गुरुवार, 17 मई 2018

नार्वे के राष्ट्रीय दिवस 17 मई संविधान दिवस पर ढेरों बधाई. सुरेशचन्द्र शुक्लGratulerer med 17. mai.

Gratulerer med 17. mai. Hurra!
आज नार्वे के राष्ट्रीय दिवस पर बधाई और शुभकामनायें. 13 वर्षो से नार्वे विश्व में रहने के लिए श्रेष्ठ देशों में पहले स्थान पर है. जब हमारा देश भारत आजाद हुआ था तब नार्वे ने  सबसे पहले मान्यता दी थी.
17 मई 1814 को नार्वे का संविधान बना था. अतः इसे संविधान दिवस भी कहते हैं.
पुराने चित्र में बायें से मैं, ओस्लो की मेयर मारिआने बोर्गेन  और इन्गेर मारिये लिल्लेएन्गेन.
På bilde er fra venstre er meg,  ordfører Marriane Borgen og Inger Marie Lilleengen.  Bilde er fra i fjor på  Grorud i Oslo..

मंगलवार, 15 मई 2018

Between Delhi and Noeda दिल्ली और नोएडा के मध्य घूमते हुए - सुरेशचन्द्र शुक्ल 'शरद आलोक'

दिल्ली और नोएडा के मध्य  घूमते हुए -
सुरेशचन्द्र शुक्ल 'शरद आलोक'
पश्चचिम विहार दिल्ली से तीन मैैट्रो स्टेशनों में से एक चुन सकते हैं: टैगोर गार्डेन, रजौरी गार्डेन और पश्चिम विहार. बीजी -6 जहाँ मैंने अपना ठिकाना बनाया है और रात रात विश्राम किया वहाँ आज प्रातः फ़ेरी वालों (ठेले पर सामान बेचने वालों की पुकार सुनाई नहीं दी. भले ही अखबार बाँटने वाले शान्ति पूर्वक अपने ग्राहकों को सुबह की चाय के पहलेे दे जाते हैं.
कहा भी गया है चाय और अखबार नगरीय सभ्यता का अंग बन गये हैं. उसके बाद रिक्शानुमा तिपहिया चलाते दूध बिक्रेता पलास्टिक की थैलियो में दूध बेचते दिखाई देंगे. उसके बाद सब्जी बेचने वाला आता है  या फ़ल वाला,  नारियल पानी वाला, पौधे बेचने वाला माली  या पुराना सामान ख़रीदने कोई कबाड़ी खरीददार. क्रम से कौन आयेगा यह कहना मुश्किल है.यहाँ आप प्रातः देर तक सो नहीं सकते. मँँा और पत्नी भी  आपको नहीं जगाती. जय हो फ़ेरी वालों की कि वे मुझे सुबह मोबाइल पर अलार्म की घंटी बजने के पहले समय देखने पर  मजबूर कर देते हैं.

बुधवार, 9 मई 2018

कर्नाटक चुनाव में प्रधान मंत्री मोदी की राहुल गांधी को चेतावनी सौहाद्र बिगाड़ना है -सुरेशचंद्र शुक्ल

कर्नाटक चुनाव में प्रधान मंत्री मोदी की कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को चेतावनी? -सुरेशचंद्र शुक्ल
मैंने रेल में लोगों को चर्चा करते हुए सुना कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी अपनी विपक्षी पार्टियों को चेतावनी दे रहे  हैं यह उन्हें टी वी पर रैली के दौरान बोलते कहा दिखाया गया है कि माँ और बेटा राजनीति में मर्यादा में रहें वर्ना वे भुगतने के लिए तैयार रहें।
यह माँ सोनिया गांधी जी और भारत  की बड़ी पार्टी के अध्यक्ष राहुल गाँधी है.
प्रजातंत्र में देश की राजनैतिक पार्टियों के नेताओं को जनता ने मर्यादा में रहें और देश की सेवा के लिए चुना है न कि अमार्यादित भाषा के द्वारा  देश के अंदर जनता  के बीच सौहाद्र बिगाड़ने का काम करें।
यह समाचार इंडिया टुडे पत्रिका ने नेट पर भी प्रकाशित  है। 




शुक्रवार, 4 मई 2018

नागरी लिपि परिषद के कार्यालय राज घाट पर स्थित है. -सुरेशचन्द्र शुक्ल

नागरी लिपि परिषद के कार्यालय
नागरी लिपि परिषद के कार्यालय राज घाट पर स्थित है. पड़ोस में महात्मा गांधी  संग्रहालय  है जहाँ विश्व शान्तिदूत  महात्मा गाँधी की यादगार वस्तुएं दर्शन  रखी   गयी हैं.
महात्मा गाँधी स्मारक निधि कार्यालय कक्ष संख्या १९ (19) में जायँ स्थित है वहाँ नागरी संगम पत्रिका और नागरी लिपि परिषद का कार्यालय है. इस कार्यालय में आपको विज्ञ डॉ  हरी सिंह पाल जी साथ आपका करेंगे। जैसा कि आज मेरा सत्कार हुआ. हिंदी लिपि यानी नागरी   लिपि सम्बन्धी जितनी जानकारी  यहाँ है वह जानकार खुशी होती है.
आप भी हिंदी को केवल नागरी ही लिखें और औरों को भी   करें.प्रेरित करें।  राष्ट्र भाषा  (हिंदी) के बिना राष्ट्र गूँगा होता है और जो अपनी मातृभाषा और  का सम्मान नहीं करता उसका सम्मान दोस्सरे नहीं करते विदेश  में भी सम्मान नहीं होता।
जो बच्चे  मात्र भाषा बोलना, पढ़ना और लिखना  जानते हैं वह  बच्चे  प्रवीण होते  हैं. जो अपनी  मात्र भाषा में अभिव्यक्ति करते  हैं उन  बच्चों में  दूसरे बच्चों से  ज्यादा छमता होती है।

नयी दिल्ली से सुरेशचन्द्र शुक्ल (ओस्लो, नार्वे)


बुधवार, 2 मई 2018

बंधुवर, 30 वर्षों से ओस्लो, नार्वे से प्रकाशित हिन्दी पत्रिका स्पाइल का नया अंक आपके हाथों में है. आपके विचारों का स्वागत है.

बंधुवर, 30 वर्षों से ओस्लो, नार्वे से प्रकाशित हिन्दी पत्रिका 
स्पाइल-दर्पण  का नया अंक आपके हाथों में है. 
आपके विचारों का स्वागत है. 
https://drive.google.com/file/d/0B-Yr4tfxYfDnVXpudEtGWTQ0YUVIVm1kRFBzOUx2U3dZLXBv/view?usp=sharing
बंधुवर, 30 वर्षों से ओस्लो, नार्वे से प्रकाशित हिन्दी पत्रिका स्पाइल का नया अंक आपके हाथों में है. आपके विचारों का स्वागत है. 

मंगलवार, 1 मई 2018

अंतर्राष्ट्रीय श्रमिक दिवस पर एक कविता - सुरेशचन्द्र शुक्ल, ओस्लो

मई अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस पर 
               सुरेशचन्द्र शुक्ल 'शरद आलोक'
यह मजदूर दिवस है भैया, मालिक सरकार सुनो। 
अधिकार नहीं दोगे भैया, तब तुमको धिक्कार सुनो।।   
जेठ दुपहरी सड़क तप रही,
चला रहे गाड़ी और ठेला। 
तूफानों से लड़ते-लड़ते
मजदूरों ने देश धकेला।

सबकी गाड़ी चलती जाये,
राशन-पानी सब पहुँचाये।
दुनिया के सारी औलादें 
भूखे पेट स्कूल जायें।।  

ऐसा इंतजाम करो भैया
हम सबको पानी छाँव मिले।
हमरा पानी हमको बेंचे,
सब ऐसे कारोबार रुकें।।

आज मजदूर दिवस है भैया, हमरी यह आवाज सुनो।
सबको मिले साफ़ हवा पानी, बोतल में पानी बंद करो.. 

साइकिल और विद्दुत वाहन हों
धुंआ प्रदूषण बंद करो.
पटरी पर सारे कब्जे हटाकर
पैदल यात्रा को सुखद करो.. 

तालाब-पोखर पुनः हों जीवित
पार्कों को कब्जा मुक्त करो.
बताओ, बच्चे-युवा कहाँ खेलें?
सभ्यता का आचरण करों।।  

राह करें पथिक की सकरी
धर्म के कैसे मंदिर-मस्जिद हैं?
जनसंख्या पर रोक लगाओ,
सड़कों को कब्जा मुक्त करो.

वह राज्य अब नहीं चाहिये, जिसमें बस साहुकार पले.
सारे हाथों को काम मिले, भोजन-शिक्षा सत्कार मिले।।