सोशल मीडिया पर शेयर करने के पहले सूचना दस बार जांचिए। - शरद आलोक
इंटरनेट पर धार्मिक उन्माद फैलाने वाली और दिवंगत लोगों की तस्वीर पोस्ट न करें बिना मृतक के परिवार की और प्रशासन की अनुमति लिए बिना यह एथिक के खिलाफ है.
एक बात और आप किसी भी धार्मिक झगड़ा फैलाये जानी वाली, भावनाओं में बहकाने वाली पोस्ट न लिखें और न हीं शेयर कीजिये। यह बहुत घातक है. सूचना को जांचिए। 50 % समाचार भारतीय मीडिया और टी वी पर फेक न्यूज है यह एक सर्वे से आया है जो विश्विद्यालय में एक सेमीनार में पता चला. आप सोशल एक्टिविस्ट बनिए, समाज सेवक बनिए हिन्दू या मुस्लिम एक्टिविस्ट मत बनिए। देश और समाज को जोड़िये और उसकी सेवा कीजिये यदि आप हम करना चाहते है. हम अपने मालिक हैं दूसरों पर कुछ गलत नहीं थोप सकते।
चुनाव के पहले अक्सर ऐसे समाचारों और पोस्टों की ज्यादा बाढ़ आती है.
इंटरनेट पर धार्मिक उन्माद फैलाने वाली और दिवंगत लोगों की तस्वीर पोस्ट न करें बिना मृतक के परिवार की और प्रशासन की अनुमति लिए बिना यह एथिक के खिलाफ है.
एक बात और आप किसी भी धार्मिक झगड़ा फैलाये जानी वाली, भावनाओं में बहकाने वाली पोस्ट न लिखें और न हीं शेयर कीजिये। यह बहुत घातक है. सूचना को जांचिए। 50 % समाचार भारतीय मीडिया और टी वी पर फेक न्यूज है यह एक सर्वे से आया है जो विश्विद्यालय में एक सेमीनार में पता चला. आप सोशल एक्टिविस्ट बनिए, समाज सेवक बनिए हिन्दू या मुस्लिम एक्टिविस्ट मत बनिए। देश और समाज को जोड़िये और उसकी सेवा कीजिये यदि आप हम करना चाहते है. हम अपने मालिक हैं दूसरों पर कुछ गलत नहीं थोप सकते।
चुनाव के पहले अक्सर ऐसे समाचारों और पोस्टों की ज्यादा बाढ़ आती है.
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें