रविवार, 25 अक्तूबर 2015

threatened to Chetana Thirthahalli is against humanaity-Suresh Chandra Shukla

फिल्मकार-लेखिका चेतना थ्रिताहिल्ली को धमकी मानवता के विरुध है
- सुरेशचन्द्र शुक्ल 'शरद आलोक'


ओस्लो में लेखक गोष्ठी में संयुक्त राष्ट्र दिवस मनाया गया.  कार्यक्रम में संयुक्त राष्ट्र दिवस पर वक्तव्य देते हुए सुरेशचन्द्र शुक्ल ने कहा कि हम सभी को दुनिया में भाईचारा के लिए कार्य करना चाहिए।  सभी से प्यार से बात करनी चाहिए और दूसरों की इज्जत करनी चहिये चाहे वह नौकर है, अधिकारी है, बच्चा है बड़ा है किसी भी देश या धर्म का है. आज के दिन का यही महत्त्व है कि सभी की इज्जत करें। और किसी के भड़काने प् न आयें चाहे हमें कोई गाली दे. 
फेसबुक से पता चला और इन्डिया टाइम्स में पढ़ा कि  हिन्दुओं के नाम पर गुंडों की इतनी हिम्मत बढ़ गयी है कि लेखिका और फिल्मकार चेतना थ्रिताहिल्ली को बलात्कार करने और तेज़ाब डालने की धमकी दी है. इस धमकी का कठोर सजा से और जनता में जागरण से निपटा जाये।
यह बहुत ही शर्मनाक और  धिक्कारने वाली बात है. मैं इसकी निंदा करता हूँ।  हमारी प्रतिभावान युवा फिल्मकार चेतना थ्रिताहिल्ली Chetana Thirthahalli को ऐसी गंभीर धमकी दी है.  इसके लिए समाज में जागरण की जरूरत है. 
  सरकार नहीं, यह बतायें हम क्या कर रहे हैं, सरकार नहीं।  क्या समाज में जागरण के लिए स्कूलों और मोहल्लों में मानवाधिकार, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के लिए जागृत करना चाहिये। यह हमारी सोच का परिणाम है, औरत को कमतर समझते हैं. कट्टरता को बढ़ावा देते हैं, शायद इसी लिए और यह कार्य घर से शुरू होना चाहिये। हम सभी नागरिकों का दायित्व है कि किसी के बहकाने में न आयें जो हमको अमानवीय बातें सिखाता है.
अंगरेजी सरकार ने पराधीनता के समय  धर्म के नाम पर कभी हिन्दुओं और कभी मुस्लिमों के स्थानों पर  अनेक कृकृत्य कराये जैसे गाँवों के कुँवों में वह मांस फिकवा देना जो उस धर्म के लोग नापसंद करते हों और लोगों ने पलायन शुरू किया। उन्हें बैठे बैठाएं हमारे भड़कने और उदार ह्रदय से न सोचने के कारण लाभ उठाया।
वैसे भी दुनिया में चेतना थ्रिताहिल्ली (महिला फिल्मकार) जैसे बुद्धिजीवी बहुत कम हैं.  आप किसी के भड़काने पर न आयें चाहे वे अपने हों. मैं तो जब कन्या विद्यालयों में अपना वक्तव्य देने जाता था तो कहता था कि युवा कन्याओं आप सभी बहुत उदार, बहादुर और समझदार हो कभी किसी के भड़काने में नहीं आना और अपनी रक्षा खुद करना। अपने निर्णय खुद लेना। यदि पति के साथ भी यदि गंगा सनान करने जाना तो पति से चार कदम दूर ही स्नान करना क्योँकि यदि आपके विरोध और अनबन के कारन कहीं आपको धक्का न दे  दे और आप डूबने लगें। और आप पहले तैरना सीखना फिर गंगा स्नान करने जाना। धन्यवाद! मेरे पास उन वक्तव्यों की वीडियो-फिल्म है कभी आपके साथ भविष्य में साझा करूंगा। 

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