रविवार, 5 जुलाई 2015

आज जब यूनान में जनमतसंग्रह हो रहा है- Suresh Chandra Shukla

Greske folk har folkeavstemning i dag. आज जब यूनान में जनमतसंग्रह हो रहा है


Graulerer og lykke til Greske kamerater. यह सर्वाधिक स्वागत योग्य है कि यूनान की जनता अपने देश की आर्थिक नीति तय करेगी। आज जब यूनान में जनमतसंग्रह हो रहा है इस बात को लेकर कि वह (मतदानपत्र में कुछ तथ्य दिए गए हैं यूनान की नीति को लेकर) हाँ और ना के पक्ष में मत देंगे। यूनान का कोई ख़ास बुरा नहीं होने वाला है जैसा कि हम समाचार पत्र में पढ़ते हैं. असल में समस्या तब आती है जब अर्थ तय करने लगता है राजनीति। असल में राजनीति को तय करना चाहिये किसी भी देश की राजनीति। ऐसा ही बवाल मचा था आइसलैंड को लेकर जब वह दीवालिया घोषित किया गया था पर अब सब ढर्रे पर आ गया था.
सुरेशचन्द्र शुक्ल 'शरद आलोक'
सम्पादक, स्पाइल और यूरोप संपादक, देशबन्धु राष्ट्रीय दैनिक, दिल्ली भारत
चित्र में बाएं से स्वयं मैं, यूनान की सांसद और अरबाइदर (labour) पार्टी के नेता।
På bilde fra venstre er meg selv (Suresh Chandra Shukla), en gresk stortings representant Aglaia Kyritsi og Roymond Johansen.

कोई टिप्पणी नहीं: