सोमवार, 11 अक्टूबर 2010

चीन के जेल में बन्द लू शिआबो को शान्ति का नोबेल पुरस्कार मिलेगा-शरद आलोक

चीन के जेल में बन्द लू शिआबो को शान्ति का नोबेल पुरस्कार मिलेगा-शरद आलोक

लू शिआबो को शान्ति का नोबेल पुरस्कार मिलेगा, यह सूचना नार्वे में नोबेल शान्ति समिति के अध्यक्ष और यूरोपीय समूह के महामंत्री थूरब्योर्न याग्लंद ने १० अक्टूबर को ग्यारह बजे एक प्रेस कांफ्रेंस में दी।
इसका जोरदार विरोध चीन ने किया है जो सरासर गलत है। एक तरफ चीन सुपर ताकत बनना चाहता है पर सुपर पावर जैसी हरकत नहीं कर रहा। मानवाधिकार का सम्मान और दूसरे स्वतन्त्र संस्थाओं में दखलंदाजी अशोभनीय है जो चीन को भारत से सीखना चाहिए।

पत्नी भी नज़रबंद
इस बीच लू श्याबाओ की पत्नी को भी नज़रबंद कर दिया गया है जबकि श्याबाओ ख़ुद चीन की जेल में बंद हैं, उन्होंने नोबेल पुरस्कार थ्येन आन मन चौक की गोलीबारी मारे गए 'शहीदों के नाम' कर दिया है.
श्याबाओ की पत्नी लू च्याई के वकील ने कहा है कि उनसे संपर्क करना संभव नहीं हो पा रहा है क्योंकि उनके घर का फ़ोन काट दिया गया है और उनके घर के बाहर मौजूद पत्रकारों को उनसे बात करने की अनुमति नहीं है.
चीन ने श्याबाओ को नोबेल पुरस्कार दिए जाने की कड़ी आलोचना करते हुए कहा है कि "यह नोबेल सम्मान के मूल सिद्धांतों के विपरीत निर्णय है".
नामांकन की ख़बर आने के बाद ही चीन ने नॉर्वे के राजदूत को बुलाकर चेतावनी दी थी कि अगर श्याबाओ को नोबेल पुरस्कार दिया गया तो इससे दोनों देशों के संबंध ख़राब हो सकते हैं.
श्याबाओ को 2009 में ग्यारह वर्ष के कारावास की सज़ा सुनाई गई थी, उन पर देश में विद्रोह भड़काने की कोशिश करने का आरोप लगाया गया है।
चीन का विरोध गलत - दलाई लामा
चीन की सरकार ने कई मानवाधिकार कार्यकर्ताओं की आवाजाही पर रोक लगाई है और देश में नोबेल पुरस्कार के बारे में किसी तरह के इंटरनेट चैट पर पाबंदी लगा दी गई है.
तिब्बती धर्मगुरू दलाई लामा को नोबेल पुरस्कार दिए जाने पर भी चीन ने कड़ा एतराज़ जताया था।
नोबेल पुरस्कार समिति का दफ़्तर नॉर्वे की राजधानी ओस्लो में है लेकिन नोबेल समिति नॉर्वे की सरकार के नियंत्रण से बाहर है, नोबेल पुरस्कार समिति कह चुकी है कि वह अपने निर्णय किसी के दबाव में नहीं करेगी.
तिब्बती धर्मगुरू दलाई लामा ने मानवाधिकार कार्यकर्ता लू श्याबाओ को नोबेल पुरस्कार दिए जाने पर चीन के विरोध को ग़लत ठहराया है.
निर्वासन में भारत में रहने वाले दलाई लामा ने कहा, "चीन अलग तरह के विचारों का सम्मान नहीं करता है."
एक जापानी समाचार पत्र को दिए गए इंटरव्यू में दलाई लामा ने कहा कि "अगर चीन एक खुले समाज का निर्माण करता है तभी सबका भला हो सकता है।"
नार्वे के साथ चीन की बैठक रद्द
नार्वे की मंत्री चीन जाने वाली थीं और उनकी बैठक चीन के उच्च स्तर के राजनयिकों से होनी थी। पर विश्ववस्थ सूत्रों से ज्ञात हुआ है की अब यह बैठक फिलहाल रुक गयी है।

कोई टिप्पणी नहीं: