक्ल 'शरद आलोक' , संगीता शुक्ल, बालकिशन जी सम्मान-कप प्राप्त करते हुए, इंगेर मारिये लिल्ले एंगेन, डॉ राजेन्द्र प्रसाद शुक्ल & श्री लाल. 
På bilde fra venstre Suresh Chandra Shukla, Sangita, Balkishan mottar æres-pokal, Rajendra Prasad Shukla og Shri Lal. 
Den kjente indiske musikkeren, Balkishan Sharma, ble æret på forfatterkafe den 4. juni 2015 på Veitvetsalen på Veitvetsenter i Oslo.
Balkishan har laget CD av Suresh Chandra Shuklas dikt/lyrikk for 20 år siden. Nylig har han laget og gitt muskk til to CD til Vajir fra Drammen.
Dr Rajendra Prasad Shukla fra Minnesund har spilte melodier på indiske føyte med Shirr Lal og Balkishan Sharma.
Arrangementet ble startet med diktopplesning av Inger Marie Lilleengen, Gurudarshan Sharma, Jan Semuel Ditta og Raj Kumar Bhatti. 
Sangita Shukla og Inger Marie Lilleengen og Suresh Chandra Shukla delte ut ærespokal og shawl til gjest musikker Balkishan på forfatterkafe på Veitvet.
   
मित्रों! जाने-माने संगीतकार और मेरे मित्र बालकिशन जी को कल 4 जून को ओस्लो में सम्मानित किया गया. इस सम्मान समारोह में डॉ राजेन्द्र प्रासाद शुक्ल ने दशकों बाद मंच से बांसुरी /वंशी की धुनें बजाईं। नार्वे के जाने-माने संगीतकार श्री लाल और लोक गायक ड्रामेन नगर के वजीर ने भी लोक गीत सुनाये।   इंगेर मारिये लिल्लेएंगेन, सुरेशचन्द्र शुक्ल, गुरुदर्शन शर्मा जान सैमुएल दित्ता और राजकुमार भट्टी  ने कवितायें और गीत सुनाये।  इंगेर मारिये लिल्लेएंगेन, संगीता  और सुरेशचन्द्र शुक्ल ने संगीतकार बालकिशन जी को शाल पहनकर, पुष्पगुच्छ देकर और पदक से सम्मानित किया। 
कार्यक्रम का आयोजन भारतीय नार्वेजीय सूचना एवं सांस्कृतिक फोरम ने किया था.

चित्र में बाएं से स्वयं मैं, संगीता शुक्ल, बालकिशन जी सम्मान-कप प्राप्त करते हुए, इंगेर मारिये लिल्ले एंगेन, डॉ राजेन्द्र प्रसाद शुक्ल & श्री लाल. 







बुधवार, 3 जून 2015

स्वागत है संगीतकार बालकिशन जी के सम्मान समारोह में
Velkommen til forfatterkafe. लेखक गोष्ठी में आपका स्वागत है.
कल गुरूवार (बृहस्पतिवार) 4 जून को शाम साढ़े सात बजे 19:30.
वाइतवेतहाल, वाइतवेत सेंटर ओस्लो में

Musikker Balkishan æres på Veitvet.
torsdag 4. juni kl. 19:30  Veitvetsalen, på Veitvetsenter i Oslo