नार्वे से डिजिटल मंच पर सुरेश चन्द्र शुक्ल की कथा ‘अपनी-अपनी हिस्सेदारी’ पर परिचर्चा एवं अन्तरराष्ट्रीय कवि सम्मेलन सम्पन्न
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि तेज स्वरूप त्रिवेदी संगीत नाटक अकादमी दिल्ली, विशिष्ट अतिथि डॉ. राकेश कुमार जयपुर एवं प्रो. के. पंकज पूर्व विभागाध्यक्ष पूर्णिया विश्वविद्यालय थे।
कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रो. नमिता आर्य पुणे ने किया।
‘अपनी-अपनी हिस्सेदारी’ कहानी पर परिचर्चा में
डॉ. ऋषि कुमार मणि त्रिपाठी, शशि पाराशर, डॉ. कुँअर वीर सिंह मार्तण्ड और डॉ. राकेश कुमार आदि ने कहा कि
‘अपनी-अपनी हिस्सेदारी’ एक सशक्त व्यंग्य कथा है जो पुस्तक विमोचन और उत्सवों में दिखावे पर चुटीले प्रहार करती है। कथा मनोरंजक है जो पाठकों और श्रोताओं को गुदगुदाती है।
कार्यक्रम में लघुकथाओं और कविताओं का पाठ देश-विदेश के रचनाकारों ने किया जिसमें
विदेश से: रचना पाठ करने वाले डॉ. ऋतु ननन पांडेय नीदरलैंड, डॉ. शिप्रा शिल्पी जर्मनी, नीरजा शुक्ला कनाडा एवं सुरेशचन्द्र शुक्ल ‘शरद आलोक’ नार्वे ने काव्य पाठ किया।
भारत से: शशि पाराशर एवं डॉ. रजनीकान्त शुक्ल दिल्ली, हरे राम बाजपेयी इंदौर, डॉ. कुँअर वीर सिंह मार्तण्ड, प्रो. के पंकज पूर्णिया, प्रो. नमिता आर्य पुणे, डॉ. राकेश कुमार एवं नवल किशोर जयपुर, डॉ. रश्मी चौबे गाजियाबाद, डॉ. करुणा पांडेय लखनऊ ने काव्य पाठ किया।
अंत में हरेराम बाजपेयी ने सभी को गणेश चतुर्थी की बधाई दी और ऐसे आयोजन को महत्वपूर्ण बताया।
कार्यक्रम का आयोजन किया था भारतीय-नार्वेजीय सूचना एवं सांस्कृतिक फोरम ने।
- संगीता शुक्ला, ओस्लो, नार्वे से
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें