जम्मू -कश्मीर में सभी को शिक्षा और प्रेम की जरूरत - सुरेशचन्द्र शुक्ल 'शरद आलोक' Suresh Chandra Shukla
स्टाकहोम में भोजन के पूर्व मित्रों के साथ
हिंदी कश्मीरी संगम द्वारा आयोजित जम्मू कश्मीर में सेमीनार और पुरस्कार समारोह २८ और २९ अगस्त २०१६ को हम जब सौहाद्र और मुहब्बत का पैगाम लेकर हम जा रहे हैं. हम यह सोचे कि हमने देश और समाज को क्या दिया है न कि यह सोचें कि देश ने हमको क्या दिया है.
आज हमारे अनुभवी और लोकप्रिय नेता राजनाथ सिंह जी कश्मीर यात्रा पर हैं और हम दो दिन बाद यात्रा पर होंगे।
हम सभी का मकसद है कि वहां सभी मूल निवासी कश्मीरी पंडित सहित और वहां की संघर्षरत जनता और बेरोजगार और अध्ययनशील युवा सभी मिलकर शांति से श्रमदान से विचार विमर्श से जम्मू कश्मीर को एक सैलानियों का स्वर्ग और आई -टी घाटी बना दें.
फिलहाल सपना देखने के बाद ही पूरा होता है. आज के आधुनिक युग में दकियानूसी ख्यालों और धार्मिक कट्टरता को एक किनारे रखना होगा। हम साथ नमाज पढ़े और साथ-साथ मंदिर जायें पर पड़ोस में कोई प्यासा तो नहीं, कोई बिटिया बिना स्कूल के तो नहीं यदि है तो क्यों और उसके लिए प्रयास किये जाने चाहिए।
में सर्वधर्म भाव और
स्टाकहोम में भोजन के पूर्व मित्रों के साथ
हिंदी कश्मीरी संगम द्वारा आयोजित जम्मू कश्मीर में सेमीनार और पुरस्कार समारोह २८ और २९ अगस्त २०१६ को हम जब सौहाद्र और मुहब्बत का पैगाम लेकर हम जा रहे हैं. हम यह सोचे कि हमने देश और समाज को क्या दिया है न कि यह सोचें कि देश ने हमको क्या दिया है.
आज हमारे अनुभवी और लोकप्रिय नेता राजनाथ सिंह जी कश्मीर यात्रा पर हैं और हम दो दिन बाद यात्रा पर होंगे।
हम सभी का मकसद है कि वहां सभी मूल निवासी कश्मीरी पंडित सहित और वहां की संघर्षरत जनता और बेरोजगार और अध्ययनशील युवा सभी मिलकर शांति से श्रमदान से विचार विमर्श से जम्मू कश्मीर को एक सैलानियों का स्वर्ग और आई -टी घाटी बना दें.
फिलहाल सपना देखने के बाद ही पूरा होता है. आज के आधुनिक युग में दकियानूसी ख्यालों और धार्मिक कट्टरता को एक किनारे रखना होगा। हम साथ नमाज पढ़े और साथ-साथ मंदिर जायें पर पड़ोस में कोई प्यासा तो नहीं, कोई बिटिया बिना स्कूल के तो नहीं यदि है तो क्यों और उसके लिए प्रयास किये जाने चाहिए।
में सर्वधर्म भाव और
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