भारतीय -नार्वेजीय सांस्कृतिक फॉरम द्वारा आयोजित इक्कीसवां अंतराष्ट्रीय सांस्कृतिक महोत्सव १६ अगस्त को ओस्लो स्थित वाइतवेत उन्ग्दोम्स सेंटर (यूथ सेंटर ) में संपन्न हुआ जहाँ नार्वेजीय सांसदों श्रीमती मारियाने मर्तिन्सेन Marianne Martinsen अख्तर चौधरी Akhtar Chadhry तथा स्थानीय मेयर BU-Leder थूर्स्ताइन विंगेर Torstein Winger ने संस्कृति -पुरस्कार भारत से आए विद्द्वानों को प्रदान किए इनके नाम हैं: चेन्नई से सतीश कुमार मोर्य, प्रो निर्मला एस मौर्य, डॉ रामाश्रय सविता, सुरिंदर कुमार सेठी (दिल्ली) और प्रो योगेन्द्र प्रताप सिंह (लखनऊ विश्विद्यालय )। नार्वे में विदेश समिति की उपाध्यक्ष, सांसद और लेबर पार्टी की नेता मारित नीबाक Marit Nybakk और सांसद हाईकी होल्मोस Heikki Holmås को भी सांस्कृतिक पुरस्कार दिया गया। इस अवसर पर प्रवासी लेखक सुरेशचंद्र शुक्ला पर लिखे अभिनन्दन ग्रन्थ और रजनी काव्य संग्रह का लोकार्पण १६ अगस्त को संपन्न हुआ। रजनी पर अपने विचार व्यक्त किए प्रो निर्मला एस मोर्य ने और अभिनन्दन ग्रन्थ पर प्रकाश डाला संपादक डॉ रामाश्रय सविता जी ने।
हेनरिक इबसेन के नाटकों का लोकार्पण
१८ अगस्त को लिटरेचर हॉउस ओस्लो में भारत नार्वे लेखक सेमीनार में भारत और नार्वे के मध्य साहित्य के योगदान की चर्चा की गयी। सेमिनार में नार्वे के विश्वप्रसिद्ध नाटककार हेनरिक इबसेन के नाटकों की हिन्दी men अनूदित कृतियों 'गुडिया का घर' और 'मुर्गाबी' का लोकार्पण किया गया। अनुवादक और भारतीय नार्वेजीय सूचना एवं सांस्कृतिक फॉरम के अध्यक्ष सुरेशचंद्र शुक्ल 'शरद आलोक' को नार्वे का महत्वपूर्ण सेतु बनाने वाला बताते हुए लेखक संघ की अध्यक्ष ने कहा कीवह जितने भारत के हैं उससे ज्यादा नार्वे के महत्वपूर्ण लेखक हैं जिन्हें हम लोग पुरस्कृत भी कर चुके हैं और आशा करते हैं की भारत में भी उन्हें उचित स्थान दिया जाएगा।
भारत से आए विद्वानों ने अपने शोध पत्र हिन्दी में विभिन्न विषयों पर पढ़े जिसका शरांश अंग्रेजी में भी पढ़ा । नार्वेजीय लेखक संघ की अध्यक्ष और नार्वेजीय लेखक सेंटर के प्रतिनिधि के साथ-साथ सांसद, वित्तमंत्रालय समिति ke सदस्य और सोशलिस्ट लेफ्ट पार्टी के नेता होल्मोस उपस्थित रहे।
बड़ी संख्या में नार्वेजीय और प्रवासी लेखकों के विच्कारों और कविताओं ने कार्क्रम को विस्तार दिया।
अभिनन्दन ग्रन्थ का लोकार्पण
रजनी की समीक्षा प्रस्तु करते हुए निर्मला एस मौर्य
हाईकी होल्मोस और शरद आलोक से अनूदित पुस्तकें प्राप्त करते हुए।
हाईकी होल्मोस को महेश दिवाकर की लिखी नार्वे पर पुस्तक को भेंट करते हुए सुरेशचंद्र शुक्ल 'शरद आलोक'
हेनरिक इबसेन के नाटकों का लोकार्पण
१८ अगस्त को लिटरेचर हॉउस ओस्लो में भारत नार्वे लेखक सेमीनार में भारत और नार्वे के मध्य साहित्य के योगदान की चर्चा की गयी। सेमिनार में नार्वे के विश्वप्रसिद्ध नाटककार हेनरिक इबसेन के नाटकों की हिन्दी men अनूदित कृतियों 'गुडिया का घर' और 'मुर्गाबी' का लोकार्पण किया गया। अनुवादक और भारतीय नार्वेजीय सूचना एवं सांस्कृतिक फॉरम के अध्यक्ष सुरेशचंद्र शुक्ल 'शरद आलोक' को नार्वे का महत्वपूर्ण सेतु बनाने वाला बताते हुए लेखक संघ की अध्यक्ष ने कहा कीवह जितने भारत के हैं उससे ज्यादा नार्वे के महत्वपूर्ण लेखक हैं जिन्हें हम लोग पुरस्कृत भी कर चुके हैं और आशा करते हैं की भारत में भी उन्हें उचित स्थान दिया जाएगा।
भारत से आए विद्वानों ने अपने शोध पत्र हिन्दी में विभिन्न विषयों पर पढ़े जिसका शरांश अंग्रेजी में भी पढ़ा । नार्वेजीय लेखक संघ की अध्यक्ष और नार्वेजीय लेखक सेंटर के प्रतिनिधि के साथ-साथ सांसद, वित्तमंत्रालय समिति ke सदस्य और सोशलिस्ट लेफ्ट पार्टी के नेता होल्मोस उपस्थित रहे।
बड़ी संख्या में नार्वेजीय और प्रवासी लेखकों के विच्कारों और कविताओं ने कार्क्रम को विस्तार दिया।
अभिनन्दन ग्रन्थ का लोकार्पण
रजनी की समीक्षा प्रस्तु करते हुए निर्मला एस मौर्य
हाईकी होल्मोस और शरद आलोक से अनूदित पुस्तकें प्राप्त करते हुए।
हाईकी होल्मोस को महेश दिवाकर की लिखी नार्वे पर पुस्तक को भेंट करते हुए सुरेशचंद्र शुक्ल 'शरद आलोक'
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