शनिवार, 3 अक्टूबर 2015

दो अक्टूबर को गांधी जयन्ती में प्रधानमन्त्री लाल बहादुर शास्त्री जी को (उनके जन्मदिन पर) याद किया गया. 


ओस्लो में गांधी जयंती धूमधाम से संपन्न 
पिछली सदी के महामानव विश्व शान्तिदूत महात्मा गांधी जी का जन्मदिन कल धूमधाम से ओस्लो में मनाया गया.
इस कार्यक्रम में भारतीय दूतावास के सचिव श्री एन पुनप्पन जी ने गांधी जी के जीवन से मार्टिन लूथर किंग, नेलसन मंडेला, लेक वालेसा, दलाई लामा, विशप देशमंद टूटू  और अन्य के रोचक संस्मरणों को सुनाया जिसमें उन्होने गांधी जी के सिद्धांतों अहिंसा, सत्याग्रह और सत्य से सीखने और उन्हें अपना आदर्श मानने की बात की.  
सुरेशचन्द्र शुक्ल ने बताया कि भारतीय -नार्वेजीय सूचना एवं सांस्कृतिक फोरम की स्थापना का पहला कार्यक्रम २ अक्टूबर १९८८ को संत हॉवर्ड चर्च, ओस्लो में आयोजित किया गया था जिसमें ओस्लो के तत्कालीन महापौर अलबर्ट नोर्डिंगन, नार्वे की उप विदेशमंत्री, भारत के राजदूत महामहिम रंगराजन, प्रथम सचिव आर वी पण्डित और लेखकों ने हिस्सा लिया था और गांधी जी पर दिखाई गया वृत्तचित्र एक यादगार चित्र था.
सुरेशचन्द्र शुक्ल ने महान गांधीवादियों से मिलने की बात कही जो उनके जीवन के न भूलने वाले क्षणों में हैं. सुरेशचन्द्र शुक्ल बताते हैं कि नेलसन मंडेला से उनकी भेंट ओस्लो के दोमचर्च में सं १९९३ में हुई थी. उसके पहले दलाई लामा से १९८९ में एक साक्षात्कार भी लिया था जो ओस्लो के स्थानीय पात्र ओस्लो ओयस्त Oslo-øst में प्रकाशित हुआ था. लेक वालेसा, राष्ट्रपति ओबामा, मिखाइल गर्वाचोव, कैलाश सत्यार्थी आदि को नोबेल वक्तव्य देते हुए सुना था जो जिनके आदर्श महात्मा गांधी रहे हैं. शुक्ल जी ने गांधी जी के साथ लाल बहादुर शास्त्री जी को एक ईमानदार प्रधानमंत्री बताया जो सादा जीवन उच्च विचार के मानने वाले थे.
लाइफ हेराल्ड ने गांधी जी के जन्मदिन मयाये जाने को एक बहुत जरूरी कार्यक्रम बताया।  तथा भारतीय- नार्वेजीय सूचना एवं सांस्कृतिक फोरम के कार्य को एक आवश्यक सेतु का कार्य बताया। 
कार्यक्रम में वक्तव्य, कवितापाठ, संगीत और गीतों के साथ संपन्न हुआ. कार्यक्रम का आयोजन भारतीय-नार्वेजीय सूचना एवं सांस्कृतिक फोरम ने किया था. 
नवनिर्वाचित ओस्लो पार्लियामेंट के सदस्य मोशब्बिर बनारस ने कार्यक्रम और सुरेशचन्द्र शुक्ल को विभिन्न संस्कृतियों के मध्य जोड़ने वाला बताया और कार्यक्रम की बधाई दी. 
संगीत 
कार्यक्रम में आशी ने एक कविता गाई तथा डॉ राजेन्द्र प्रसाद शुक्ल ने बांसुरी बजायी और जावेद भट्टी ने टेबल पर सांगत दी. राजकुमार ने गीत गाय और जावेद ने साथ दिया। 
कविगोष्ठी 
कार्यक्रम में अनेक कवियों ने अपनी कविता सुनाईं जिसमें नूरी न्योसेग, लीव एवेनसेन, राय भट्टी, सिग्रिड मारिये रेफ्सुम, गुरु शर्मा, इंगेर मारिये लिल्लेएंगेन, गुरू शर्मा, एलिन स्वेर्दरूप थीगेसन और सुरेशचन्द्र शुक्ल ने कवितायेँ पढ़ीं।      

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