लड़की हूँ लड़ सकती हूँ
(प्रियंका गाँधी जी को 50वें जन्मदिन पर हार्दिक बधाई। आप शतायु हों।)
उत्तर प्रदेश में महिलाओं को
जगह दिलाने वाली प्रियंका गाँधी जी
अपनी दादी माँ श्रीमती इन्दिरा गाँधी जी के साथ,
खेलकूद कर बड़ी हुई ।
निडर जूझती महिलाओं के लिए देश में
लड़की हूँ लड़ सकती हूँ
दिया सन्देश।
निकल पड़ी है सडकों, खलियानों और
अत्याचारियों के विरुद्ध छेड़ती युद्ध;
महा प्रबुद्ध
जान लिए हथेली पर
निकल पड़ी है न्याय दिलाने;
सोये हुए देश को जगाने,
पुरुष मानसिकता के बीच
जैसे दांतों के बीच जबान;
ओ प्रियंका महान!
प्रियंका गाँधी वाड्रा ने
भारतीय राजनीति में
पुरुष मानसिकता को दरकिनार करते हुए
महिलाओं के राजनीति में
40 प्रतिशत भागीदारी दिलाने
सड़कों पर वह उतर चुकी है
चुनाव में डंका पीट चुकी है.
अब हमारी बारी है ,
पूरी तैयारी है ।
महिला सशक्तिकरण होगा तभी मजबूत,
जब सभी महिलायें जुड़ेंगी एक सूत्र में
अपनी समस्याओं के लिए
कमर कसेंगी;
बड़े घमंडी सशकों का घमंड
होगा एक दिन चूर
होकर महिला शक्ति के आगे मजबूर।
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