शुक्रवार, 22 दिसंबर 2023

हम चुप क्यों हैं? - सुरेशचन्द्र शुक्ल शरद आलोक

 हम  चुप  क्यों  हैं?

सुरेशचन्द्र शुक्ल शरद आलोक


साक्षी मलिक ने सन्यास लिया,
महिला खिलाडी का अपमान हुआ। 
पुनिया ने पद्मश्री वापस कर,
अपने जमीर का मान किया।

हम किस गुमान में बैठे हैं,
गोदी मीडिया भी चुपचाप रहा।
लोकतन्त्र की हत्या में 
गर हम मौन रहे, अपराधी हैं?

हम आज मौन, अपराध बोध,
कल हमारी बारी है।

सरकार के कान में न जूँ रेंगी,
न ही जनता का आंदोलन हुआ।
हम कितने दोहरे हो  गए हैं 
खिलाडियों का न साथ दिया।

देश  का  युवा  बेरोजगार, 
सेल  फोन  पर  बैठा हुआ
कब  पायेगा रोजगार ?

जनता के सवाल उठाने वाले
सांसदों को किसने किया 
संसद से  बाहर ?

सोशल  मीडिया  पर  युवा
सात  घण्टे बिताना बन्द करें। 
जब  संसद  में  आवाज  बन्द  है 
युवा  अपनी आवाज बुलन्द करें। 

बस्तियों  पर  बुलडोजर  चलाकर, 
ज़िन्दा  मानव  को  बेघर  करके, 
अयोध्या  में  मूर्ति  प्रतिष्ठा  से 
राम  कभी  नहीं  आयेंगे। 
महामारी  में  सबने  देख  लिया,
अपने  भी काम  नहीं  आये थे।

हर  घंटे संघर्ष  करो  तुम
मुद्दों  के  लिए  लड़ो  तुम।
संसद  में  सांसद  निष्कासित, 
लोकतंत्र  बचाने 
सड़कों पर आओ  तुम।
तुमको  संजीवनी  बनना  होगा,
अपने  हक  के  लिये  लड़ना  होगा।

 सुरेशचन्द्र शुक्ल 'शरद आलोक'  22.12.23 

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