नार्वे में भारत की सत्तरवीं आजादी का जश्न
माया भारती, ओस्लो, नार्वे
ओस्लो, नार्वे में भारत की स्वतन्त्रता दिवस की सत्तरवीं वर्षगाँठ का जश्न 15 अगस्त को शुरू हुआ जो 23 अगस्त तक मनाया जा रहा है। ओस्लो में भारतीय दूतावास में भारतीय राजदूत एन ए के ब्राउन ने ध्वजारोहण किया और भारत के राष्ट्र्गान और भारत माता की जय के घोष से इण्डिया हॉउस,ओस्लो गूँज गया. राष्ट्रपति महामहिम प्रणव मुकर्जी के सन्देश को पढ़कर जब राजदूत महोदय ने सुनाया तो सभी की तालियों की गड़गड़ाहट से वातावरण गुंजायमान हो गया.
फिर शाम को भारतीय -नार्वेजीय सूचना एवं सांस्कृतिक फोरम की ओर से भारतीयों ने बहुत धूमधाम से स्वतंत्रता दिवस समारोह मनाया। 'गोकुलम' और 'दामिनी हाउस आफ कल्चर' संस्था के कलाकारों के अलावा भारत के प्रतिभावान कलाकारों ने भाग लिया और कार्यक्रम का शुभारम्भ मन्त्र पाठ, वंदना तथा राष्ट्र गीत 'वन्देमातरम' से हुआ.
भारतीय दूतावास के सचिव एन पुनप्पन जी ने राष्ट्रपति का सन्देश पढ़ा. अध्यक्षता कर रहे संस्था के अध्यक्ष सुरेशचन्द्र शुक्ल 'शरद आलोक' ने सभी को बधाई देते हुए भारत देश की आजादी के दीवाने की याद दिलाते हुए सीमा और देश में सुरक्षा में लगे सभी भारतीयों के यशगान और जयगान किया और कहा कि विदेशों में भी भारतीय समुदाय अपनी कड़ी मेहनत से अपने और देश के आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं तथा उन्होंने भविष्यवाणी की कि भारत भविष्य का कान्टीनेंट है.
स्थानीय मेयर थूरस्ताइन विंगेर ने भारत की स्वतन्त्रता के लिए सभी को बधायी देते हुए भारतीय -नार्वेजीय सूचना एवं सांस्कृतिक फोरम के इस आयोजन को इंट्रीग्रेशन में महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि भारतीय संस्कृति एक बहु संस्कृतियों का गुलदस्ता बताया।
कवितापाठ करने वालों में सिगरीद मारिये रेफसुम, इंगेर मारिये लिल्लेएंगेन, गुरु शर्मा, विष्णु अग्रवाल, प्रवीण गुप्ता, लैला खालिद और सुरेशचंद्र शुकल 'शरद आलोक' थे.
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