शनिवार, 8 नवंबर 2014

'पर्यावरण और हिन्दी साहित्य'

18 से 20 अक्टूबर 2014 को 'पर्यावरण और हिन्दी साहित्य' विषय पर आयोजित अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी के कुछ चित्र जिसका आयोजन पानेर, अहमदनगर, महाराष्ट्र में हुआ था जहाँ मुझे भारत के सर्वाधिक प्रसिद्द समाजसेवी, सोशल एक्टिविस्ट अन्ना हजारे के साथ घंटों विचार विमर्श करने का अवसर मिला जो बहुत प्रेरणापद था. जिसे मैं कभी भूल नहीं सकता।


 

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