बुधवार, 22 अप्रैल 2020

आज पृथ्वी दिवस है, लेनिन का भी जन्मदिन है- - सुरेशचन्द्र शुक्ल ' शरद आलोक'

आज पृथ्वी दिवस है, 
 जॉन कोलेन ने पृथ्वी दिवस के विचार को १९६९ में यूनेस्को केसम्मेलन में प्रतुत किया।
21 मार्च 1970 को सं फ्रांसिस्को, अमेरिका के सम्मलेन में यह तय हुआ कि पृथ्वी दिवस मनाया जाये।
22 अप्रैल 1970 को पहली बार विश्व पृथ्वी दिवस मनाया गया.
लेनिन का भी जन्मदिन है, जिसने दुनिया में तहलका मचा दिया था.
22 अप्रैल 1206 में नार्वे में निदारोस का खूनी विवाह हुआ था.

 जार्ज आर. आर. मार्टिन (George R R Martin )
आज इसकी चर्चा वाजिब है कि जार्ज आर. आर. मार्टिन (George R R Martin ) ने रेड वेडिंग किताब (Red Wedding) लिखी थी जो स्कॉट्स के इतिहास पर लिखी गयी थी. सी एन एन के अनुसार ब्लैक डिनर 1440 और ग्लेनको बर्बर हत्याकांड 1692 में जब शादी की पार्टी में हत्याएं की गयी थीं पर उस समय यह नियम था कि मेहमान को नहीं मारेंगे।
 
 
लेनिन का भी जन्मदिन
आज वाल्देमीर लेनिन का भी जन्मदिन है, जिसने दुनिया में तहलका मचा दिया था. जब वाल्देमीर लेनिन सोलह साल का था उसके भाई को मृत्युदंड दिया गया था और जब वह सत्रह साल की अवस्था में छात्र आंदोलन में सम्मिलित हुआ उसे गिरफ्तार करके दूर भेज दिया गया. लेनिन का जन्म 22 अप्रैल सन 1870 को और मृत्यु 21 जनवरी 1924 को हुई थी. हाँ जिस लेनिन के नाम से एक तरह का समाजवाद जाना जाता है वह है अपने समय के रूस के शक्तिशाली नेता वाल्देमीर लेनिन जिन्होंने बहुत से देशों में और लोगों में जगह बनायी थी और पूरा समाज बदल कर रख दिया था. 

 
अनेक राजनैतिक विचारधाराएं हैं
अनेक राजनैतिक विचारधाराएं हैं जैसे समाजवाद जहाँ सभी को समान अवसर मिले और समानता लाने के लिए कार्य हो.
आज जहाँ समाजवादी प्रजातंत्र को सोशल डेमोक्रेसी कहते हैं जो जर्मनी, नार्वे, स्वीडेन, डेनमार्क, फिन लैंड आदि देशों में है. जिस समाजवाद में प्रायोगिक रूप में डेमोक्रेसी कम है वह है रूस, चीन क्यूबा, जहाँ डेमोक्रेसी का नाम निशान नहीं है जैसे उत्तरी कोरिया आदि.
महात्मा गाँधी, नेल्सन मंडेला, अब्राहिम लिंकन, लेनिन, आदि को प्रत्येक लेखक को और राजनैतिज्ञ को जानना और पढ़ना चाहिये।

 भारत में राजनैतिक विचारधारा के मुख्य श्रोत 
भारतीय सन्दर्भ में जवाहरलाल नेहरू, राम मनोहर लोहिया, जय प्रकाश नारायण आदि की अपनी सोच और विजन था.
नेता अनेक हैं जैसे दीनदयाल उपाध्याय जी और श्यामा प्रसाद मुकर्जी जी ये और उनके समर्थक इनके दर्शन को भारतीय संस्कृति और हिन्दू राष्ट्र को समाहित किये दर्शन बताते हैं पर यह धरातल और 'विचारधारा' हिन्दू धर्म में अनेकों संगठनों और उनके विचारों का गुलदस्ता है.
यह आपको तब तक नहीं पता चलेगा जब तक आप सभी को नहीं पढ़ेंगे.

- सुरेशचन्द्र शुक्ल ' शरद आलोक', 22.04.20 ओस्लो, नार्वे।

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