लोकतंत्र में सरकार विपक्ष के जवाब दे।
प्रेस कांफ्रेंस कर हर रोज हिसाब दे।
संवाद के बिना स्वतंत्रता अधूरी है।
हेट स्पीच, फेक न्यूज नफरत बढ़ाते हैं।
सवाल से कभी सरकार नहीं भागे।
जनता के बीच मजबूत करे लोकतंत्र।
सत्ता लोकतंत्र में कभी स्थाई नहीं होती,
पारदर्शिता के बिना कभी न्याय नहीं होता।
राष्ट्रीय गोदी मीडिया दलाली जब करे
निष्पक्ष नहीं तो लोकतंत्र की हत्त्या करे?
सरकार जब विपक्ष के सवालों का जवाब नहीं देती।
वह शासन नहीं चला सकती, स्तीफा क्यों नहीं देती?
केंद्र सरकार राहुल के सवाल का जवाब दे।
सत्ताधारी पार्टी विपक्ष को गलियां बंद करे।
ट्रंप ने कहा, सरेंडर, नरेन्दर!
और तुम जैसे भूमिगत हो गए?
सच्चाई से मत डरो, तुम मौन क्यों प्रधान।
विपक्ष के सवालों का क्यों नहीं लिया संज्ञान?
कुटिल चाणक्य बहुत राष्ट्र भक्त था।
राष्ट्र के नाम पर लगता जैसे कलंक हो गए?
देश के हवाई-अड्डे, पोर्ट, खानें, राष्ट्र सम्पति
क्यों अपने कार्पोरेटर दोस्त को दिया?
राहुल ने जब संसद में चिटठा खोल दिया,
संसद-कार्यवाही से क्यों अडानी नाम हटा दिया।
सांप्रदायिक संगठन खूब धन कमा रहे।
नफरत भर युवाओं को दंगाई बना रहे।
तुम क्रूर, राष्ट्र विरुद्ध क्यों हो गए हो?
किसका दबाव पड़ रहा संसद में बताओ?
आज नयी तकनीक से कुछ नहीं छुपे?
कब्र में भी आदमी हो, कभी नहीं बचे।
कुकर्मों की अगर खुल जाती पोल।
देश में सजा, व विदेश में मखोल।
लोकतंत्र में सवाल व संवाद जरुरी है।
यदि असफल रहे तो स्तीफा जरुरी है।
मित्र के लिए, संसद से बिना अनुमति के
देश की संपत्ति बेचना क्यों मजबूरी?
कौन विदेशी शक्ति तुम्हें धमका रही,
बताना बहुत जरुरी?
कोई जितने अपराध करे, अब नहीं छिपेगा?
छोड़ो सब अपराध, संसद में माफ़ी मांगों यार!
सत्ता से दो त्याग पत्र, यदि
प्रायश्चित नहीं करोगे?
कितने गुप्त बनाए व्यापार,
नहीं छुपा पाओगे?
राष्ट्र के विरुद्ध किए समझौते भेद खुलेंगे।
किसी के राज नहीं छिपेंगे,
जनता को जब पता चलेगा तो
उनके व्यापार नहीं फलेंगे?
आज ना जागे तो देर हो जायेगी।
निरंकुश सत्ता, तानाशाह बन जाएगी।
- सुरेश चन्द्र शुक्ल,
07.06.25