मणिपुर जल रहा लोकतन्त्र बचाओ।
मणिपुर में मानवाधिकार-शान्ति लाओ।
नार्वे से सुरेशचन्द्र शुक्ल ‘शरद आलोक’
कानून का राज्य चूर-चूर हुआ है,
सरकार पर विश्वास दूर हुआ है।
मणिपुर को क्यों आग में जलने देते?
क्या मुख्य मीडिया बिका हुआ है?
लेखक, पत्रकार अनेक मौन है?
मणिपुर अशांत छोड़ गया कौन है?
देश-विदेश में भारतवासी हैं चिंतित,
हम मौन तमाशा देख रहे हैं।
सत्य-अहिंसक प्रदर्शनकारी को
गिरफ़्तार करा रहा कौन है?
मीडिया मानवाधिकार का रक्षक होता,
एकतरफ़ा समाचार दिखा रहा मौन है?
लोकतंत्र में रोटी से बड़ा मानवाधिकार है।
शान्ति, सुरक्षा, स्वतंत्रता बड़ा सवाल है।
व्यवस्था, सांसद, पुलिस कमजोर बड़े,
सरकार के हाथ में कठपुतली बड़े बने?
जो गोदी मीडिया है, उसे न देखो?
हाथ पर हाथ रखे घर पर नहीं बैठो।
देश-विदेश में भारतवासी हैं चिंतित,
मानवाधिकार बचाने सड़क पर पहुँचो।
(ओस्लो, योग दिवस, 21 जून 2023)
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