तीसरी बार अनफिट प्रधान
- सुरेश चन्द्र शुक्ल 'शरद आलोक'
लोकतंत्र के मन्दिर की,
जिसने कम की आन बान।
लोकतंत्र की यही शान,
तीसरी बार अनफिट प्रधान।
ईमानदारी से कोसों है दूर,
गरीब-असहाय जनता मजबूर।
भ्रष्ट आचरण गन्दी जबान,
है बेईमान अनफिट प्रधान।
संविधान की शपथ लेकर,
लोकतंत्र का करें अपमान।
अन्याय से जनता परेशान
तीसरी बार अनफिट प्रधान।
देश का भविष्य क्या होगा,
लगाना मुश्किल है अनुमान।
मुजरा कर सरकार चलाना
होगा कितना यह आसान।
09.06.24
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