गुरुवार, 2 जनवरी 2025

जीवन तुम खुशहाल हो - Suresh Chandra Shukla

जीवन तुम खुशहाल हो 

श्रम, धैर्य सजगता कमाल हो, 
चाह जिसकी करें वह साथ हो
ईमानदारी में कभी न रुकें कदम,
उद्देश्य के लिए समर्पित भाव हो।

हौंसले सदा बुलंद उसी के हैं,
काँटों से भी जो दोस्ती कर सके। 
कठिन सफ़र भी कट जायेगा, 
सुख-दुख में अगर कोई साथ हो।

स्वप्न देखने का बस ख़्याल हो।
ज्ञान और कला तुम्हारे साथ हो। 
रुकावटें बता रहीं बढ़ रहे कदम,
जीवन क्या खूब बेमिसाल हो।

01.01.25  Suresh Chandra Shukla 

सेलीना के नाम पत्र Brev til Selina - Suresh Chandra Shukla

सेलीना  के नाम पत्र Brev til Selina

मेरी पौत्री तुम बेमिसाल हो।

निश्छल, सरल तुम कमाल हो।
चिंता में खोये जो भी तुमसे मिले,
भूल जाये सब कुछ देर के लिए।
सबका मिले तुम्हें आशीष,
नमन करो झुकाकर शीश।
करो सभी को नमन
जीवन है एक चमन। 

खुश रहो, खेलो कूदो
शांति से रहो।
संस्कार को करो ग्रहण 
जीवन है एक चमन। 
चिड़ियों की तरह चहको 
तुम! स्कूल, आँगन घर।
रोओ, हँसो रहो अपने में मगन।
छुओ तुम नन्ही अँगुलियों से गगन।

नया साल मंगलमय हो।

सुरेश चन्द्र शुक्ल (बाबा)
ओस्लो, 31.12.24 

जीवन तुम बेमिसाल हो - सुरेशचन्द्र शुक्ल 'शरद आलोक'

 जीवन तुम बेमिसाल हो - सुरेशचन्द्र शुक्ल 'शरद आलोक'

श्रम, धैर्य सजगता कमाल हो, 
चाह जिसकी करें वह साथ हो
ईमानदारी में कभी न रुकें कदम,
उद्देश्य के लिए समर्पित भाव हो।

हौंसले सदा बुलंद उसी के हैं,
काँटों से भी जो दोस्ती कर सके। 
कठिन सफ़र भी कट जायेगा, 
सुख-दुख कोई कोई साथ हो।

स्वप्न देखने का बस ख़्याल हो।
ज्ञान और कला तुम्हारे साथ हो। 
रुकावटें बता रहीं बढ़ रहे कदम,
जीवन क्या खूब बेमिसाल हो।
28.12.24 Suresh Shukla