संसद में बहस बंद है, क्या लोकतंत्र पर खतरा है?
सुरेशचन्द्र शुक्ल 'शरद आलोक'
संसद में बहस बंद है,
क्या लोकतंत्र पर खतरा है.
फिलीपीन, बर्मा (म्यांमार) और भारत पर
लोकतंत्र में खतरे के बादल छाये हैं.
कुछ सांसद सत्याग्रह करते
संसद से बाहर और जेलों में आये हैं.
शीर्ष पदों पर बैठे नेता
किसा अभिमान में डूबे हैं?
अपनी आंदोलनकारी जनता को
दुश्मन जो बड़ा समझते हैं.
सत्ता के नशे में एरोगेन्ट ये मतवाले,
सत्ता से हटाए जायेंगे?
जब उनको न्यायालय सजा देंगे,
तब यही आंदोलनकारी उन्हें बचायेंगे?
देश में गिरफ्तारी के डर से
जब वे फिर भागे-भागे घूमेंगे?
जिन विदेशियों को गरियाते हैं,
उन देशों की शरण में जायेंगे?
जिस पैगासेस और इजराइल
के बल पर इठलाते हो?
अपने देशवासियों की जासूसी कराकर,
लगता क्षद्म राष्ट्रवादी हो?
अपने देश में न घुसने देंगे,
जब शरण लेने वहां पर जाओगे;
उसने भारत के प्रधानमंत्री के पीछे,
युद्ध का जहाज लगाया था।
शीर्ष पदों पर बैठे बैठे
म्यामार, भारत हो, अफगानिस्तान
टर्की, इथोपिया, सूडान या हो नाइजीरियायी
अपने देश के शहीद आंदोलनकारी की
संख्या याद नहीं।
यह है याद कहाँ-कहाँ से लेकर पैसा
किस बैंक में जमा कराया है.
फुस्स पड़ाकों से दगने वाले,
इतिहास याद न करता है?
जिन्दा कौम के नागरिक
अन्याय भूल न पाता हैं.
जहाँ-जहाँ पर बुझी चिंगारी,
वहां अग्नि पक्षी काम आयेंगे?
एरोगेन्ट और घमंडों के सर क्या,
सत्ता से, समय से पहले हट जायेंगे।
जिन्हें जेल में डाला, किया प्रताड़ित,
जब उनकी अगली पीढ़ी
सत्ता में जब आयेगी।
क्या वह अपने पुरखों किसान-मजदूरों के
क्या जख्म भूल पायेगी?
आज हिन्दू-मुस्लिम करने वाले को
केवल महात्मा गाँधी बचाने आयेंगे।
यदि आज तुरन्त पश्चाताप करेंगे?
संसद में बहस कराकर,
सरकार से स्तीफा दे जाएंगे।
यही किसान-मजदूर दुबारा उनको चुनकर लायेंगे।
कार्पोरेटर क्या अपने पिता के हुए हैं?
जो तुम्हारी जान बचायेंगे?
क्या सत्ता जाने वाली है,
लोकतंत्र की बहाली होने वाली है?
एक साल से
किसान आंदोलन कर रहे
केन्द्रीय मंत्री नहीं सुन पा रहे,
शक्तिमान जहाँ पर बहरा है.
संसद को किसकी हाय लगी,
क्या एजेंटों की सरकार बनी?
किसानों को श्रद्धांजलि दे न सके,
जनता कहती वह मक्कार बनी।
तीन कृषि काले कानूनों को
वापस लेने पर मजबूर।
हाँ यही लोकतंत्र का पहरी है
भारत का किसान और मजदूर।
सरकार आँख में पट्टी बांधे,
किसके हाथ का खिलौना है?
गुमराह हुए और संसद को गुमराह कर रहे
प्रधानमंत्री कितना बौना है?
जिन सांसद महिलाओं से,
मार्शल ने दुर्व्यवहार किया।
उन्हीं 12 सांसदों को संसद से
निलंबित कर अपमान किया।।
देखो गांधी के देश की सत्ता,
जिन गैरज़िम्मेदारों के हाथों में?
देशवासियों की करा रहे जासूसी,
खतरनाक पैगसस के हाथो में.
कृषि कानून वापस हुए हैं
पर सोच बदल नहीं पायी है ।
किसान आंदोलनकारी और
किसान-संघर्ष को बहुत बधाई है.
जागो सांसदों! संसद में आकर,
अपनी शक्ति दिखाओ तो।
किसान आंदोलन में शहीद किसानों को
उन्हें सम्मान तो दिलाओ।
जिसे चुना है उसे बदल दो,
यदि वह लोकतंत्र नहीं बचाता है.
देश के लिए शपथ लेकर वह,
खुद खाता किसे खिलाता है?
अपदस्त करो यदि सरकार भ्रष्ट हो,
अब लोकतंत्र को वापस लाना है.
हर भारत माँ की संतानों को
अब अपना देश बचाना है?
1 दिसंबर, 2021