गुरुवार, 1 फ़रवरी 2018

कान पर जूं न रेंगने वाले लोकतंत्र की जय. नये सिस्टम को बधाई? - शरद आलोक

 कान पर जूं न रेंगने वाले  लोकतंत्र की जय. नये  सिस्टम को बधाई? - शरद आलोक 
असंतुष्ट से मुलाकात,
लेकिन नहीं निकल पाया कोई समाधान।
चारों जजों ने एक समिति गठित करने का सुझाव दिया था.
जो समिति केसों को आवंटित करने के मामले में
सुझाव दे सके।
सुझावों को किया दरकिनार नयी घोषणा।
मुख्य न्यायाधीश करेंगे फैसला?

मियां की जूती मियाँ के सिर,
वाली कहावत चरित्रार्थ हो रही है.
सही आवाज भी उठाओ
और कान पर जूं न रेंगने वाले  लोकतंत्र की जय.
नये  सिस्टम को कैसी दें बधाई, बहुत बधाई,? 
प्रजातंत्र की कमजोरी गरमाई। 
जनता सर्वोपरि है.
करे यदि अगले चुनाव में सुनवाई?
                 शरद आलोक

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