जनता की बैचेनी ही लोकतंत्र का विकल्प बनेगी. -
सुरेशचंद्र शुक्ल 'शरद आलोक'
जनता की बैचेनी ही लोकतंत्र का विकल्प बनेगी. जनता का निर्णय सत्य हुआ तो कायाकल्प करेगी।
महंगाई से रोई जनता कब तक अब सोयेगी
दूजों का बोझ बहुत उठाया, अब अपना बोझ उठाएगी।
अपना नेता चुना जिन्हें था, कुछ तो मद में खोये हैं.
जनता का पैसा लुटा रहे हैं कुछ, खुद भी लूट रहे हैं?
सहकारिता से एकजुट होकर अपना संसार रचेंगे।
देश की खाने, बीमार मिलों को फिर से वापस लायेंगे।
हिन्दू मुस्लिम सिख ईसाई का भारत देश महान है
गांधी सुभाष आजाद भगत के सपनों की खान है
जब तक अपना सम्मान है तब तक अपना अभिमान है
दुनिया में सदा महान रहा है भारत और सदा महान है.
हम कर भी देंगे, श्रमदान करेंगे, देश को खुशहाल करेंगे।
बेईमानों को इमान सिखाकर मिलकर नेतृत्व करेंगे ।
पहले तो बहुत टूटे हैं भैया, अब हम गरीब नहीं टूटेंगे।
गरीब -अमीर दोनों के खातिर सामान द्वार खोलेंगे।
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