सिंघवी-सिम्बल कोटि धन्यवाद तुम्हें,
लोकतन्त्र के रक्षक तेरा कोटि नमन
सुरेशचन्द्र शुक्ल 'शरद आलोक'
सुप्रीम कोर्ट को नमन कि वह ई डी, सीबीआई नहीं,
जो शीर्ष सत्ताधीशों के गुण गाते हैं।
संविधान में नैतिकता को भूल गए,
चुनाव आयोग भी निष्पक्ष नहीं रह पाते हैं।
सुप्रीम कोर्ट-निर्णय से भले ही सरकार बची रही।
पर सत्ताधीशों के के फंडे पर्दाफाश हुये।
ई डी, चुनाव आयोग की पोल खुली,
राज्यपाल का निर्णय एकतरफा सिद्ध हुआ।
धन्यवाद न्याय दिलाने वाले सिंघवी-सिम्बल,
देश तुम्हारी सेवा को न भूल पायेगा।
सत्ता के नशे में चूर सभी ताकतों को,
जनता का फैसला सत्ता से बाहर की राह दिखायेगा।
मीडिया अब भी सच कहने से डरती है,
गोलमोल कर अभी भी चर्चा करती है।
धन्य अभिषेक सिंघवी व कपिल सिम्बल
लोकतन्त्र के लुटने से कुछ बचा लिया।
नैतिकता में क्या महाराष्ट्र सरकार स्तीफा देगी,
उद्धव ठाकरे सा नैतिक कर्तव्य निभाएगी।
या सत्ता के हाथ बनी कठपुतली
लोकतन्त्र में भ्रष्टाचार बढ़ायेगी।
ओस्लो, 12.05.23
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