जी एस टी GST वस्तु और सेवा टैक्स यह है जरूरी कदम. बधाई
आज 1 जुलाई 2017 से भारत में लागू.
अच्छा हुआ कि आदरणीय प्रधानमंत्री ने साबरमती आश्रम की जयन्ती मनाने पर चरखा भी चलाया वैसे पहले तो चरखे का उनका दूर-दूर तक नाता नहीं था. (श्री मोदी जी पर तीन छपी पुस्तक में कहीं भी चरखे जिक्र नहीं है. ये पुस्तकें मेरे पास हैं.). काश श्री मोदी जी भी अब दस लाख के सूट पहनने की परम्परा को तोड़कर अब महात्मा गांधी जी की तरह खद्दर पहनने लगेंगे। यह सत्य है वह खादी पहनने लगेंगे लेकिन जिक्र नहीं करेंगे कि प्रेरणा कहाँ से मिली और कब और कैसे अहसास हुआ. इसीलिए यदि व्यक्ति को महान बनना है तो हर उस चीज का जिक्र करे जिससे उसे प्रेरणा मिले। अन्यथा आप ऊँचा पद पा सकते हैं पर महान नहीं बन सकते।
जी एस टी के विधिवत लागू होने के लिए बधाई।
आज 1 जुलाई 2017 से भारत में लागू.
Indian
President Pranab Mukherjee (C), Prime Minister Narendra Modi (2nd L),
Parliament Speaker Sumitra Mahajan (2nd L) and Vice-President Hamid
Ansari (R) arrive for a special session for the implementation of The
Goods and Services Tax (GST) at Parliament House in New Delhi on June
30, 2017. — AFP
Indian
President Pranab Mukherjee (C), Prime Minister Narendra Modi (2nd L),
Parliament Speaker Sumitra Mahajan (2nd L) and Vice-President Hamid
Ansari (R) arrive for a special session for the implementation of The
Goods and Services Tax (GST) at Parliament House in New Delhi on June
30, 2017. — AFP
Indian
President Pranab Mukherjee (C), Prime Minister Narendra Modi (2nd L),
Parliament Speaker Sumitra Mahajan (2nd L) and Vice-President Hamid
Ansari (R) arrive for a special session for the implementation of The
Goods and Services Tax (GST) at Parliament House in New Delhi on June
30, 2017. — AFP
Indian
President Pranab Mukherjee (C), Prime Minister Narendra Modi (2nd L),
Parliament Speaker Sumitra Mahajan (2nd L) and Vice-President Hamid
Ansari (R) arrive for a special session for the implementation of The
Goods and Services Tax (GST) at Parliament House in New Delhi on June
30, 2017. — AFP
भारतीय संसद में पहले आजादी का उत्सव मनाने की परम्परा थी, अब कानून लागू करने के कार्यक्रम से परम्परा टूटी। परम्परा का टूटना बुरा नहीं है, पर बहुत सी कुरीतियों की परम्परा को भी रोकना जरूरी है.अच्छा हुआ कि आदरणीय प्रधानमंत्री ने साबरमती आश्रम की जयन्ती मनाने पर चरखा भी चलाया वैसे पहले तो चरखे का उनका दूर-दूर तक नाता नहीं था. (श्री मोदी जी पर तीन छपी पुस्तक में कहीं भी चरखे जिक्र नहीं है. ये पुस्तकें मेरे पास हैं.). काश श्री मोदी जी भी अब दस लाख के सूट पहनने की परम्परा को तोड़कर अब महात्मा गांधी जी की तरह खद्दर पहनने लगेंगे। यह सत्य है वह खादी पहनने लगेंगे लेकिन जिक्र नहीं करेंगे कि प्रेरणा कहाँ से मिली और कब और कैसे अहसास हुआ. इसीलिए यदि व्यक्ति को महान बनना है तो हर उस चीज का जिक्र करे जिससे उसे प्रेरणा मिले। अन्यथा आप ऊँचा पद पा सकते हैं पर महान नहीं बन सकते।
जी एस टी के विधिवत लागू होने के लिए बधाई।
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