भारत की पूर्ण आजादी का सपना देखने वाले चंद्रशेखर आजाद को प्रणाम-'शरद आलोक'
आज भारत की पूर्ण स्वतंत्रता का स्वप्न देखने वाले महान क्रांतिकरी चंद्रशेखर आजाद का जन्म दिन है।
वह हम सभी के लिए प्रेरणा हैं तथा वीरता और त्याग की एक बहुत बड़ी मिसाल हैं।
२३ जुलाई १९०६ को मध्य प्रदेश के झाबुआ जिले में जन्मे, उन्नाव जिले से जुड़े और देश भारत की आजादी के लिए अपनी कुर्बानी देने वाले क्रन्तिकारी वीर चंद्र शेखर आजाद की मृत्यु २७ फरवरी १९३१ को इलाहबाद में अंग्रेजी पुलिस से संघर्ष करते हुए आखिरी गोली स्वयम अपने को मार ली ताकि वह जीवित उनके हाथ न आ सकें।
भारत में सभी के लिए सामान अवसर और इज्जत का जीवन व्यतीत हो ऐसे महँ विचारों वाले अमर शहीद चंद्र शेखर आजाद को अपनी एक कविता के माध्यम से शीश नवाता हूँ ।
पूर्ण आजादी के मतवाले,
भारत माँ के लाल!
भारत में कोई न भूखा होगा,
शिक्षा और चिकित्सा सबको
भेदभाव का कोढ़ न होगा
मस्तक ऊँचा होगा अपना
न कोई हो कंगाल।
उठो युवा अब देश बुलाता
आहुति दे अपने देश के
यज्ञों - हवनों में त्याग प्रेम की
सुमिधा बन जीवन महकाएँ
अपने लिए जिए बहुत हम भइया,
दूजों के लिए राह बनाएं।
मनुज विश्व के कुछ कर जाएं
भाग्य कर्म से ओ बलिदानी
अपना कर्तव्य निभाएं।
आजाद कोटि नमन है
शरद आलोक शीश झुकाता
वीरता और पौरुष को
उद्देश्यों को गले लगाऊं
कट जाऊं पर शीश न झुकाऊं
सत्य, त्याग, समता के खातिर
जीवन सदा करूँ न्योछावर अपना धर्म निभाऊं ।
4 टिप्पणियां:
चन्द्रशेखर आजाद के जन्मदिन पर हम सब भी भारत की राष्ट्रीय अखण्डता को बनाए रखने का प्रण करें।
प्रणाम एवं नमन!!
वीर चंद्र शेखर आजाद को याद कराने के लिए धन्यवाद .. मेरा शत शत नमन उन्हें !!
jinki smriti maatra se dhamniyon me deshbhakti ka
pravaah hone lagta hai
aise
mahaantam balidaani ko
vinamra pranaam !
JAIHIND !
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