कैलाश सत्यार्थी को शान्ति का नोबेल पुरस्कार पर
भारतीय-नार्वेजीय सूचना एवं सांस्कृतिक फोरम की ओर से आयोजित लेखक गोष्ठी में
शान्ति दूत महात्मा गांधी और पोलर पितामह फ्रितयोफ नानसेन का जन्मदिन मनाया गया.
इन दोनों महापुरुषों पर पूर्व मेयर थूरस्ताइन विन्गेर ने अपना व्याख्यान दिया।
जब इसी दिन १० अक्टूबर को यह घोषणा किये जाने के बाद कि एक भारतीय समाजसेवी कैलाश सत्यार्थी को दिया जा रहा है तो सभी भारतीय खुशी से झूम उठे और अपनी खुशी कवितापाठ और संगीत के द्वारा की.
कैलाश सत्यार्थी जी के संघर्षमय बच्चों के लिए की जा रही सेवा का उल्लेख किया सुरेशचन्द्र शुक्ल ने.
उन्होंने कहा की सत्यार्थी जी को दिया गया सबसे ज्यादा योग्य है क्योंकि सत्यार्थी जी के बचपन आंदोलन से भारत के हजारों बच्चों का जीवन सुधरा और विदेशों में इसी तरह के प्रोजेक्टों में सहयोग दिया।
सत्यार्थी जी का कहना है की यह पुरस्कार उन्हीं है,
कार्यक्रम के अंत में काव्य गोष्ठी हुई.
नार्वे में मनाया भारतीयों ने जश्न
भारतीय-नार्वेजीय सूचना एवं सांस्कृतिक फोरम की ओर से आयोजित लेखक गोष्ठी में
शान्ति दूत महात्मा गांधी और पोलर पितामह फ्रितयोफ नानसेन का जन्मदिन मनाया गया.
इन दोनों महापुरुषों पर पूर्व मेयर थूरस्ताइन विन्गेर ने अपना व्याख्यान दिया।
जब इसी दिन १० अक्टूबर को यह घोषणा किये जाने के बाद कि एक भारतीय समाजसेवी कैलाश सत्यार्थी को दिया जा रहा है तो सभी भारतीय खुशी से झूम उठे और अपनी खुशी कवितापाठ और संगीत के द्वारा की.
कैलाश सत्यार्थी जी के संघर्षमय बच्चों के लिए की जा रही सेवा का उल्लेख किया सुरेशचन्द्र शुक्ल ने.
उन्होंने कहा की सत्यार्थी जी को दिया गया सबसे ज्यादा योग्य है क्योंकि सत्यार्थी जी के बचपन आंदोलन से भारत के हजारों बच्चों का जीवन सुधरा और विदेशों में इसी तरह के प्रोजेक्टों में सहयोग दिया।
सत्यार्थी जी का कहना है की यह पुरस्कार उन्हीं है,
कार्यक्रम के अंत में काव्य गोष्ठी हुई.