कागज़ नगर ( Telangana) के कायरों पर - सुरेशचन्द्र शुक्ल 'शरद आलोक', ओस्लो, नार्वे
एक पेड़ तुम लगाओ एक पेड़ हम.
नेता कृष्णा को करो माफ़ और बदल दो सत्ता
जिसके आवेश में आकर
हाथ में कानून लेकर, घूम रहे तिलचट्टे।
हाथ में कुदाल उठाओ, न कि महिला पर लाठी बरसाओ।
तुमने किस माँ का दूध पिया है?
अच्छा दिया है माँ के दूध का जवाब?
कालेश्वरम प्रोजेक्ट के दुश्मन,
आज हर जगह पानी और हवा में जहर है
वृक्षारोपण से जो तुम्हें देने आया ताजी हवा और पानी
क्यों किसके कहने पर पड़ी लाठी चलानी?
मर्द हो श्रमदान करो, पेड़ लगाओ,
पानी के लिए बाँध लगाओ।
हमको गाय चाहिए साँढ़ नहीं।
तुम समाज पर बोझ हो, बलवान नहीं।
कागजनगर का नाम तुमने किया बदनाम!
क्या चुल्लू भर पानी अब भी बाकी है?
मरने से अच्छा करो पश्चाताप,
जीवन भर करो पेड़ लगाने का काम
पानी के लिए बाँध बनाने के लिए श्रमदान।
मरने से अच्छा करो पश्चाताप,
जीवन भर करो पेड़ लगाने का काम
पानी के लिए बाँध बनाने के लिए श्रमदान।
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