सोमवार, 13 अक्टूबर 2014

कैलाश सत्यार्थी को शान्ति का नोबेल पुरस्कार पर Nobel Peaceprize 2014

कैलाश सत्यार्थी को शान्ति का नोबेल पुरस्कार  पर 
नार्वे में मनाया भारतीयों ने जश्न 
 





 

 

 
 
 
 

भारतीय-नार्वेजीय सूचना एवं सांस्कृतिक फोरम की ओर से आयोजित लेखक गोष्ठी में
शान्ति दूत महात्मा गांधी और पोलर पितामह फ्रितयोफ नानसेन का जन्मदिन मनाया गया.
इन दोनों महापुरुषों पर पूर्व मेयर थूरस्ताइन विन्गेर ने अपना व्याख्यान दिया।
जब इसी दिन १० अक्टूबर को यह घोषणा किये जाने के बाद कि एक भारतीय समाजसेवी कैलाश सत्यार्थी को दिया जा रहा है तो सभी भारतीय खुशी से झूम उठे और अपनी खुशी कवितापाठ और संगीत के द्वारा की.
कैलाश सत्यार्थी जी के संघर्षमय बच्चों के लिए की जा रही सेवा का उल्लेख किया सुरेशचन्द्र शुक्ल ने.
उन्होंने कहा की सत्यार्थी जी को दिया गया  सबसे ज्यादा योग्य है क्योंकि सत्यार्थी जी के बचपन  आंदोलन से भारत के हजारों बच्चों का जीवन सुधरा और विदेशों   में इसी तरह के प्रोजेक्टों में सहयोग दिया।
सत्यार्थी जी का कहना है की यह पुरस्कार उन्हीं  है,
कार्यक्रम के अंत में काव्य गोष्ठी हुई.   
 


शुक्रवार, 10 अक्टूबर 2014

Gratulerer med dagen Kailash Satyarthi ji- Suresh Chandra Shukla

कैलाश सत्यार्थी को शांति नोबेल पुरस्कार  Nobel fredspris til Kailash Satyarthi og Malala

 
भारतीय -नार्वेजीय सूचना एवं सांस्कृतिक फोरम द्वारा आयोजित लेखक गोष्ठी में कैलाश सत्यार्थी जी का सम्मान किया गया 
 
मेरे दो मित्र साथ-साथ 
चित्र में बाएं से बोर्ड वेगार पूर्व मंत्री और सोशलिस्ट लेफ् टिस्ट पार्टी के नेता  और कैलाश सत्यार्थी 


Det er gledelig å dele at min venn Kailash Satyarthi fikk Nobelfredspris sammen med Malala.
Han har vært i Norge mange ganger. Han har vært hos oss flere ganger. Han er et flott menneske og kjemper for barnas rettigheter verden over.
यह मेरे लिए विशेष गर्व की बात है कि मेरे अजीज मित्र कैलाश सत्यार्थी जी को शान्ति के नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया  गया है. हम यह ख़ुशी अभी कुछ देर बाद लेखक गोष्ठी में वाइतवेत सेंटर, ओस्लो में शाम छः बजे मन रहे हैं जो ओस्लो में रहते हैं वे आसानी से यहाँ आ सकते हैं.  कैलाश सत्यार्थी जी हमारी दो लेखक गोष्ठियों में आ चुके हैं और मेरे  के साथ अनेकों बार ओस्लो स्थित आवास में रह चुके हैं.  -शरद आलोक 

शनिवार, 4 अक्टूबर 2014

गांधी जी और नान्सेन को याद किया जाएगा 10 अक्टूबर को

आमंत्रण Invitasjon: M K Gandhi og Fridtjof Nansen markers på Forfatterkafe.बापू (महात्मा गांधी) नानसेन  को याद किया जाएगा 10 अक्टूबर को. 
10 अक्टूबर को 17:30 बजे
वाइतवेत सेन्टर, ओस्लो में
Velkommen til forfatterkafe fredag den 10. oktober kl. 17:30
på Stikk Innom, Veitvetsenter i Oslo.
Bilde er fra forfaterkafe på Veitvet den 19. September 2014.
१९ सितम्बर को संपन्न हुए लेखक गोष्ठी का चित्र यहाँ दिया हुआ है.  

बॉलीवुड फिल्म फेस्टिवल ओस्लो में

बॉलीवुड फिल्म फेस्टिवल ओस्लो में







सुनील शेट्टी और गगन गिल, फैशन की दुनिया के राजेश दलाल और अन्य लोगों ने फिल्म और फैशन प्रदर्शन में अपनी उपस्थिति से दर्शकों के लिए आकर्षण का कार्य किया।
बॉलीवुड फिल्म फेस्टिवल ओस्लो में लॉरेनस्कूग़ में मैट्रो सेंटर के स्तूर सतुआ में डॉ सुब्रमण्यम और कविता कृष्णमूर्ति एक संगीत कंसर्ट प्रस्तुत किया जिसमें कविता कृष्णमूर्ति के पुराने हिन्दी फ़िल्मी गीतों को बहुत पसंद किया गया. हिन्दी फिल्म को ही बॉलीवुड कहा जाता है.
कविता कृष्णमूर्ति बॉलीवुड फिल्मों में एक जाना -माना नाम हैं उन्होंने एस डी बर्मन और ए आर रहमान जैसे मशहूर और लोकप्रिय  गीतों का संगीत देने वाले संगीतकारों के साथ गीत गाये  हैं और हिन्दी फिल्मों में अपनी एक अलग पहचान बनायी है.
सुब्रमण्यम जी ने अपने पुत्र के साथ वायलेन पर जो युगलबंदी की और धुनें बजाईं तो श्रोताओं -दर्शकों ने भरपूर तालियों से उसका स्वागत किया।  इस कार्यक्रम में दो पुराने मित्र डॉ सुब्रमण्यम और उजागर सिंह सखी मिले इतना ही नहीं उन्होंने डॉ सुब्रमण्यम को उनके सम्मान में पदक भी प्रदान किया। इसमें उनके साथ उनके दामाद और छोटी पुत्री भी साथ थीं. बॉलीवुड फेस्टिवल में मुख्य कार्यकर्ता  नशरुल्ला कुरैशी सखी जी के छोटे दामाद हैं.
 ध्यान रहे कि  सखी जी नार्वे में सातवें और आठवें दशक की शुरुआत में संगीत आदि में सक्रिय थे और अपने अनूठे बयान के लिए नार्वेजीय अखबारों में सुर्खी बनते रहे थे
उजागर सिंह सखी के पास  डॉ सुब्रमण्यम जी रुकते रहे हैं और तब उनके कार्यक्रम की नार्वे में शुरुआत हुई थी. सातवें दशक के अंत और आठवें दशक में सखी जी के साथ नार्वे में संगीत संगीताचार्य  पंडित श्रीलाल और डॉ राजेन्द्र प्रसाद शुक्ल और श्री बंसल आदि होते थे. सखी जी की बड़ी पुत्री वीणा वादन करती थीं और उनका पुत्र बांसुरी बजाते थे.
भारत के समाचारपत्र देशबन्धु में १२ सितम्बर को प्रकाशित समाचार के अनुसार इस बॉलीवुड फेस्टिवल में आयोजित संगीत कंसर्ट में कविता कृष्णमूर्ति ने लोगों का मन मोहा।