गुलशन बावरा हिन्दी के उन गीतकारों में से एक हैं जिन्होंने गीत को भारत की मिट्टी से जोड़ा -शरद आलोक
अभी कुछ दिनों पहले हमारे प्यारे गीतकार, अच्छे व्यक्ति गुलशन बावरा जी चले गए। देश विदेश में उनके बहुत चाहने वाले थे।
गुलशन बावरा जी का एक गीत था जीवन के हर मोड़ पर मिल जाते हैं हमसफर' जो लोकप्रिय हुआ। लेकिन स्वयम गीतकार बावरा जी मिलकर हमेशा के लिए बिछड़ गए। उनके गीतों में उनको निहारा करेंगे हम सब। फिल्मी गीतों में रस का आभाव सा हो गया लगता है, हालाँकि कुछ अपवाद भी हैं, पर ऐसे गीतकार विरले ही हैं जिन्होंने स्तर से नीचे जाकर समझौता नहीं किया। उनमें से ही एक थे भाई गुलशन जी।
उनके बहुत से गीतों में कुछ को गिना रहा हूँ जिन्हें भूल पाना मुमकिन नहीं है: 'मेरे देश की धरती सोना उगले, उगले हीरे मोती', 'यारी है ईमान मेरा यार मेरी जिन्दगी' , 'अगर तुम न होते', और 'आती रहेंगी बहारें' आदि।
गुलशन जी को श्रधांजलि।
1 टिप्पणी:
सही कहा आपने..
आज गुलशन बावरा के लिखे कुछ गीत जो मुझे हमेशा से पसंद हैं और उनके सांगीतिक सफ़र से जुड़ी कुछ बातें यहाँ शेयर की हैं।
सपना मेरा टूट गया,अरे वो ना रहा कुछ ना रहा
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