नॉर्वे की नोबेल समिति की अध्यक्ष Berit Reiss Andersen को नहीं मिला चीन का वीजा
ओस्लो। विश्व प्रतिष्ठित
नोबेल शांति पुरस्कार
के लिए विजेता
का चयन करने
वाली नॉर्वे की
नोबेल समिति की
अध्यक्ष बेरित रेइस अंदरसेन को चीन ने वीजा
देने से इंकार
कर दिया है।
वह नोबेल
शांति पुरस्कार से सम्मानित
चीनी मानवाधिकार कार्यकर्ता एवं लोकतंत्र समर्थक लियू शियाओबो के अंतिम संस्कार में
भाग लेने के लिए चीन आना चाहती थीं।
ओस्लो स्थित चीन के वाणिज्य दूतावास ने उनकी वीजा
संबंधी अर्जी को अस्वीकार कर दिया। उनसे कहा गया कि वीजा के लिए दी गई अर्जी गलत है।
उनके पास उस व्यक्ति का भेजा आमंत्रण पत्र नहीं है जिसके पास वह जा रही हैं। दूतावास
को जब बताया कि वह एक अंतिम संस्कार में भाग लेने के लिए चीन जाना चाहती हैं। जिस व्यक्ति
का आमंत्रण पत्र मांगा जा रहा है, वह अब दुनिया में नहीं है। तब कहा गया कि मृतक के
रिश्तेदार का आमंत्रण पत्र होना चाहिए।
एंडरसन के यह बताने पर कि मृतक शियाओबो की पत्नी
किसी से मिल नहीं पा रही हैं। वे मानसिक और शारीरिक रूप से अस्वस्थ हैं। उन्होंने यह
भी बताया कि चीन में ठहरने के लिए उन्होंने होटल तक बुक करा लिया है और उनके पास वापसी
का टिकट भी है। ऐसे में उन्हें वहां रुककर किसी खास उद्देश्य को पूरा नहीं करना। लेकिन
दूतावास कर्मियों ने उनकी बात नहीं सुनी और आवेदन अस्वीकार कर दिया। गौरतलब है कि इस
पांच सदस्यीय समिति का चयन नॉर्वे की संसद करती है और इसमें देश के बहुत ही सम्मानित
लोग होते हैं। (वार्ता)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें