मनोज श्रीवास्तव ओस्लो में सम्मानित
Manoj Shrivastav, en kjent forfatter i Bhopal i Inida ble æret av Speil og Indisk-Norsk Informasjons -og Kulturforum på søndag den 3. mai i Oslo.
३ मई को ओस्लो में स्पाइल-दर्पण के कार्यालय ओस्लो में तुलसी दास की रामायण के सुन्दरकाण्ड पर अनेकों पुस्तकें लिखने वाले जाने माने लेखक भोपाल के मनोज श्रीवास्तव जी का सपत्नीक शाल और पदक से सम्मानित किया गया. गत २६ वर्षों से प्रकाशित पत्रिका का संपादन करने वाले सुरेशचन्द्र शुक्ल ने श्रीमती और श्री मनोज श्रीवास्तव जी को बधाई दी और कहा कि मनोज जी का साहित्य और सांस्कृतिक के क्षेत्र में महवपूर्ण योगदान है. मनोज जी एक अच्छे कवि भी हैं और अनेक महत्वपूर्ण पुस्तकें लिख चुके हैं. चित्र में बायें से हिन्दी स्कूल नार्वे की प्रधानाचार्य संगीता शुक्ल, माया भारती, श्रीमती और श्री मनोज श्रीवास्तव एवं अरुणा शुक्ल
नेपाल में आये भूकम्प पर दिवंगत लोगों को श्रद्धांजलि
३ मई, ओस्लो के रोदहूसप्लस में नेपाली लोगों ने नेपाल में आये भूकम्प पर दिवंगत लोगों को श्रद्धांजलि देने के लिए द्वीप प्रज्जवलित किये।
Manoj Shrivastav, en kjent forfatter i Bhopal i Inida ble æret av Speil og Indisk-Norsk Informasjons -og Kulturforum på søndag den 3. mai i Oslo.
३ मई को ओस्लो में स्पाइल-दर्पण के कार्यालय ओस्लो में तुलसी दास की रामायण के सुन्दरकाण्ड पर अनेकों पुस्तकें लिखने वाले जाने माने लेखक भोपाल के मनोज श्रीवास्तव जी का सपत्नीक शाल और पदक से सम्मानित किया गया. गत २६ वर्षों से प्रकाशित पत्रिका का संपादन करने वाले सुरेशचन्द्र शुक्ल ने श्रीमती और श्री मनोज श्रीवास्तव जी को बधाई दी और कहा कि मनोज जी का साहित्य और सांस्कृतिक के क्षेत्र में महवपूर्ण योगदान है. मनोज जी एक अच्छे कवि भी हैं और अनेक महत्वपूर्ण पुस्तकें लिख चुके हैं. चित्र में बायें से हिन्दी स्कूल नार्वे की प्रधानाचार्य संगीता शुक्ल, माया भारती, श्रीमती और श्री मनोज श्रीवास्तव एवं अरुणा शुक्ल
बाएं से अनुराग विद्यार्थी, मनोज श्रीवास्तव और अनुराग शुक्ल
नेपाल में आये भूकम्प पर दिवंगत लोगों को श्रद्धांजलि
३ मई, ओस्लो के रोदहूसप्लस में नेपाली लोगों ने नेपाल में आये भूकम्प पर दिवंगत लोगों को श्रद्धांजलि देने के लिए द्वीप प्रज्जवलित किये।
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