प्रथम विश्व युद्ध के 100 वर्ष, भारतीय जवानों को नमन
अमर जवानों को धर ध्यान।
लेखनी कर उनका गुणगान!!
जो सीमाओं पर पहरा देते,
रक्षा करते ये वीर जवान।
प्रथम विश्व युद्ध में शीश गवायाँ
चौहत्तर हजार हुए बलिदान।
अमर जवानों को धर ध्यान।
लेखनी कर उनका गुणगान!!
देश के अन्दर नव आशायें
बुला रही हम सबको प्राण।
हर जन-जन तक पहुंचायें,
रोटी कपड़ा और मकान।।
जो मानवता का रखें मान.
लेखनी कर उनका गुणगान!!
बाल मजदूरी और दासता
दोनों को दूर भगाना है
भूखे हैं आजाद देश में
पूरे समाज पर ताना है.
देश सेवा जो करें किसान।
लेखनी कर उनका गुणगान!!
भ्रष्टाचार-भेदभाव से
देश को मुक्त कराना है.
इस देश में सारे बच्चों को
भरपेट स्कूल भी जाना है.
जो न्याय दिलाते ससम्मान।
लेखनी कर उनका गुणगान!!
समान हक़ पत्नी को देते,
बेटी पर गर्व करें संतान।
निशुल्क शिक्षा व इलाज दे
बच्चों को दो स्वाभिमान।।
अधिकार दिलाये जो इन्सान।
लेखनी कर उनका गुणगान!!
सुरेशचन्द्र शुक्ल 'शरद आलोक' ओस्लो, 10.03.15
अमर जवानों को धर ध्यान।
लेखनी कर उनका गुणगान!!
जो सीमाओं पर पहरा देते,
रक्षा करते ये वीर जवान।
प्रथम विश्व युद्ध में शीश गवायाँ
चौहत्तर हजार हुए बलिदान।
अमर जवानों को धर ध्यान।
लेखनी कर उनका गुणगान!!
देश के अन्दर नव आशायें
बुला रही हम सबको प्राण।
हर जन-जन तक पहुंचायें,
रोटी कपड़ा और मकान।।
जो मानवता का रखें मान.
लेखनी कर उनका गुणगान!!
बाल मजदूरी और दासता
दोनों को दूर भगाना है
भूखे हैं आजाद देश में
पूरे समाज पर ताना है.
देश सेवा जो करें किसान।
लेखनी कर उनका गुणगान!!
भ्रष्टाचार-भेदभाव से
देश को मुक्त कराना है.
इस देश में सारे बच्चों को
भरपेट स्कूल भी जाना है.
जो न्याय दिलाते ससम्मान।
लेखनी कर उनका गुणगान!!
समान हक़ पत्नी को देते,
बेटी पर गर्व करें संतान।
निशुल्क शिक्षा व इलाज दे
बच्चों को दो स्वाभिमान।।
अधिकार दिलाये जो इन्सान।
लेखनी कर उनका गुणगान!!
सुरेशचन्द्र शुक्ल 'शरद आलोक' ओस्लो, 10.03.15
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