गुप्त युद्ध
सुरेशचन्द्र शुक्ल 'शरद आलोक'
राजनीति में बढ़ा भ्रष्टाचार,
समाज में बढ़ रही घृणा,
राम रावण एक हों गये जहाँ
सत्ताधीश लड़े
जनता के विरुद्ध,
देश लड़ रहा है गुप्त युद्ध।
जैसे-जैसे धर्म का प्रचार,
इतिहास से हो रही छेड़छाड़।
देश का उत्पादन घट रहा,
समाज धड़ाधड़ धड़ों में बँट रहा.
यह भविष्य में बिखरने का संकेत है.
विषाद के विरुद्ध विवेक है?
सबसे अच्छी आय का श्रोत जो,
वह राष्ट्र सम्पत्ति जब बिकने लगे
तो नेतृत्व की आस्था बिकने लगी है
जनता बस बचा सकती है उसे,
जब अन्याय के विरुद्ध हुंकार भरने लगे।
Oslo, 7 जुलाई 2020
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