'अनफिट प्रधानमन्त्री' कहानी
सुरेशचन्द्र शुक्ल 'शरद आलोक'
ब्रिटेन में स्कूल के बच्चों को एक निबंध प्रतियोगिता है। निबंध प्रतियोगिता का विषय है, 'अनफिट प्रधानमंत्री'।
स्कूल की इस कक्षा में बहुत से देशों के बच्चे हैं। कक्षा में अनेक देशों के शरणार्थी बच्चे भी हैं जो विषय से बहुत खुश थे, क्योंकि उन्होंने स्वयं देखा है अपने डिक्टेटर प्रधानमंत्रियों को। ये शरणार्थी बच्चे जिन्हें अपने-अपने देश से माता-पिता के साथ जान बचाकर भागना पड़ा है। शरणार्थी बच्चों को अपने माता-पिता के साथ दूसरे देशों में शरण लेनी पड़ी है।
पूरे पश्चिमी देशों में अक्सर शरणार्थियों का मुद्दा गरम रहता है। कहा जाता है जो मानवता की बात करे वह आगे बढ़कर उनकी सहायता भी करे और आगे आये। यही हो रहा है यूरोप के कई देशों में जहाँ हर साल अनेक देशों से युद्ध, गृह युद्ध, राजनीतिक विरोध से परेशान लोग दूसरे देशों में शरण लेते हैं और बेमन पलायन करते हैं।
अपने देश में समस्याओं के चलते इस कक्षा में पढ़ रहे बहुत से बच्चे शरणार्थी हैं। ये शरणार्थी बच्चे अपने देश को छोड़कर ब्रिटेन में शरणार्थी बने हैं।
कक्षा के सभी बच्चे निबंध लिखने में लगे हैं। आपस में बात भी कर रहे हैं और अध्यापक से भी पूछ रहे हैं।
वह अपने-अपने देशों के प्रधानमंत्री को अनफिट बनाने के लिए विचारमग्न थे। निबंध तो पूरा करना है। बच्चे अध्यापक से पूछ रहे हैं अपने-अपने देश के प्रधानमंत्री के बारे में। अध्यापक भी डाटा पट पर अपने कंप्यूटर के जरिये विभिन्न देशों के प्रधानमंत्रियों की फोटो दिखा रहा है।
उस देश के आधिकारिक इंटरनेट पेज से सूचनायें ब्लैकबोर्ड की तरह डाटा पट पर बड़े परदे पर दिखा रहा है।
कोई भी किसी भी देश में शरणार्थी अपनी ईच्छा से तो नहीं बनता है। कोई भला अपना घरबार और देश कैसे त्याग सकता है? कोई न कोई मज़बूरी होती है इन शरणार्थियों की।
बच्चों में होड़ लगी है कि वह अपने-अपने प्रधानमंत्री की जो बुराइयां हैं उन्हें उजागर कैसे करें।
ब्रिटेन की एक लड़की ने निबंध में लिखा कि हमारा प्रधानमंत्री अनफिट है क्योंकि उसने कहा है कि बुरका पहने लड़कियाँ पोस्टबॉक्स लगती है। बताओ भला मेरी माँ बुरका पहनती है तो वह पोस्ट आफिस लगती है? एक लड़की फाकरा अपने निबंध में लिखती है।
तजाकिस्तान का एक शरणार्थी बच्चा लिखता है, कि उसके देश का प्रधानमंत्री तानाशाह है क्योंकि वह प्रदर्शनकारियों को बिना चेतावनी दिए गोली मारने का आदेश देता है।
एक भारतीय बच्चे को निबंध प्रतियोगिता में अव्वल स्थान मिलता है। निबंध प्रतियोगिता में कौन अव्वल आया और दूसरे-तीसरे नंबर पर यह कक्षा के बच्चे अपना-अपना वोट देकर किया जाता है। स्कूल में ही यदि बच्चों को वोट देना स्वतन्त्र सोचना सिखाया जाए तो बच्चे लोकतंत्र को मजबूत रखते हैं और आत्म निर्भर होना सीखते हैं।
जिस भारतीय बच्चे को निबन्ध प्रतियोगिता में स्थान मिला है उसका नाम अमर है। उसे स्कूल के वार्षिक समारोह में सम्मानित किया जाता है और निबंध का एक अंश पढ़ने के लिए कहा जाता है।
अमर निबंध पढता है,
"भारत के एक बच्चे ने लिखा, "मेरा प्रधानमंत्री अनफिट है क्योंकि वह गलत और झूठे आकड़े लिखता है और विपक्ष से नफरत के भाषण देता है तथा अपने नेता और अधिकारियों की जासूसी कराता है। मेरा प्रधानमंत्री विपक्षी पार्टियों की महिलाओं पर अभद्र टिपण्णी करता है. महात्मा गाँधी जी के हत्यारे को देशभक्त बताने वाले को सांसद बनवाता है। किसान को कुचलने के आरोप में फंसे मंत्री को अपने मंत्रिमंडल में रखता है।"
लोग ताली बजा रहे हैं। कक्षा के बच्चे खुश हैं जिन्होंने अपना-अपना वोट देकर अमर का निबंध पसंद किया है।
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