शनिवार, 3 फ़रवरी 2018

हिन्दी नाटक 'डेथ ट्रैप' का शानदार प्रदर्शन। फिल्माचार्य आनन्द शर्मा द्वारा निर्देशित और नार्वे के प्रवासी लेखक सुरेशचंद्र शुक्ल के लिखे नाटक के मंचन में कलाकारों ने शानदार अभिनय किया।

 हिन्दी नाटक 'डेथ ट्रैप' का लखनऊ, भारत में शानदार प्रदर्शन।  















  


आनंद शर्मा को नाट्य कला रत्न सम्मान प्राप्त करते हुए.



थिएटर एन्ड फिल्म वेलफेयर एसोसिएशन की ओर से हुए नाट्य रंग उत्सव में  नाटक 'डेथ ट्रैप' का मंचन  दिनांक 2 फरवरी 2018 को गोमती नगर के संगीत नाटक अकैडमी में किया गया.
लखनऊ कम्युनिकेशन सोसाइटी से फिल्माचार्य आनन्द शर्मा द्वारा निर्देशित और नार्वे के प्रवासी लेखक सुरेशचंद्र शुक्ल के लिखे नाटक के मंचन में कलाकारों ने शानदार अभिनय किया। अभिनय करने वाले कलाकारों में  दीपक शर्मा, जमील खान और आनन्द शर्मा  और अन्य थे.
 हिन्दी नाटक 'डेथ ट्रैप'ने नेट गेमिंग से सावधान किया।  नेट प्रोग्राम ब्लू व्हेल प्रोग्राम से सावधान किया गया.
इंटरनेट और मोबाइल के जहाँ अनेक फायदे हैं वहीं इसके कई घातक नतीजे भी सामने आ रहे हैं. इनमें से एक ब्लू व्हेल गेम जिसकी वजह से दुनिया भर में सैकड़ों लोगों की जानें जा चुकी हैं.
ऐसे ही घातक नेट गेमिंग को  केंद्र में रखकर युवा पीढ़ी को जागरूक करने का सन्देश नाटक के माध्यम से दिया गया.
लखनऊ महोत्सव के तहत संगीत नाटक अकादमी में चल रहे नाट्य समारोह के अंतिम दिन आनन्द शर्मा के सफल निर्देशित नाटक ने ऐसी मायावी गिरफ्त से लेकर दूरी को लेकर सचेत किया। नाटक में तमाम उतार चढ़ाव के बीच सुखद अंत में इच्छा शक्ति की बदौलत एक जवान का जीवन बचता दिखाया जाता है.
इस मौके पर वरिष्ठ रंगकर्मी सुशील कुमार सिंह को रंगलेखन सम्मान से नवाजा गया.
फिल्म और थिएटर की दुनिया में महत्वपूर्ण योगदान देने वाले निर्देशक आनंद शर्मा को नाट्य कला रत्न सम्मान दिया गया.
 संजय मिश्रा ने मंच की सज्जा में योगदान दिया।


गुरुवार, 1 फ़रवरी 2018

कान पर जूं न रेंगने वाले लोकतंत्र की जय. नये सिस्टम को बधाई? - शरद आलोक

 कान पर जूं न रेंगने वाले  लोकतंत्र की जय. नये  सिस्टम को बधाई? - शरद आलोक 
असंतुष्ट से मुलाकात,
लेकिन नहीं निकल पाया कोई समाधान।
चारों जजों ने एक समिति गठित करने का सुझाव दिया था.
जो समिति केसों को आवंटित करने के मामले में
सुझाव दे सके।
सुझावों को किया दरकिनार नयी घोषणा।
मुख्य न्यायाधीश करेंगे फैसला?

मियां की जूती मियाँ के सिर,
वाली कहावत चरित्रार्थ हो रही है.
सही आवाज भी उठाओ
और कान पर जूं न रेंगने वाले  लोकतंत्र की जय.
नये  सिस्टम को कैसी दें बधाई, बहुत बधाई,? 
प्रजातंत्र की कमजोरी गरमाई। 
जनता सर्वोपरि है.
करे यदि अगले चुनाव में सुनवाई?
                 शरद आलोक