बॉलीवुड फिल्म फेस्टिवल ओस्लो में
सुनील शेट्टी और गगन गिल, फैशन की दुनिया के राजेश दलाल और अन्य लोगों ने फिल्म और फैशन प्रदर्शन में अपनी उपस्थिति से दर्शकों के लिए आकर्षण का कार्य किया।
बॉलीवुड फिल्म फेस्टिवल ओस्लो में लॉरेनस्कूग़ में मैट्रो सेंटर के स्तूर सतुआ में डॉ सुब्रमण्यम और कविता कृष्णमूर्ति एक संगीत कंसर्ट प्रस्तुत किया जिसमें कविता कृष्णमूर्ति के पुराने हिन्दी फ़िल्मी गीतों को बहुत पसंद किया गया. हिन्दी फिल्म को ही बॉलीवुड कहा जाता है.
कविता कृष्णमूर्ति बॉलीवुड फिल्मों में एक जाना -माना नाम हैं उन्होंने एस डी बर्मन और ए आर रहमान जैसे मशहूर और लोकप्रिय गीतों का संगीत देने वाले संगीतकारों के साथ गीत गाये हैं और हिन्दी फिल्मों में अपनी एक अलग पहचान बनायी है.
सुब्रमण्यम जी ने अपने पुत्र के साथ वायलेन पर जो युगलबंदी की और धुनें बजाईं तो श्रोताओं -दर्शकों ने भरपूर तालियों से उसका स्वागत किया। इस कार्यक्रम में दो पुराने मित्र डॉ सुब्रमण्यम और उजागर सिंह सखी मिले इतना ही नहीं उन्होंने डॉ सुब्रमण्यम को उनके सम्मान में पदक भी प्रदान किया। इसमें उनके साथ उनके दामाद और छोटी पुत्री भी साथ थीं. बॉलीवुड फेस्टिवल में मुख्य कार्यकर्ता नशरुल्ला कुरैशी सखी जी के छोटे दामाद हैं.
ध्यान रहे कि सखी जी नार्वे में सातवें और आठवें दशक की शुरुआत में संगीत आदि में सक्रिय थे और अपने अनूठे बयान के लिए नार्वेजीय अखबारों में सुर्खी बनते रहे थे
उजागर सिंह सखी के पास डॉ सुब्रमण्यम जी रुकते रहे हैं और तब उनके कार्यक्रम की नार्वे में शुरुआत हुई थी. सातवें दशक के अंत और आठवें दशक में सखी जी के साथ नार्वे में संगीत संगीताचार्य पंडित श्रीलाल और डॉ राजेन्द्र प्रसाद शुक्ल और श्री बंसल आदि होते थे. सखी जी की बड़ी पुत्री वीणा वादन करती थीं और उनका पुत्र बांसुरी बजाते थे.
भारत के समाचारपत्र देशबन्धु में १२ सितम्बर को प्रकाशित समाचार के अनुसार इस बॉलीवुड फेस्टिवल में आयोजित संगीत कंसर्ट में कविता कृष्णमूर्ति ने लोगों का मन मोहा।
सुनील शेट्टी और गगन गिल, फैशन की दुनिया के राजेश दलाल और अन्य लोगों ने फिल्म और फैशन प्रदर्शन में अपनी उपस्थिति से दर्शकों के लिए आकर्षण का कार्य किया।
बॉलीवुड फिल्म फेस्टिवल ओस्लो में लॉरेनस्कूग़ में मैट्रो सेंटर के स्तूर सतुआ में डॉ सुब्रमण्यम और कविता कृष्णमूर्ति एक संगीत कंसर्ट प्रस्तुत किया जिसमें कविता कृष्णमूर्ति के पुराने हिन्दी फ़िल्मी गीतों को बहुत पसंद किया गया. हिन्दी फिल्म को ही बॉलीवुड कहा जाता है.
कविता कृष्णमूर्ति बॉलीवुड फिल्मों में एक जाना -माना नाम हैं उन्होंने एस डी बर्मन और ए आर रहमान जैसे मशहूर और लोकप्रिय गीतों का संगीत देने वाले संगीतकारों के साथ गीत गाये हैं और हिन्दी फिल्मों में अपनी एक अलग पहचान बनायी है.
सुब्रमण्यम जी ने अपने पुत्र के साथ वायलेन पर जो युगलबंदी की और धुनें बजाईं तो श्रोताओं -दर्शकों ने भरपूर तालियों से उसका स्वागत किया। इस कार्यक्रम में दो पुराने मित्र डॉ सुब्रमण्यम और उजागर सिंह सखी मिले इतना ही नहीं उन्होंने डॉ सुब्रमण्यम को उनके सम्मान में पदक भी प्रदान किया। इसमें उनके साथ उनके दामाद और छोटी पुत्री भी साथ थीं. बॉलीवुड फेस्टिवल में मुख्य कार्यकर्ता नशरुल्ला कुरैशी सखी जी के छोटे दामाद हैं.
ध्यान रहे कि सखी जी नार्वे में सातवें और आठवें दशक की शुरुआत में संगीत आदि में सक्रिय थे और अपने अनूठे बयान के लिए नार्वेजीय अखबारों में सुर्खी बनते रहे थे
उजागर सिंह सखी के पास डॉ सुब्रमण्यम जी रुकते रहे हैं और तब उनके कार्यक्रम की नार्वे में शुरुआत हुई थी. सातवें दशक के अंत और आठवें दशक में सखी जी के साथ नार्वे में संगीत संगीताचार्य पंडित श्रीलाल और डॉ राजेन्द्र प्रसाद शुक्ल और श्री बंसल आदि होते थे. सखी जी की बड़ी पुत्री वीणा वादन करती थीं और उनका पुत्र बांसुरी बजाते थे.
भारत के समाचारपत्र देशबन्धु में १२ सितम्बर को प्रकाशित समाचार के अनुसार इस बॉलीवुड फेस्टिवल में आयोजित संगीत कंसर्ट में कविता कृष्णमूर्ति ने लोगों का मन मोहा।
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