दीप इतने जलाओ, हो देश जगमग,
दुनिया में अंधेरा कहीं रह न जाये।
दीप इतने जलाओ, हो देश जगमग,
भारत में अंधेरा कहीं रह न जाये।
सबके घर में ऐसी खुशियाँ भरी हों,
दुखों की जगह कहीं रह न जाये।
कोरोना से मिलकर लड़े मिल सभी,
बीमारी को हम जड़ से मिटायें।
मुसीबत घड़ी, हो आहुति सभी का,
अपने पड़ोस में कोई भूखा न सोये।
आपस के सारे गिले शिकवे मिटायें,
सेवा-प्रायश्चित का मरहम लगायें।
एकता भाई चारा हो पूरे जगत में,
कोरोना के चलते गले ना लगायें।।
- सुरेशचन्द्र शुक्ल, 'शरद आलोक', ओस्लो।
बीमारी को हम जड़ से मिटायें।
मुसीबत घड़ी, हो आहुति सभी का,
अपने पड़ोस में कोई भूखा न सोये।
आपस के सारे गिले शिकवे मिटायें,
सेवा-प्रायश्चित का मरहम लगायें।
एकता भाई चारा हो पूरे जगत में,
कोरोना के चलते गले ना लगायें।।
- सुरेशचन्द्र शुक्ल, 'शरद आलोक', ओस्लो।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें