आज ३० जनवरी २०१५। ओस्लो में तापमान -१,५ है.
मेरे मन में महात्मा गांधी जी की पुण्य तिथि पर अनेक विचार गूंज रहे है.
विश्व शान्ति दूत महात्मा गांधी के सत्य और अहिंसा के सिद्धांत की हर जगह चर्चा है.
उन्हें हम श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं. एक कवि ने लिखा है:
"दे दी हमें आजादी, बिना खड्ग बिना ढाल.
साबरमती के संत तूने कर दिया कमाल।। "
बापू तुमको कोटि नमन
(१)
बापू तुमको कोटि नमन.
संघर्षो को गले लगाया,
दिया अपना पूरा जीवन।
देश विदेश में प्राण फूंकते
समस्याओं का करते निवारण।।
मानवता के लिए सदा
हम अपना समय लगाएं।
चाहे जो आफत आ जाये,
सच से दूर न जायें।
(२)
हे बापू
आज मौन हैं
बड़े-बड़े नेता-व्यापारी,
मूढ़ बनी देख रही है जनता?
क़्या कहें, देख रहे हैं
अनसुनी कर रहे
मानो आँखों में पट्टी
कानों में पर्दा।
भय के रहते
गीत कहाँ से गाउँ?
किन पंखों से और उडूं?
नरभक्षी बैठे पंख कुतरने।
कैसी आस जगाऊँ?
चुप रहने से कभी न होंगे
संकट के निवारण
मिलकर साथ नहीं लड़े तो,
मरे जायेंगे बिन कारण।
बापू तुमको कोटि नमन.
-शरद आलोक, ओस्लो 30.01.15
मेरे मन में महात्मा गांधी जी की पुण्य तिथि पर अनेक विचार गूंज रहे है.
विश्व शान्ति दूत महात्मा गांधी के सत्य और अहिंसा के सिद्धांत की हर जगह चर्चा है.
उन्हें हम श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं. एक कवि ने लिखा है:
"दे दी हमें आजादी, बिना खड्ग बिना ढाल.
साबरमती के संत तूने कर दिया कमाल।। "
बापू तुमको कोटि नमन
(१)
बापू तुमको कोटि नमन.
संघर्षो को गले लगाया,
दिया अपना पूरा जीवन।
देश विदेश में प्राण फूंकते
समस्याओं का करते निवारण।।
मानवता के लिए सदा
हम अपना समय लगाएं।
चाहे जो आफत आ जाये,
सच से दूर न जायें।
(२)
हे बापू
आज मौन हैं
बड़े-बड़े नेता-व्यापारी,
मूढ़ बनी देख रही है जनता?
क़्या कहें, देख रहे हैं
अनसुनी कर रहे
मानो आँखों में पट्टी
कानों में पर्दा।
भय के रहते
गीत कहाँ से गाउँ?
किन पंखों से और उडूं?
नरभक्षी बैठे पंख कुतरने।
कैसी आस जगाऊँ?
चुप रहने से कभी न होंगे
संकट के निवारण
मिलकर साथ नहीं लड़े तो,
मरे जायेंगे बिन कारण।
बापू तुमको कोटि नमन.
-शरद आलोक, ओस्लो 30.01.15
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