डायरी २४.०६. १६, ओस्लो
मैंने फेसबुक और ब्लॉग पर ओस्लो में भारतीय दूतावास द्वारा अंतर्राष्ट्रीय दिवस तीन दिन बाद मनाने की सूचना लिखी और लोगों से वहां आने का निवेदन किया। यह योग दिवस का कार्यक्रम आज सांग्सवान मैट्रो स्टेशन के पास खेल कालेज ओस्लो में आयोजित है जो क्रिंशो स्टूडेंट टाउन के दूसरी ओर है. मुझे स्मरण है जब मैं क्रिंशो स्टूडेंट टाउन में रहता था. यहाँ मैंने अपने शुरुआती दिन बिताये हैं.
फोन पर लखनऊ, आगरा और दिल्ली में अपने चिरपरिचितों से बातचीत की. लखनऊ में शोभा जी से पर्यटन पर बात हुई. हमने राहुल सांकृतायन को याद किया। मेरी यात्राओं का जिक्र हो आया. मैंने हाल ही में अमेरिका की यात्रा की है. उन्होंने बताया वह भी अमेरिका यात्रा पर जायेंगी।
यहाँ ओस्लो में हिन्दी साहित्य पर बातचीत मुश्किल है. लोग नहीं मिलते जिन्हें हिन्दी साहित्य में रूचि हो. इंटरनेट पत्रिका में अमृतलाल नागर जी की डायरी पढ़ी जो उन्होंने कोल्हापुर, महाराष्ट्र में एक स्टूडियों में लिखी थी.
बर्मिंगम ब्रिटेन में कृष्ण कुमार जी को फोन किया तो चित्रा भाभी ने फोन उठाया था. कृष्ण कुमार जी भोजन के बाद गहरी नीड में सोये थे. जब से बहुत बीमार हुए हैं संभल कर रहते हैं. आराम का ध्यान रखते हैं जो बहुत जरूरी है.
प्रातः के पौने एक (०० :४५) बजे हैं.
आज एक पुरानी फिल्म नौकरी का आरंभिक हिस्सा देखा जिसमें राज कपूर और राजेश खन्ना मरकर भूतों की दुनिया में आ जाते हैं. बाद में फिल्म मर्यादा देखी जिसमें राजेश खन्ना, राजकुमार, प्राण और माला सिन्हा ने डबल रोल किया है जिसकी कहानी अन्य हिन्दी फिल्मों की तरह है.
आज मैंने एक नार्वेजीय कहानी 'ह्त्या की कला' का अनुवाद शुरू किया है जिसकी लेखिका कोरा सांदेल हैं. मुझसे कुछ दिन पहले शरद सिंह ने कहानी अनुवाद करके भेजने को कहा है. दूसरी रचनाओं का अनुवाद करने में जो समय खर्च होता है उतने समय में मैं अपनी नयी रचना भी लिखने में लगा सकता हूँ. पर व्यवहार में सब कुछ करना पड़ता है.
यूरोपियन यूनियन पर ब्रिटेन की जनता का फैसला मत पेटी में बंद
महान ब्रिटेन में कुछ घंटों में परिणाम आना है कि यहाँ जनता जनमतसंग्रह में (रायसुमारी में) यूरोपियन यूनियन में बने रहने के पक्ष में मत देगी या उससे अलग होने के पक्ष में मंत दे चुकी है. मतदान हो चुका है परिणाम आना बाकी है.
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