नागरी लिपि परिषद के कार्यालय
नागरी लिपि परिषद के कार्यालय राज घाट पर स्थित है. पड़ोस में महात्मा गांधी संग्रहालय है जहाँ विश्व शान्तिदूत महात्मा गाँधी की यादगार वस्तुएं दर्शन रखी गयी हैं.
महात्मा गाँधी स्मारक निधि कार्यालय कक्ष संख्या १९ (19) में जायँ स्थित है वहाँ नागरी संगम पत्रिका और नागरी लिपि परिषद का कार्यालय है. इस कार्यालय में आपको विज्ञ डॉ हरी सिंह पाल जी साथ आपका करेंगे। जैसा कि आज मेरा सत्कार हुआ. हिंदी लिपि यानी नागरी लिपि सम्बन्धी जितनी जानकारी यहाँ है वह जानकार खुशी होती है.
आप भी हिंदी को केवल नागरी ही लिखें और औरों को भी करें.प्रेरित करें। राष्ट्र भाषा (हिंदी) के बिना राष्ट्र गूँगा होता है और जो अपनी मातृभाषा और का सम्मान नहीं करता उसका सम्मान दोस्सरे नहीं करते विदेश में भी सम्मान नहीं होता।
जो बच्चे मात्र भाषा बोलना, पढ़ना और लिखना जानते हैं वह बच्चे प्रवीण होते हैं. जो अपनी मात्र भाषा में अभिव्यक्ति करते हैं उन बच्चों में दूसरे बच्चों से ज्यादा छमता होती है।
नयी दिल्ली से सुरेशचन्द्र शुक्ल (ओस्लो, नार्वे)
नागरी लिपि परिषद के कार्यालय राज घाट पर स्थित है. पड़ोस में महात्मा गांधी संग्रहालय है जहाँ विश्व शान्तिदूत महात्मा गाँधी की यादगार वस्तुएं दर्शन रखी गयी हैं.
महात्मा गाँधी स्मारक निधि कार्यालय कक्ष संख्या १९ (19) में जायँ स्थित है वहाँ नागरी संगम पत्रिका और नागरी लिपि परिषद का कार्यालय है. इस कार्यालय में आपको विज्ञ डॉ हरी सिंह पाल जी साथ आपका करेंगे। जैसा कि आज मेरा सत्कार हुआ. हिंदी लिपि यानी नागरी लिपि सम्बन्धी जितनी जानकारी यहाँ है वह जानकार खुशी होती है.
आप भी हिंदी को केवल नागरी ही लिखें और औरों को भी करें.प्रेरित करें। राष्ट्र भाषा (हिंदी) के बिना राष्ट्र गूँगा होता है और जो अपनी मातृभाषा और का सम्मान नहीं करता उसका सम्मान दोस्सरे नहीं करते विदेश में भी सम्मान नहीं होता।
जो बच्चे मात्र भाषा बोलना, पढ़ना और लिखना जानते हैं वह बच्चे प्रवीण होते हैं. जो अपनी मात्र भाषा में अभिव्यक्ति करते हैं उन बच्चों में दूसरे बच्चों से ज्यादा छमता होती है।
नयी दिल्ली से सुरेशचन्द्र शुक्ल (ओस्लो, नार्वे)
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