सोमवार, 22 फ़रवरी 2021

पिछली सरकारों ने खोजे, नयी सरकार बेच रही तेल कुँएं - सुरेश चन्द शुक्ल 'शरद आलोक'

 

 

पिछली सरकारों ने खोजे, नयी सरकार बेच रही तेल कुँएं 

                        - सुरेशचन्द शुक्ल 'शरद आलोक'

पिछली सरकारों ने, खोजे हैं तेल कुँयें,

आज की सरकार, बेचना क्यों चाह रहीं. 

यदि चीन-पाकिस्तान आंदोलन के पीछे है,

सर्जिकल स्ट्राइक क्यों नहीं कराते हो. 

 

किसान-युवा  जो जन-आवाज उठाते हैं,

कब तलक उन बेगुनाहों पर, जुल्म ढाओगे?

न्यायपालिका-सत्ता के दुरूपयोग से ,

कभी नहीं लोकतंत्र के प्रहरी कहलाओगे? 

 

देश में  युवाओं को आवाज उठाने दो,

लोकतंत्र के लिए आवाज जरूरी है. 

निहत्थे युवाओं को झूठ में फंसाने से,

वीर नहीं सदा कायर कहलाओगे?

    - सुरेशचन्द शुक्ल 'शरद आलोक'

 



बुधवार, 3 फ़रवरी 2021

किसान आन्दोलन 3 फ़रवरी प्रेस नोट दिल्ली

 *संयुक्त किसान मोर्चा प्रेस नोट*  71 वां दिन, 3 फरवरी 2021

 संयुक्त किसान मोर्चा चल रहे किसान आंदोलन के प्रति अंतर्राष्ट्रीय व्यक्तित्वों के समर्थन को स्वीकार करता है।  एक तरफ, यह गर्व की बात है कि दुनिया की प्रख्यात हस्तियां किसानों के प्रति संवेदनशीलता प्रकट कर रही हैं, वहीं दूसरी ओर, यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि भारत सरकार किसानों के दर्द को समझ नहीं रही है और कुछ लोग शांतिपूर्ण किसानों को आतंकवादी भी कह रहे हैं।


 SKM देश भर के बिजली कर्मचारियों की एक दिन की हड़ताल को समर्थन करता है।  हम बिजली क्षेत्र के निजीकरण का कड़ा विरोध करते हैं।  ड्राफ्ट इलेक्ट्रिसिटी अमेंडमेंट बिल 2020 किसानों के साथ-साथ अन्य नागरिकों पर भी हमला है।

 किसान आंदोलन दिन पर दिन मजबूत होता जा रहा है।  उत्तर प्रदेश में किसान महापंचायतों में भारी समर्थन के बाद, किसानों ने मध्य प्रदेश के डबरा और फूलबाग, राजस्थान के मेहंदीपुर और हरियाणा के जींद में महापंचायतें आयोजित की हैं।  आने वाले दिनों में बड़ी संख्या में किसान दिल्ली आएंगे।

 राजस्थान और पंजाब के किसान लगातार शाहजहाँपुर सीमा पर पहुँच रहे हैं।  सरकार व पुलिस के अत्याचारों के बाद, किसानों ने फिर से पलवल सीमा पर धरना शुरू कर दिया है। आने वाले दिनों में मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और राजस्थान से बड़ी संख्या में किसान इस स्थल पर पहुँचेंगे।

 हम सिंघु धरनास्थल पर पत्रकारों के प्रवेश को रोकने के लिए पुलिस की कार्रवाई की निंदा करते हैं।  सरकार ने इंटरनेट को पहले ही बंद कर दिया है और अब मीडिया के लोगों के विरोध स्थलों पर प्रवेश और कवरेज को भी सरकार रोक लगा रही है ।  सरकार इस आंदोलन की वास्तविकता को देश भर में आम लोगों तक पहुंचने से डर रही है और विरोध स्थलों से संचार को अवरुद्ध करने की पूरी कोशिश कर रही है।  यह सब करके सरकार अपना किसान विरोधी प्रचार प्रसार करना चाहती है, जिसे किसान किसी भी कीमत पर नहीं होने देंगे।  जरूरत है कि इंटरनेट सेवाएं बहाल की जाएं, मुख्य और आंतरिक सड़कों की बैरिकेडिंग को हटाया जाए, आपूर्ति को स्वतंत्र रूप से अनुमति दी जाएं, निर्दोष प्रदर्शनकारियों को रिहा किया जाए, सुनियोजित भीड़ द्वारा शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों पर हमले सरकार द्वारा तुरंत रोके जाएं।


 डॉ दर्शन पाल

 *संयुक्त किसान मोर्चा*

  9417269294

सोमवार, 1 फ़रवरी 2021

कोरोना क़ालीन साहित्य-1:हवा का रुख बदलेगा - सुरेशचन्द्र शुक्ल 'शरद आलोक'

 

‘कोरोना क़ालीन साहित्य Vinden
"हवा का रुख बदलेगा:
यह नुकसान सबका है
स्केटिंग रेस की तरह है समाज,
नाटकीय बदलाव देखता है
गैलरी में बैठकर
जहाँ से सब दिखाई देता है।
पवेलियन में बैठे
जो सर उठा-उठाकर देखते हैं,
पीछे बैठे दूसरे उससे ज्यादा
उचक-उचक कर देखते हैं।
ताकि सब नजर आये?
जो वहाँ नहीं हैं वह
गीता में संजय की तरह
आँखों देखा हाल बता रहे हैं।
हम विश्वास कर रहे हैं
यह अर्ध सत्य है या अंधविश्वास?
घर में बच्चे सवाल पूछते हैं
पानी-बिजली और इंटरनेट बन्द है
हम उन्हें डाँटते है, चुपकर!
तभी बिजली आती है,
टीवी पर संजय प्रगट होता है
धृतराष्ट्र को कुछ नहीं पता है,
संजय उन्हें बताता है,
"महाराज वह धुंआं है,
आँधी का दोष है।
कौन आगे है?
मैच अभी भी चल रहा है?
महाराज वहाँ बिजली नहीं है।
इंटरनेट बन्द है।
रिमोट आपकी मुट्ठी में बंद है।
बस हवा का रुख दूसरी ओर है।
बस उसी से द्वन्द्व है।
संवाद के बिना बढ़ रही है दूरी,
हमारी मजबूरी
अपमान से दुखी हैं
लोगों के मरने का उतना गम नहीं है?
फिर भी आँखे कितनी नम हैं।
आया अवसर कौन छोड़ता है?
आत्मा और शरीर के मध्य
परमात्मा को क्यों लाते हो?
इस अंधे को सब्जबाग दिखाते हो?
जेब पर बैंकों से ज्यादा भरोसा है।
जानते हो यह जेब कौन भरता है?"
 
- सुरेशचन्द्र शुक्ल 'शरद आलोक'
01.02.21