एक साल हो गये श्रीनगर गये - सुरेशचन्द्र शुक्ल 'शरद आलोक '
एक साल पहले मैं जब साहित्यिक कार्यक्रम में श्रीनगर गया था. लोग वहां जाने से मना कर रहे थे. पर बेशक हालात खराब थे और बहुत तनाव था परन्तु जिस प्रकार कश्मीर वासियों ने स्नेह दिया वह कभी न भूलने वाला है.
डॉ बिना बुड़की जी को बहुत धन्यवाद आमंत्रण के लिए और आभार।
एक दीवार पर लिखा था 'इंडियन डॉग' तो मैंने तीन बार जाकर वहां से इंडियन हटा दिया। हर बार लोगों ने मना किया मिटाने पर और हमदर्दी दिखाई पर मुस्करा कर सबसे बचता हुआ कामयाब हुआ था. जिसकी दीवार पर लिखा था उसे भी नहीं पसंद था पर वह भय के कारण नहीं मिटा रहा था.
बायें से श्रीमती व श्री शिक्षा मंत्री से महाकवि कल्हण शारदा सम्मान प्राप्त करते हुए पिछले वर्ष 1 सितम्बर 2016 को श्रीनगर, भारत में.
पिछले वर्ष श्रीनगर कश्मीर में कश्मीरी -हिंदी संगम द्वारा डॉ बिना बुड़की के नेतृत्व में जम्मू और कश्मीर के शिक्षामंत्री ने मुझे महाकवि कल्हण शारदा पुरस्कार से सम्मानित किया था.एक साल पहले मैं जब साहित्यिक कार्यक्रम में श्रीनगर गया था. लोग वहां जाने से मना कर रहे थे. पर बेशक हालात खराब थे और बहुत तनाव था परन्तु जिस प्रकार कश्मीर वासियों ने स्नेह दिया वह कभी न भूलने वाला है.
डॉ बिना बुड़की जी को बहुत धन्यवाद आमंत्रण के लिए और आभार।
एक दीवार पर लिखा था 'इंडियन डॉग' तो मैंने तीन बार जाकर वहां से इंडियन हटा दिया। हर बार लोगों ने मना किया मिटाने पर और हमदर्दी दिखाई पर मुस्करा कर सबसे बचता हुआ कामयाब हुआ था. जिसकी दीवार पर लिखा था उसे भी नहीं पसंद था पर वह भय के कारण नहीं मिटा रहा था.
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