श्री गिरिराज किशोर जी ने अपने फेसबुक पर लिखा है: इस पर सभी मीडियाकर्मियों को चिंता करना चाहिये। आज समाचार पत्र का आदर्श कहाँ गया. पहले पेज पर जहाँ यह खबर होनी चाहिए वहां विज्ञापन और दूसरी मामूली खबरें छापी जाती हैं. समाचार संपादक और पत्रकार क्यों सोये पड़े हैं?- सुरेशचंद्र शुक्ल 'शरद आलोक'
श्री गिरिराज किशोर जी ने अपने फेसबुक से साभार :पहले समाचार पत्रों का काम था कि वे देश में हो रही अच्छी बुरी गति विधियों से दे श के लोगों को अवगत रखते थे। अब केवल सरकारी पक्ष को छापते हैं। कश्मीर यदि देश का हिस्सा है तो देश के लोगों से वहाँ के हालत को क्यों छिपाया जा रहा है। केवल द हिन्दू ने कल फ़ोटो के साथ छापा है 'girls take Srinagar by storm' (P.6) horrifying.मुझे याद है एक बार कांग्रेस सरकार के ज़माने में महिलायों ने सड़क पर छातियां पीटी थीं। सब समाचार पक्त्रों ने तस्वीरों के साथ छापा था। मैंने पी एम को लिखा था कि जब औरतें और लड़के सड़कों पर उतरते हैं तो समझिए तुफ़ान आने वाला है। मैं यह देखकर चकित हूँ की लड़कियां पुलिस वैन को तोड़ रही हैं, सुरक्षा कर्मियों पर पत्थर चला रही हैं।
दी हिन्दू से साभार:
http://www.thehindu.com/news/national/other-states/girls-take-srinagar-streets-by-storm/article18204451.ece
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