पुरानी यादें: अमृता प्रीतम, अहमद फराज और आक्ताविओ पाश के साथ
Hei, venner. Et bilde er fra Den første Oslo poesifestivalen i 1985. प्रिय मित्रों! आक्तावियो पाश, अहमद फराज और अमृता प्रीतम के साथ कुछ पुरानी यादें ताजा कर रहा हूँ. सन 1985 की बात है. नार्वे में ओस्लो अंतर्राष्ट्रीय कविता महोत्सव ( ओस्लो इंटरनेशनल पोएट्री फेस्टिवल) में पंजाबी भाषा की यशस्वी लेखक अमृता प्रीतम और उर्दू के मशहूर शायर अहमद फराज, साहित्य में नोबेल पुरस्कार प्राप्त आक्तावियो पाश के साथ मैंने भी अपनी कवितायें पढ़ीं थी. तीन दिन के इस कार्यक्रम में हम लोग काफी समय साथ-साथ रहे. अमृता जी, अहमद फराज और मैं सिगरेट पीते साथ-साथ शाम पार्टियों में खाते - पीते और कवितायें गुनगुनाते। पहले सिगरेट पीता था पर बाद में छोड़ दिया था. ब्रिटेन में शरणार्थी की तरह रह रहे अहमद फराज ने उस समय मुझे एक अपनी कविता की पुस्तक दी थी जो उर्दू और अंगरेजी में थी.
हमारे राजदूत कमल नयन बक्शी जी को भुला पाना आसान नहीं है. वह अक्सर निजी पार्टियों में मुझे अपने निवास पर बुलाते और यदि मेरे उचित कपड़े न पहने होने पर मुझे सलाह देकर अपने कपड़े पार्टी के समय पहनने देते थे. देखिये ऐसे भी राजदूत होते हैं कमल नयन बक्शी जी और निरुपम सेन जी की तरह.
चित्र में बाएं से स्वयं मैं, आक्तावियो पाश, अहमद फराज और अमृता प्रीतम गले मिल रहे हैं.
På bilde fra venstre er Suresh Chandra Shukla, Oktavia Paz, Ahmad Faraz og Amrita Pritam i Den første poesifestivalen i 1985 i Oslo.
Hei, venner. Et bilde er fra Den første Oslo poesifestivalen i 1985. प्रिय मित्रों! आक्तावियो पाश, अहमद फराज और अमृता प्रीतम के साथ कुछ पुरानी यादें ताजा कर रहा हूँ. सन 1985 की बात है. नार्वे में ओस्लो अंतर्राष्ट्रीय कविता महोत्सव ( ओस्लो इंटरनेशनल पोएट्री फेस्टिवल) में पंजाबी भाषा की यशस्वी लेखक अमृता प्रीतम और उर्दू के मशहूर शायर अहमद फराज, साहित्य में नोबेल पुरस्कार प्राप्त आक्तावियो पाश के साथ मैंने भी अपनी कवितायें पढ़ीं थी. तीन दिन के इस कार्यक्रम में हम लोग काफी समय साथ-साथ रहे. अमृता जी, अहमद फराज और मैं सिगरेट पीते साथ-साथ शाम पार्टियों में खाते - पीते और कवितायें गुनगुनाते। पहले सिगरेट पीता था पर बाद में छोड़ दिया था. ब्रिटेन में शरणार्थी की तरह रह रहे अहमद फराज ने उस समय मुझे एक अपनी कविता की पुस्तक दी थी जो उर्दू और अंगरेजी में थी.
हमारे राजदूत कमल नयन बक्शी जी को भुला पाना आसान नहीं है. वह अक्सर निजी पार्टियों में मुझे अपने निवास पर बुलाते और यदि मेरे उचित कपड़े न पहने होने पर मुझे सलाह देकर अपने कपड़े पार्टी के समय पहनने देते थे. देखिये ऐसे भी राजदूत होते हैं कमल नयन बक्शी जी और निरुपम सेन जी की तरह.
चित्र में बाएं से स्वयं मैं, आक्तावियो पाश, अहमद फराज और अमृता प्रीतम गले मिल रहे हैं.
På bilde fra venstre er Suresh Chandra Shukla, Oktavia Paz, Ahmad Faraz og Amrita Pritam i Den første poesifestivalen i 1985 i Oslo.
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