मंगलवार, 31 जुलाई 2018

प्रेमचंद जी आदर्श लेखक है। आज 31 जुलाई को प्रेमचन्द जयन्ती पर आप सभी को शुभकामनाएं और बधाई. Suresh Chandra Shukla

 आज 31 जुलाई को प्रेमचन्द जयन्ती  शुभकामनाएं और बधाई.

प्रेमचंद :शोषितो को नायक बनाने वाले पहले साहित्यकार।
हिन्दी कथा साहित्य को अद्भूत कल्पना लोक से यथार्थ जीवन के धरातल पर उतारने, समाज को वास्तविकता का अनावरण करने उसे चेतावनी और प्रेरणा देकर नव - जागरण फैलाने के लिए साहित्य मुंशी प्रेमचंद के युगों - युगों तक ऋणी रहेगा।
जिस हिंदी साहित्य के मुख्य आकर्षण राजा - महाराजा और विलक्षण महापुरुष हुआ करते थे उसी हिंदी साहित्य में पहली बार वे किसान नायक बने जो दिन-रात खेतों में खून पसीना बहाकर पूस की बर्फीली रात में ठिठुरते, खेतों की रखवाली करने के बावजूद अपनी फसल की अर्थी सूदखोरों के हाथों उठते देख मन मसोस कर रह जाते हैं। वे अभागे अछूत बने जो जी तोड़ मेहनत के बाद भी अपमान, प्रताड़ना और भूख - प्यास को गले लगाकर पेट में घुटने गड़ाए सो जाते हैं, जिन्हें पीने के साफ पानी तक नसीब नहीं होता, बाल वैधव्य की चिता और दहेज की वेदी पर वह नारी बनी जिसको बेकसूर होने पर भी जीते जी नरक भोगना पड़ता है।
इन सब शोषित - पीडितों का जीवंत चित्रण प्रेमचंद ने अपनी सशक्त लेखनी किया है। ग्रामीण वातावरण मानवीय स्वभाव और मनोवृत्ति इतनी सूक्ष्मता से उन्होंने यथार्थ चित्रण किया है।
प्रेमचंद कथाकार थे, नाटककार थे और पत्रकार भी थे। कलम, तलवार और त्याग पढ़ने वाले कह सकते हैं वे जीवनीकार भी थे। जो कुछ लिखा उन्होंने उसे साहित्यावकाश के एक जाज्वल्यमान दीपक की तरह प्रतिष्ठत कर दिया है। उनकी जयंती पर श्रद्धा पूर्वक सादर नमन करते हैं।

-Birendra Kumar Yadav

रविवार, 22 जुलाई 2018

किसानों का प्रदर्शन बनाम संसद में अविश्वास प्रस्ताव शो सुरेशचन्द्र शुक्ल 'शरद आलोक', Suresh Chandra Shukla

 किसानों का प्रदर्शन बनाम संसद में अविश्वास प्रस्ताव शो 
सुरेशचन्द्र शुक्ल 'शरद आलोक', ओस्लो, 22 जुलाई

किसान प्रदर्शन (20 जुलाई 2018 को) कर रही दिल्ली की सड़क पर 
जनता चुप-चुप तमाशा देखती रही.
नौ करोड़ से बना, संसद में अविश्वास शो, 
मोदी-राहुल की झप्पी-पप्पी का बखान करती रही.

 किसान प्रदर्शन कर रहा, संसद में सत्र चल रहा.
 नौ करोड़ के संसद शो को टी वी में दिखा रहे.
सड़क पर किसान की माँग पर पर्दा डालते रहे,
आँख बंद किये पत्रकार (मीडिया), जुलुस देखते रहे.

 देश की समस्या पर बहस चर्चा की जगह,
झप्पी और पप्पी पर कपिल-शो बना रहे.
मालिकों-शासकों की मिली भगत, मौन है कारपोरेट जगत.
पत्रकारिता डरी-डरी, कह न सके खरी-खरी, 
जान हथेली पर रख, सत्य को बेदखल कर,
पत्रकार की बेबसी, चली न जाए नौकरी?

हम भेड़चाल में, प्रजातंत्र किस हाल में, 
देश बदहाल है, दरबारी खुशहाल है
दरबारी मीडिया अकड़, सत्य पर पर्दा जकड़,
जनता के विश्वास को चूना लगा ठग रहे.

सड़कों पर जुलुस था, किसानों का जुनून था
कवि भी मजनून भूल, साथ साथ चल पड़ा,
मीडिया क्यों दरबारी हुआ, ज्यों राग दरबारी हुआ.
मीडिया का फोकस,  मुद्दों से भटक गया है.


शनिवार, 21 जुलाई 2018

सोशल मीडिया पर आदरणीय राहुल जी और और आदरणीय मोदी जी मजाक सा दोनों छा गये हैं. -Suresh Chandra Shukla

 सोशल मीडिया पर कल भारतीय संसद में मुद्दों से हटकर व्यक्तिगत मजाक सा बन गया.
सोशल मीडिया पर आदरणीय राहुल जी और और आदरणीय मोदी जी दोनों छा गये हैं.
मेहनत टी डी पी पार्टी ने अविश्वास प्रस्ताव रख कर की. लोगों ने लोकसभा में चर्चा एक अच्छी फिल्म सी देखी गयी।   कई लोगों ने टिप्पणी की पर मुझे सबसे अच्छी कविता के रूप में टिप्पणी सूर्य कुमार पांडेय जी की यह कविता लगी बहुत बधाई।

 सूर्य कुमार पांडेय की कलम से 
आँख ही तो मारी,
कोई गप्प थोड़ी मारी है!
झप्पी ही ली है
कोई पप्पी थोड़ी ली है!!
बदले में तुमने भी
कौन कसर छोड़ी है?
राम ने मिलाई क्या ही
चौचक जोड़ी है।।
( सूकुपा)


पक्ष -विपक्ष गले मिल रहे,
जनता के छूटे छक्के।
सुरेशचन्द्र शुक्ल 'शरद आलोक' ओस्लो, नार्वे से. 

लोकतंत्र में छोड़ रहे हैं 
बड़भैये बोल रहे हैं.

गुब्बारों से फुट रहे हैं
बातों के गोलगप्पे।
पक्ष -विपक्ष गले मिल रहे,
जनता के छूटे छक्के।

लोकसभा टी वी पर चमके 
राम -लखन दो नेता।
बॉलीवुड सितारे शर्मायें 
दो मियाँ  नहीं अभिनेता। 

गले लगे हैं राहुल भैया 
क्या गले पड़े हैं?
मोदी बाबू ताल ठोककर 
खड़े हुए हैं। 

दोनों नेता मुस्काते पर इनके सेवक 
विदा समय दुलहन सा गरियाते हैं 
कुर्सी का लॉलीपाप चूसते ये दोनों 
आँख मारते, मुस्काते, सुस्ताते हैं। 




मंगलवार, 17 जुलाई 2018

ओस्लो नार्वे से प्रकाशित परिचय का अंक 1 -सन 1983 -Suresh Chandra Shukla

ओस्लो नार्वे से प्रकाशित 'परिचय' का अंक 1 -सन 1983 
- सम्पादक -सुरेशचंद्र शुक्ल 
इस अंक में स्थानीय भारतीय राजनैतिज्ञ अमलेंदु गहा का साक्षात्कार और मजदूर नेता मन्नालाल शुक्ल पर लेख था उनके 16  फरवरी 1983  पर निधन होने पर.




































'परिचय' हिन्दी का सम्पादन -सेवा का मौका मुझे पांच साल (1980-1985) मिला। -सुरेशचंद्र शुक्ल Suresh Chandra Shukla


 'परिचय' हिन्दी पत्रिका  का सम्पादन पांच साल (1980-1985) किया। -सुरेशचंद्र शुक्ल 
ओस्लो, नार्वे में हिन्दी की पहली पत्रिका का प्रकाशन 1978 में शुरू हुआ.
इसका प्रकाशन भारतीय कल्याण परिषद (इंडियन वेलफेयर सोसाइटी) करती थी जो उस समय ओस्लो, नार्वे में भारतीयों की एकमात्र संस्था थी.
अधिकाँश पत्रिका हस्तलिखित होती थी. इस पत्रिका की चर्चा धर्मवीर भारती जी ने धर्मयुग के प्रथम पृष्ठ पर मेरे नाम के साथ की थी. कादम्बिनी में इसके सम्पादक के दो बार साक्षात्कार पत्रिका के कवर पेज के पृष्ठ के साथ छपे थे.
आइये अवलोकन करते हैं 'परिचय' पत्रिका के 1983 में छपे अंक का कवर पेज, सम्पादकीय और पेज दो (विषय सूची).
यह पत्रिका 'परिचय' हिन्दी, पंजाबी (गुरुमुखी) और अंगरेजी में संयुक्त रूप से छपती थी.
इस अंक में नार्वे के सुरेशचंद्र शुक्ल (बसंत के अंकुर का दूसरा भाग और एक टुकड़ा बादल और जितेन्द्र कुमार बधवार की और इंसानियत लटक गयी )कहानियाँ और दो साक्षात्कार स्थानीय भारतीय राजनीतिज्ञों अवतार सिंह और अमलेंदु गुहा के थे. सम्पादकीय भी प्रभावी था.






































मैं जन साधारण हूँ - सुरेशचन्द्र शुक्ल (यह कविता ओस्लो, नार्वे से प्रकाशित पत्रिका परिचय में 1985 में छपी थी.

 मैं जन साधारण हूँ - सुरेशचन्द्र शुक्ल 
 (यह कविता ओस्लो, नार्वे से प्रकाशित पत्रिका परिचय में 1985 में छपी थी.




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बंधुवर, मेरी कविता 'जान साधारण' का आनन्द लीजिये जो ओस्लो, नार्वे से प्रकाशित पहली हिंदी पत्रिका परिचय (1978  -1993) में सन 1885 में छपी थी।

सोमवार, 16 जुलाई 2018

दस्तक काव्यसंग्रह 'नंगे पांवों का सुख' -सुरेशचंद्र शुक्ल से दस्तक कविता प्रस्तुत है. -Suresh Chandra Shukla

बंधुवर, मेरे काव्यसंग्रह 'नंगे पांवों का सुख' -सुरेशचंद्र शुक्ल से दस्तक कविता प्रस्तुत है. इस संग्रह में भूमिका राजेंद्र अवस्थी जी ने लिखी थी और कवर पेज बनाया था सत्य सेवक मुकर्जी जी ने.
दस्तक ('नंगे पांवों का सुख' से साभार)
सुरेशचंद्र शुक्ल 


रविवार, 15 जुलाई 2018

भारतीय आर्थिक स्थिति गिरीराज किशोर की वाल से 15.07.18

राहुल पर मीडिया के हंगामे के मतलब समझते है? अपने पाप छुपाना..इस हफ्ते इकॉनमी पर कुछ महत्वपूर्ण डेटा आये है..इकॉनमी का जनाज़ा "मोदी वाले श्मशान" पहुंच चुका है..किसी भी चैनल ने इसपर बाते नही की NDTV के अलावा..पढिये "इकॉनमी का जनाज़ा" 2018 में अब तक का..

● फ्रांस की जीडीपी है $ 2.58 ट्रिलियन और भारत की $ 2.59 ट्रिलियन.. क्या फर्क है? $ 1-2 क्रूड का भाव बढ़ते ही भारत नीचे..जीडीपी का मतलब तो समझते है क्या मोदी?

● फ्रांस की प्रति व्यक्ति आय है $ 43760 और भारत की $ 2100..किसे बेवकूफ बना रहे है मोदी?

● इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन केवल 3.2%..कृषि 2% ग्रोथ..बात करते है विकास की?

● मैन्युफैक्चरिंग, IIP इंडेक्स का 77.63% होता है..उसकी ग्रोथ केवल 2.8%..मेक इन इंडिया का झूठ !! यानी 77.63% इकॉनमी में कुछ नही हो रहा है..

● पावर की ग्रोथ एक साल पहले 8.3% थी जो अब 4.2% है..मतलब इंडस्ट्री को पावर नही चाहिए..यानी प्रोडक्शन बन्द है..

● FMCG की हालत सबसे खराब..9.7% ग्रोथ से सीधा 2.6%..यानी हमारी खरीदने की क्षमता घट गई..महंगाई ने मजबूर कर दिया..

● अप्रैल-जून 18 में निवेश केवल 2.1 लाख करोड़ है..एक साल पहले की तुलना में ये 21% कम है और तिमाही की तुलना में 38% कम..निवेश बिना इकॉनमी कैसे बढ़ेगी मोदी?

● एक्स एविएशन इन्वेस्टमेंट केवल 77 हजार करोड़ है जो कि 2004 से भी नीचे है..यानी 14 सालो का सबसे कम इन्वेस्टमेंट..

● बिजली में UPA के वक्त हर तिमाही में 1-2 लाख करोड़ निवेश होता था..2018 की पहली तिमाही में अब बस 40 हजार करोड़..

● रोड प्रोजेक्ट का बहुत बुरा हाल है..केवल 0.66% प्रोजेक्ट चल रहे है..कांग्रेस के वक्त ये आंकड़ा 6% का था..मतलब रोड नही बन रहे..

● 4237 लिस्टेड कम्पनियो का मुनाफा पिछले साल की तुलना में 80% गिर चुका है..शेयर बाजार उच्चतम स्तर पर..लेकिन 40% कम्पनियों के भाव 52 Week Low पर है..

● व्यापार घाटा $ 16.60 बिलियन पहुंच चुका है जो 5 सालो का उच्चतम स्तर है..करेंट एकाउंट और फिस्कल डेफिसिट की हालत आप खुद समझ सकते है..

● नवंबर 17- मई 18 के बीच 1 करोड़ नौकरीया घट चुकी है..सरकार नौकरी के आंकड़े देना बंद कर चुकी है..

ये डेटा पिछले सोमवार से बुधवार के बीच आये है..और सोमवार से ही हिन्दू-मुस्लिम चालू है..हिन्दू-मुस्लिम से दूर रहिये..थोड़ा सा वक्त घर के किचन में गुजारिये..पूरी इकॉनमी समझ जाएंगे..

#इकॉनमी
#krishnaniyer
***
#vss

बुधवार, 11 जुलाई 2018

विश्व जनसँख्या दिवस पर हमारे नेता शपथ लें कि उनके देशवासी भूख से नहीं मरेंगे और इसके लिए उपाय करेंगे। - सुरेशचंद्र शुक्ल

 विश्व जनसँख्या दिवस पर हमारे नेता शपथ लें कि उनके देशवासी  भूख से नहीं मरेंगे और इसके लिए उपाय करेंगे। - सुरेशचंद्र शुक्ल 
भारतीय नेता देश में गरीबी कम करने के लिए कोई उपाय नहीं कर रहे, ज्यादातर खुद बयानों में अपने को सर्वश्रेष्ठ बता रहे हैं.
भारत सबसे गरीब देशों में 19वें स्थान पर. प्रति व्यक्ति  में अब भी भारत फ्रांस के मुकाबले करीब 20 गुना पीछे है। 

मंगलवार, 10 जुलाई 2018

Congress, UP, India राजनीति में योग्य आयें इसके लिए कांग्रेस ने प्रवक्ता बनने के लिए कराई परीक्षा।

उत्तर प्रदेश भारत में, राजनीति में योग्य आयें इसके लिए कांग्रेस ने प्रवक्ता बनने के  लिए कराई परीक्षा।
निम्नलिखित सवाल पूछे गए:
कांग्रेस प्रवक्ता की नियुक्ति के लिए पूछे गए ये सवाल:

1. उत्तर प्रदेश में कितने मंडल, जिले एवं और ब्लॉक हैं?
2. उत्तर प्रदेश में लोकसभा की कितनी आरक्षित सीटें हैं?
3. 2004 एवं 2009 में कांग्रेस कितनी सीटों पर जीती थी?
4. लोकसभा 2014 एवं 2017 विधानसभा में कांग्रेस को कितने प्रतिशत मिले हैं?
5. उत्तर प्रदेश में कितनी लोकसभा सीटें और विधानसभा सीटें हैं?
6.उत्तर प्रदेश में एक लोकसभा सीट में कितनी विधानसभा सीटें आती हैं?
7. किन लोकसभा सीटों पर मानक से कम या ज्यादा सीटें हैं?
8. प्रवक्ता का कार्य क्या होता है?
9. आप प्रवक्ता क्यों बनना चाहते हैं?
10. मोदी सरकार की असफलता के प्रमुख बिंदु क्या-क्या हैं?
11. योगी सरकार की असफलता के प्रमुख बिंदु क्या हैं?
12. मनमोहन सिंह सरकार की उपलब्धियां क्या-क्या थीं?
13.आज समाचार पत्र में तीन प्रमुख खबरें क्या हैं? जिन पर कांग्रेस प्रवक्ता बयान जारी कर सकें।
14. प्रमुख हिंदी/अंग्रेजी एवं उर्दू अखबार तथा चैनलों के नाम।

सैमसंग भारत में दुनिया की सबसे बड़ी फैक्टरी भारत में खोलने जा रहा है। अखिलेश यादव ने अनुमति दी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शिलान्यास किया। बहुत बहुत बधाई।

 Samsung सैमसंग

भारत में दुनिया की सबसे बड़ी फैक्टरी भारत में खोलने जा रहा है।
अखिलेश यादव ने अनुमति दी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शिलान्यास किया।  बहुत बहुत बधाई।
 उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव जी ने 16 अक्टूबर 2016 को सैमसंग कम्पनी को अनुमति दी थी, उनको बहुत-बहुत धन्यवाद।
नोएडा में खुलने वाली इस फैक्टरी का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 9  जुलाई 2018 को और दक्षिण कोरिया के प्रधानमंत्री सोमवार को उद्घाटन करेंगे। 35 एकड़ में  सैमसंग फैक्टरी फैली है.

आज 10 जुलाई (सन 1951) को श्री राजनाथ सिंह को जन्मदिन पर हार्दिक बधाई। 17 वर्ष पहले मेरी पहली मुलाक़ात उनके निवास पर हुई थी, जब वह उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री थे . -सुरेशचंद्र शुक्ल 'शरद आलोक'

 श्री राजनाथ सिंह को जन्मदिन पर हार्दिक बधाई। 17 वर्ष पहले मेरी पहली मुलाक़ात उनके निवास पर हुई थी, जब वह उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री थे . -सुरेशचंद्र शुक्ल 'शरद आलोक'

माननीय श्री राजनाथ सिंह भारत के एक प्रमुख राजनीतिज्ञ और वर्तमान में भारत के गृहमन्त्री तथा वर्तमान सत्ता दल भारतीय जनता पार्टी के पूर्व अध्यक्ष हैं। माननीय श्री राजनाथ सिंह का जन्म 10 जुलाई, 1951 ई. को तत्कालीन वाराणसी ज़िले (सम्प्रति चन्दौली) के एक छोटे-से गाँव भाभोरा के सम्मानित रैकवार क्षत्रिय वंश में हुआ था। बहराइच जनपद के बौण्डी (रामनगर) राज्य के रैकवार नरेश राजा सालदेव के वंश में उत्पन्न हुए माननीय राजनाथ सिंह के पूर्वजों ने कालान्तर में काशी राज्य के भाभोरा गाँव को ही अपनी कर्मस्थली के रूप में विकसित कर लिया। पूज्य पिताश्री बाबू रामबदन सिंह के अनुशासन और माता श्रीमती गुजराती देवी के वात्सल्यांचल में पले-बढ़े माननीय श्री राजनाथ सिंह का जीवन असिधाराव्रत का परिचायक रहा है। एक सम्मानित कृषक परिवार में जन्में माननीय श्री राजनाथ सिंह गोरखपुर विश्वविद्यालय से प्रथम श्रेणी में भौतिकशास्त्र में आचार्य की उपाधि प्राप्त करने के बाद मिर्ज़ापुर के कन्हैयालाल बसन्तलाल स्नातकोत्तर महाविद्यालय में भौतिकशास्त्र के व्याख्यता पद पर कार्य करने लगे।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से सन् 1964 ई. में मात्र 13 वर्ष की आयु से ही जुड़कर माननीय श्री राजनाथ सिंह ने अपनी राष्ट्रवादी चिन्तन-दृष्टि को अधिकाधिक प्रगल्भता प्रदान किया। 1974 ई. में माथे पर एक चमकदार लाल तिलक के साथ उन्हें भारतीय जनसंघ का सचिव नियुक्त किया गया। भारतीय जनसंघ के निष्ठावान सिपाही होने के नाते वे शीघ्र ही उत्तर प्रदेश की प्रादेशिक कार्यकारिणी में अनेक महत्त्वपूर्ण दायित्वों का निर्वहन करने लगे।
माननीय श्री राजनाथ सिंह ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत उत्तर प्रदेश से की। वे 2000 ई. से 2002 ई. तक उत्तर प्रदेश के मुख्यमन्त्री तथा राष्ट्रीय जनतान्त्रिक गठबन्धन के शासन में कृषिमन्त्री रहे। माननीय श्री राजनाथ सिंह दो बार भारती जनता पार्टी के अध्यक्ष भी रह चुके हैं। इनके पूर्व दो बार भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहने का गौरव केवल पूर्व प्रधानमन्त्री पण्डित अटलबिहारी वाजपेयी और पूर्व उप प्रधानमन्त्री श्री लालकृष्‍ण आडवाणी को ही मिला है। अपने अध्यक्षीय कार्यकाल में माननीय श्री राजनाथ सिंह ने ही अनेक अन्तर्विरोधों के बावजूद माननीय श्री नरेन्द्र दामोदरदास मोदी को प्रधानमन्त्री पद का उम्मीदवार बनाकर चुनाव लड़ने का निर्णय लिया, जिसका सुखद परिणाम आज सम्पूर्ण भारतवर्ष को प्राप्त हो रहा है।
लोकप्रिय प्राध्यापक, कुशल वक्ता, भारत माता के प्रतिबद्ध सेनानी, साहित्य-पारावार-पारीण, कृषि एवं कृषक-संस्कृति के उन्नायक, नीति-निष्णात नेता, उत्तर प्रदेश में नक़ल अध्यादेश पारित करनेवाले प्राक्तन शिक्षामन्त्री, उत्तर प्रदेश को उत्तम प्रदेश बनानेवाले प्राक्तन मुख्यमन्त्री, सम्प्रति भारत सरकार के लोकप्रिय गृहमन्त्री, भगवान् श्रीराम के विश्वविश्रुत इक्ष्वाकु वंश के प्रजावत्सल शासक महाराज रैक्य के वंशधर माननीय राजनाथ सिंह जी को जन्मदिवस के शुभावसर पर सार्थक, यशस्वी एवं सुदीर्घजीवी जीवन की अनन्त शुभकामनाएँ।

सादर...
(डॉ. जितेन्द्रकुमार सिंह 'संजय' द्वारा लिखा )

सोमवार, 9 जुलाई 2018

बच्चों के मामले में क्या सरकार गंभीर है? -सुरेशचंद्र शुक्ल 'शरद आलोक' ,Oslo,

बच्चों के मामले में क्या देश की सरकार गंभीर है? 
-सुरेशचंद्र शुक्ल 'शरद आलोक'
भारत में सन 2016  में  54.723 (चौव्वन हजार सात सौ तेईस) बच्चों का अपहरण हुआ था. इस सम्बन्ध में भारत सरकार या किसी राजनैतिक पार्टी ने कोई बड़ा सम्मेलन बच्चों पर हो रही हिंसा उनके अपहरण को लेकर  किया यदि नहीं तो क्यों?  राजनैतिक पार्टियों को बुलाकर इस बारे में कोई ठोस कदम उठाया।
आज दिल्ली के बड़े मुख्य हिंदी समाचार पत्र विज्ञापनों और राज नेताओं के चित्र और राजनैतिक पार्टियों की सेवा में लगे दिख रहे हैं. क्या देश की समस्याओं पर भी समाचार पत्र गंभीर होंगे।

भारत विश्व में प्रेस स्वतंत्रता पर 136वां स्थान रखता है इस पर सरकार ने ध्यान दिया है. अखबार मालिकों ने इस बारे में कुछ किया है या उन्हें केवल पैसे से मतलब है और प्रजातंत्र के चौथे खम्भे होने का भान कम है.
आइये आज के अखबार अमर उजाला में छपी सूचना पर गौर कीजिये। अमर उजाला से साभार।





शनिवार, 7 जुलाई 2018

नव इतिहास रचेगा वह, (जो) इतिहास नहीं दोहराता है. - सुरेशचन्द्र शुक्ल 'शरद आलोक', ओस्लो , 7 जुलाई 2018 -Suresh Chandra Shukla

 
सूर्य डूबा नहीं अब यहाँ, 
उत्तरी छोर है पश्चिम का.
नारों से मिटती भूख नहीं,
प्रश्न दिशाओं के भ्रम का. 
(प्रिय पाठकों जून और जुलाई में उत्तरी ध्रुवीय रेखा पर स्थित स्थानों पर 
सूरज नहीं डूबता।  नार्वे, कनाडा, स्वीडेन और अन्य देश पश्चिम देश कहलाते हैं 
अतः आजकल यहाँ दिन रात उजाला रहता है.) 
 
 नारों से जग इंसान अगर,
 मुट्ठी भर हाथ उठाता है,
गमले बोया बीज कभी 
पेड़ बड़ा बन जाता है.
 
इसलिए मुसाफिर जागो तुम,
मिलकर जो हाथ उठाओगे।
जन-जन ताकत पहचानो तुम,
वरना बैल से हाँके जाओगे।

हेरफेर से नहीं बदलता,
इतिहास हमारी गाथा है.
नव इतिहास रचेगा वह,
(जो) इतिहास नहीं दोहराता है.

-  सुरेशचन्द्र शुक्ल 'शरद आलोक', 
ओस्लो , 7 जुलाई 2018

रविवार, 1 जुलाई 2018

क्रूआसिया और डेनमार्क के बीच विश्वकप फ़ुटबाल फ़ुटबाल मैच बहुत रोमांचक था. क्रूआसिया जीत गया. Oslo, 01.07.18

डायरी, 01.07 .18, Oslo ओस्लो, नार्वे 
आज ओस्लो मेंअलनाब्रू स्थित गुरूद्वारे में गए वहां शीश झुकाया और उसके बाद क्रिन्शो स्टूडेंट टाउन होते हुए सांगसवान लेक गए जहाँ मुझे पुरानी परिचित आने मिली।  मौसम बहुत सुहावना था, सूरज पूरी जोरशोर से चमक रहा था. बहुत से लोग अपने मित्रों, परिवारों के साथ धूप खा रहे थे.
उसके बाद होलमेनकोलेन स्की जम्प तक गया जहाँ से जाड़े में बहुत ऊंचाई से सकी करते हुए बर्फ में कूदते है यह जाड़े का खेल ओलम्पिक में भी होता है.
वापस लौटते हुए मेरी गाड़ी खराब हो गयी. मैंने अपने बड़े पुत्र अनुराग को फोन किया कि कार के क्लच ने काम करना बंद कर दिया है. वह अपनी कार से आया और NAF को फोन किया और वह आये और मेरी गाड़ी को उठाकर मेरे वर्कशाप तक ले गए.
वहां से बेटे अनुराग के साथ घर आये. मेरे साथ लखनऊ के श्री सूर्य प्रकाश सक्सेना जी भी थे.
शाम को विश्वकप फ़ुटबाल मैच में देखा क्रूआसिया और डेनमार्क के बीच था बहुत रोमांचक था. पैनाल्टी में क्रूआशिया जीत गया.
आज अपने भारतीय मित्रों शिवराम पांडेय और विनय कुमार शर्मा को जन्मदिन की बधाई दी.

30 जून को ओस्लो में संपन्न हुई प्राइड परेड में 40.000 लोगों ने भाग लिया। -Suresh Chandra Shukla

30 जून को ओस्लो में संपन्न हुई प्राइड परेड में 40.000 लोगों ने भाग लिया। यह समानता के लिए जरूरी है.
इस परेड को देखने के लिए दो लाख लोग आये. एक अच्छा कार्यक्रम था.

कुछ वर्ष पहले राजनैतिक प्रतिनिधियों ने भाग लिया था उसका चित्र संलग्न है