विश्व में हिन्दी सिनेमा 'संभावनाएं और प्रयोग'
हिन्दी सिनेमा के १०० वर्ष पूरे होने पर लखनऊ में विश्व सिनेमा में हिन्दी 'संभावनाएं और प्रयोग' विषय पर व्याख्यान एवं फिल्म प्रदर्शन हुआ जिसमें नार्वे से पधारे भारतीय नार्वेजीय पत्रिका के संपादक सुरेशचंद्र शुक्ल ने मुख्या वक्ता के रूप में कहा कि हिन्दी इनेमा विश्व का सबसे बड़ा फिल्म उद्योग है. हिन्दी फिल्म के समारोह अनेक देशों में हो रहे हैं. यदि हम हिन्दी फिल्मोई अंतर्राष्ट्रीय उत्कृष्टता पर ध्यान दें तो हिन्दी भाषा की फिल्मों को अंतर्राष्ट्रीय स्थान मिल सकता है. ओस्लो में प्रत्येक वर्ष भारतीय सिनेमा उत्सव (बालीवुड फिल्म फेस्टिवल) मनाया जाता है. लखनऊ के फिल्म क्षात्रों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि इंडो-नार्विजन फिल्म स्टुडेंट्स के बीच सांस्कृतिक रचनात्मक सम्बन्ध स्थापित करने का प्रयास करेंगे. इस अवसर पर लखनऊ विश्व विद्यालय के फिल्म के क्षत्र की लघु शोध भारतीय मूल के अंतर्राष्ट्रीय फिल्म निर्देशकों और निर्माताओं पर दाकुमेंत्री फिल्म दिखाई गयी. की पर कार्यक्रम कार्यक्रम सम्पन्न हुआ.
हिन्दी सिनेमा के १०० वर्ष पूरे होने पर लखनऊ में विश्व सिनेमा में हिन्दी 'संभावनाएं और प्रयोग' विषय पर व्याख्यान एवं फिल्म प्रदर्शन हुआ जिसमें नार्वे से पधारे भारतीय नार्वेजीय पत्रिका के संपादक सुरेशचंद्र शुक्ल ने मुख्या वक्ता के रूप में कहा कि हिन्दी इनेमा विश्व का सबसे बड़ा फिल्म उद्योग है. हिन्दी फिल्म के समारोह अनेक देशों में हो रहे हैं. यदि हम हिन्दी फिल्मोई अंतर्राष्ट्रीय उत्कृष्टता पर ध्यान दें तो हिन्दी भाषा की फिल्मों को अंतर्राष्ट्रीय स्थान मिल सकता है. ओस्लो में प्रत्येक वर्ष भारतीय सिनेमा उत्सव (बालीवुड फिल्म फेस्टिवल) मनाया जाता है. लखनऊ के फिल्म क्षात्रों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि इंडो-नार्विजन फिल्म स्टुडेंट्स के बीच सांस्कृतिक रचनात्मक सम्बन्ध स्थापित करने का प्रयास करेंगे. इस अवसर पर लखनऊ विश्व विद्यालय के फिल्म के क्षत्र की लघु शोध भारतीय मूल के अंतर्राष्ट्रीय फिल्म निर्देशकों और निर्माताओं पर दाकुमेंत्री फिल्म दिखाई गयी. की पर कार्यक्रम कार्यक्रम सम्पन्न हुआ.
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