शनिवार, 18 फ़रवरी 2023

अर्ध सत्य - सुरेशचन्द्र शुक्ल 'शरद आलोक'

अर्ध सत्य 

सुरेशचन्द्र शुक्ल 'शरद आलोक'

न्याय पालिका, चुनाव आयोग 

और मीडिया झुका हुआ है। 

इसीलिए लोकतंत्र का मानो

गला घुटा - घुटा है।


विज्ञापन प्रदूषण फैलाने वाले

नेता अपने चित्र

बेतुके असत्य संदेशों से

जनता को गुमराह कर रहे।

अन्धभक्त भी अन्धकार को

उजियारा साबित में लगे हुए हैं।


जहाँ सबसे ज्यादा जनता, 

भूख-प्यास से मरती है। 

शिक्षा के अभाव में बच्चे, 

जहाँ कूड़ा बीना करते हैं। 


देश सम्पत्ति, निजी हाथों में, 

कौड़ी के भाव बेचती है। 

देश-विदेश के पूंजीपति के घर 

हुक्का-पानी भरती है। 


अन्धभक्त उस बन्दे को, 

अपना हीरो मोदी कहती है। 

सच्चाई कहने वालों को

अपराधी, डोंगी  कहती है। 


छप्पन सीने वाले का पौरुष, 

क्या गौरव से भर जाता है? 

बुलडोजर बाबा के कारण, 

सरेआम बेटियां जलती हैं। 


गुरुवार, 16 फ़रवरी 2023

बुलडोजर बेकाबू, बुलडोजर बाबा सरकार से स्तीफा दें Suresh Chandra Shukla

 

बुलडोजर बेकाबू, बुलडोजर बाबा सरकार  से स्तीफा दें

 सुरेशचन्द्र शुक्ल 'शरद आलोक'

बुलडोजर जब बेकाबू हो गया है 
कानपुर में हिन्दू मां - बेटी (प्रमिला और बेटी) पर बुलडोजर चलाकर
खुले आम मार दिया है. 
बुलडोजर बाबा जी -20 की पार्टी खा रहे हैं 
जिस सरकार ने बुलडोजर है चलाया 
उस सरकार से क्यों नहीं जनता स्तीफा मांग रही है?
सब मीडिया ऐंकर क्यों मौन हो गए हैं 
नामर्दी का दामन ओढ़े 
चौथा खम्भा क्यों छिप गया है.

जनता क्यों भेड़ बकरी बन गयी है 
सभी धर्म  धर्म के लोग मर रहे हैं. 
उन्नाव रेपकांड के बाद यदि 
जनता जाग गयी होती 
तो न्यायालय से न्याय मिलता 
बुलडोजर वाले कभी नहीं राज्य करते।

देश की नाव क्यों नेता डुबा रहे हैं - सुरेशचन्द्र शुक्ल 'शरद आलोक'











देश की नाव क्यों 
नेता डुबा रहे हैं। 

देश की नाव में
छेद पर छेद हो रहे हैं। 
संसद में प्रधानमंत्री 
विपक्षियों का अपमान कर रहे हैं। 
सांसद ताली बजाकर
खिल्ली उड़ा रहे हैं। 

जो लोग देश की नाव पर छेद दिखाकर 
सरकार को सावधान कर रहे हैं। 
देश की आर्थिक नाव डूबने से
बचा रहे हैं। 
डरे हुए नेता के क्यों 
हाथ कांप रहे हैं? 

प्रधानमन्त्री की यात्रायें 
अ से व्यापार बढ़ाने 
ह तक की जनता भूल गये हैं। 
जेल जाने की अनजाने 
क्यों तैयारी कर रहे हैं। 

खुद का धन्धा बढ़ा रहे हैं। 
देश की समस्या 
सरकार क्यों न भूलें? 
चुनावी चन्दा देने वाले 
क्यों घबराये हुए हैं। 

पुस्तकों में अ से अनार 
की जगह अ एवं डा नी 
पढ़ा रहेे है। 

क्या प्रधान, मन्त्री एजेंट- सेवा के बदले 
व्यापार में हिस्सा पा रहे हैं? 

न्यायालय की बड़ी चुनौती 
ईमानदार होने से है। 
देश-विदेश की अदालत 
संज्ञान ले रही है। 
क्या देश के भ्रष्ट नेता 
विदेशी जेल में मिलेंगे? 

हमारे सांसद जब ताली बजा रहे हैं।
वे अपनी संसद की गरिमा
दुनिया में घटा रहे हैं।

- सुरेशचन्द्र शुक्ल 'शरद आलोक'