हिन्दी पत्रकारिता - बिना मतलब अंगरेजी के शब्दों का प्रयोग
मेरी हार्दिक इच्छा है कि हिन्दी के समाचार पत्र बिना मतलब अंगरेजी के शब्दों का प्रयोग न करें। हिन्दी के सुन्दर और बहुत ग्राह्य शब्दों को क्या तिलांजलि दी जा रही है।
यह पाठकों के लिए अच्छा नहीं है. भाषा की सुंदरता जाते रहने से पाठक को वह आनंद नहीं मिल पाता जिसकी उसे प्रतीक्षा रहती है. हिन्दी पत्रकारिता के लिए जरूरी है कि मालिकों और प्रबंधन की तरफ से आज कार्यरत पत्रकारों को पत्रकारिता के छोटे-छोटे पाठ्यक्रम के साथ विषयानुकूल शिक्षा दी जाएँ। सेमीनार और सम्मेलनों और बैठकों में भी पत्रकारिता पर अच्छा दखल रखने वाले सफल पत्रकार भी शिक्षा देने आएं और उनका सहयोग लिया जाये।
पत्रकारिता की शिक्षा प्राप्त करने के बाद पत्रकारों में समझदारी बढ़ेगी और उन्हें समीक्षा के तत्व, विभिन्न लेखों के बारे में जानकारी होगी। आज चाहे फिल्म समीक्षा हो, नाटक की समीक्षा हो या प्रेस विज्ञप्ति हो पत्रकार पहले से तैयार प्रेस विज्ञप्ति या बिना देखे समझे केवल सुनी-सुनाई बातों पर समाचार, समीक्षा आदि छाप देते हैं. इसकी गंभीरता और उसके परिणाम से परिचित नहीं हैं. समाज का चौथा खम्भा समझा जाने वाला पत्रकार हिन्दी पत्रकारिता में हिन्दी का अधिक प्रयोग कर सही समीक्षा कर पठनीय सामग्री को अधिक ग्राह्य,विश्वसनीय और पठनीय बनाये। सभी पाठकों, सभी मित्रों को ढेरों शुभकामनायें।
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